अप्राप्ति sentence in Hindi
pronunciation: [ aperaapeti ]
"अप्राप्ति" meaning in English "अप्राप्ति" meaning in Hindi
Examples
- चोरी या गुम हुई वस्तु की प्राप्ति / अप्राप्ति ज्ञात करने की विधि: अंधलोचन नक्षत्र में गुम हुई या चोरी हुई वस्तु पूर्व में होती है और उसके शीघ्र मिलने की पूरी संभावना रहती है।
- किसी अति निकट संबंधी के खोने के अतिरिक्त अप्राप्ति के फलस्वरूप अनाथ, बेसहारा, निःसंतान और बांझपन के कारण भी व्यक्ति अत्यधिक शोकाकुल अथवा व्यथित होता है और कदाचित भावावेश में आत्महत्या भी कर लेता है।
- जिस तरह महात्मा गाँधी को नोबेल अप्राप्ति की बाबद खुद गाँधीजी से अधिक भारत और नोबेल प्रदायक निर्णायक समिति सहित समस्त विश्व आज तक असमंजस में है, ठीक उसी तरह अथवा लगभग उसी असमंजस में भारतीय लेखक समाज है।
- हे मुनीश्वर! इस इच्छा में वह सदा जलता ही रहता है जैसे मरुस्थल की नदी को देख मृग दौड़ता है और जल की अप्राप्ति से जलता है वैसे ही कामी पुरुष विषय की वासना से जलता है और शान्ति नहीं पाता ।
- जिस तृषार्त ने जल की अप्राप्ति में अपना प्राण त्याग दिया, उसको फिर समुद्र ही मिले तो क्या प्रयोजन? यदि मुझको शिशुपाल का मुख देखना ही पड़ा, और मैंने अपना प्राण त्याग ही दिया, तो प्राणप्यारे आ ही के क्या करेंगे।
- वास्तव में काम. अर्थात इच्छा, कामना, काम्यता ही सबसे बड़ा शत्रु है है विकारों को प्रारम्भ करने वाला-> लोभ, लालच, लालसा अर्थात प्राप्ति हेतु प्रयत्न-> जिसके अप्राप्ति, असफलता या अयोग्यता से-> क्रोध-> स्मृति नाश...
- प्राप्ति और अप्राप्ति का लेखा जोखा भी हमारे साथ ही चलता रहता है तथा हमारा मन यह सोंचता रहता है कि हमने क्या पाया और क्या खोया? पाने पर जितनी ख़ुशी होती है, खोने पर उतना ही दुःख और उसी के साथ चिंतन भी बढ़ जाता है।
- मुनिवर, खेद है कि मनुष्यों का यौवन वनस्वरूप है, प्रियतम स्त्री, पुत्र आदि इष्ट पदार्थों की अप्राप्ति और वियोग-जनित सन्ताप से पैदा हुआ शोष और रोदन उसके वृक्ष हैं, मन उक्त वृक्षों की बड़ी जड़ है और दोषरूपी साँप उन वृक्षों के खोखलों में निवास करते हैं।।
- ‘बस उसी को समझा नहीं पाया '-कविता इसी अप्राप्ति का इजहार है: ‘'बस उसी को समझा नही पाया/ जिसे समझाने में बिता दी उम्र।.....बस एक वही नहीं था/ जिसे होना था जीवन में/ कम से कम एक बार।‘' और जब ऐसा अवसर आया कि जीवन में अभाप्सित संग साथ मिला तो कवि ऐसे प्रत्युत्तर की खोज में है कि
- प्रश्न के माध्यम से क्रय-विक्रय, खोई या नष्ट वस्तु, चोर व चोरी गई वस्तु, विद्या में सफलता या असफलता, द्वंद्व, प्रवास, मूक-प्रश्न, देवादि दोष ज्ञान, कार्य की सिद्धि-असिद्धि, रोग-वृद्धि, रोग नाश, धन की प्राप्ति या अप्राप्ति, भूमि-आवास, संपŸिा, कृषि कार्यों से लाभालाभ आदि अनेक तात्कालिक व महत्वपूर्ण प्रश्नों के उŸार आसानी से दिए जा सकते हैं।