बर्बर लोग sentence in Hindi
pronunciation: [ berber loga ]
Examples
- और इस कीमत को सबसे अधिक उन्हें ही चुकाना चाहिए जो सबसे ‘ असंवैधानिक ', सबसे ‘ अलोकतांत्रिक ' और सबसे ‘ असभ्य ' हैं. वे बर्बर लोग, जिनकी पहचान कराने के लिए आपको अनेक बार राष्ट्रीय-क्षेत्रीय अखबारों के आधे-आधे पन्ने खर्च करने पड़े हैं.
- हम हजार गालियां देते हैं कि समाज की संवेदनाएं मर गई हैं, समाज बर्बर हो गया है, पर यह सब इसलिए क्योंकि वही बर्बर लोग हमेशा सामने दिखते हैं और ऐसे लोग अपने इन छोटे-छोटे पर महत्वपूर्ण कामों से समाज की उस गंदगी को संतुलित करने की कोशिश करते रहते हैं.
- [कुछ युवक उठ कर जाते हैं, लोग एकत्र होने लगते हैं] वृद्ध-जन सुने, गण सुने, ब्रह्म सुने, यह धरती हमें आश्रय देती है, कुछ बर्बर लोग जो हमें हटा कर भूमि पर अधिकार करना चाहते हैं, हम उनसे नहीं डरते, हमारी स्त्रियाँ, बालक सब युद्ध करना जानते हैं.
- इसलिए कभी उन अनुभवों पर भी लिखें जो मुस्लिम या ऐसे ही दूसरे धर्मावलम्बियों की बर्बरता के उद्धरण हों! मेरा कहने का आशय यह है कि बर्बरता समस्त धर्मावलम्बियों के असामान्य / असहज व्यवहार और सोच की सन्तति है इसे इंसानी मूल्यों के विरुद्ध घृणाजीवियों का अभ्यारण्य भी कह सकते हैं! बर्बर लोग सभी धर्मो में मौजूद हैं!
- आपकी टिप्पड़ी पढ़कर लगा आप या तो स्वयं भयभीत हैं या भी दूसरों को भयभीत करने की कोशिश करने के लिए काल्पनिक कहानियाँ गढ़ने वाले व्यक्ति हिन्दुस्तान में सरकार चाहे कितनी भी निकम्मी क्यों न हो यहाँ के न्यायालयों में भले ही न्याय देर से मिले लेकिन इस व्यवस्था में इतना दम हमेशा रहा है की कोई भी आदमखोर और घिनौना व्यक्ति जिसने मध्ययुगीन बर्बरता (लिखा तो आपने है लेकिन क्या आपको पता भी है कि वो मद्यायुगीन बर्बर लोग कौन थे?
- थोड़ी सी शर्म इस हंसी में ढेर सारी मौकापरस्ती और एक छापामार किस्म का सुख बीसवीं सदी के अंतिम दशक का पर हंसते हुए ये लोग पिछले जमाने के बर्बर लोग नहीं हैं कि हंसे तो हंसते ही चले जाएं ये हंसते हुए दो सौ आदमी पल भर में गायब हो जाते हैं सिर्फ एक गाड़ी के आते ही दूर उपनगर के प्लेटफार्म नंबर तीन पर सुबह साढ़े नौ बजे खड़ी हुई हे सृष्टि की सबसे अनमोल रचना अब इस प्लेटफार्म पर सिर्फ तुम्हारा निपट नंगापन बचा है अगली गाड़ी के आने तक
- बहुत ही सुन्दर उद्गार हैं आपके...हन्त आज हमारे देश में पश्चिमी और मध्ययुगीन विचारधारा के प्रसार ने शक्तिस्वरुपा बालिकाओं को अस्पृश्य बना दिया है...इश्वर ने मुझे पहले बेटी दिया और बाद में बेटा और मुझे अपनी बेटी और बेटे दोनों प्यारे हैं..बेटी तो शायद कुछ अधिक ही...साथ ही मैं यह भी जानता हूँ की इसी समाज में एसे बर्बर लोग भी है जो बेटी के पैदा होने से पहले ही उसे गर्भ में ही मर डालते है..इश्वर इन आततायियों को नष्ट करें...आपकी कविता भुत ही बेहतरीन है...वन्देमातरम के द्वारा: