हरि meaning in Hindi
[ heri ] sound:
हरि sentence in Hindiहरि meaning in English
Meaning
संज्ञा- / कवि ने इस कविता में शिवाजी की तुलना सिंह से की है"
synonyms:सिंह, बब्बर शेर, बबर शेर, शेर, केशी, केसरी, केशरी, केहरी, मयंद, हैदर, पशुनाथ, मृगारि, मृगाश, मृगाशन, मृगाधिप, मृगाधिराज, श्वेतपिंगल, द्विरदांतक, द्विरदान्तक, द्विरदाशन, नभाकांति, नभाकान्ति, लंकाल, पारिंद्र, पारिन्द्र, सटांक, नागांतक, नागान्तक, बहुबल, रक्तजिह्व, दीप्तपिंगल, मृगनाथ, मृगपति, शैलेय, हेमांग, महाविक्रम, महानाद, सटाल, विक्रांत, विक्रान्त - हिन्दुओं के एक प्रमुख देवता जो सृष्टि का पालन करने वाले माने जाते हैं:"राम और कृष्ण विष्णु के ही अवतार हैं"
synonyms:विष्णु, नारायण, सत्यनारायण, सत्य-नारायण, रमाकांत, रमाकान्त, रमापति, रमानाथ, कमलापति, लक्ष्मीपति, लक्ष्मीकांत, लक्ष्मीकान्त, कमलेश, केशव, माधव, मधुसूदन, वैकुंठनाथ, बैकुंठनाथ, रमारमण, रमाधव, अच्युत, चक्रधर, चक्रपाणि, जगदीश, जगदीश्वर, जनार्दन, त्रिलोकीनाथ, त्रिविक्रम, रमानिवास, रमेश, विश्वंभर, विश्वम्भर, श्रीनिवास, अंबरीष, इंदिरा रमण, श्रीरमण, पुंडरीकाक्ष, असुरारि, अनीश, अन्नाद, गरुड़गामी, गरुड़ध्वज, वंश, महेंद्र, महेन्द्र, वासु, श्रीश, अब्धिशय, डाकोर, सहस्रजित्, सहस्रचरण, सहस्रचित्त, शारंगपाणि, शारंगपानि, अक्षर, अब्धिशयन, कमलनयन, कमलनाभि, कमलेश्वर, कैटभारि, खगासन, गजाधर, चक्रेश्वर, जनेश्वर, त्रिलोकेश, दामोदर, देवेश्वर, महाभाग, सुरेश, वारुणीश, व्यंकटेश्वर, शेषशायी, श्रीकांत, श्रीकान्त, श्रीनाथ, श्रीपति, अम्बरीष, सर्वेश्वर, सारंगपाणि, हृषिकेश, हृषीकेश, हिरण्यकेश, वसुधाधर, बाणारि, हिरण्यगर्भ, वीरबाहु, कमलनाभ, पद्मनाभ, पद्म-नाभ, स्वर्णबिंदु, स्वर्णबिन्दु, अमरप्रभु, शतानंद, शतानन्द, धंवी, धन्वी, महाक्ष, महानारायण, महागर्भ, सुप्रसाद, खरारि, खरारी, विश्वधर, विश्वनाभ, विश्वप्रबोध, विश्वबाहु, विश्वगर्भ, विश्वकाय, धातृ, धाम, विधु, रत्ननाभ, जगन्, विभु, दम, सर्व, फणितल्पग, शिखंडी, शिखण्डी, वर्द्धमान, वर्धमान, कुंडली, कुण्डली, जगद्योनि, शुद्धोदनि, देवाधिदेव, चिरंजीव, अमृतवपु, अरविंद नयन, अरविन्द नयन, अरुणज्योति, अरुण-ज्योति - यदुवंशी वसुदेव के पुत्र जो विष्णु के मुख्य अवतारों में से एक हैं:"सूरदास कृष्ण के परम भक्त थे"
synonyms:कृष्ण, श्याम, कन्हैया, कान्हा, किशन, श्रीकृष्ण, नंदलाल, नन्दलाल, केशव, गिरिधर, गोपाल, द्वारिकाधीश, बनवारी, ब्रजबिहारी, माधव, मुरारी, कालियमर्दन, वनमाली, अच्युत, मनमोहन, दामोदर, गरुड़गामी, वासुदेव, नरनारायण, पीतवास, अहिजित, कंसारि, कमलनयन, कुंजबिहारी, कृष्णचंद्र, गिरिधारी, गोपीश, गोपेश, गोविन्द, गोविंद, गोविन्दा, गोविंदा, घनश्याम, द्वारिकानाथ, द्वारकाधीश, द्वारकानाथ, नंदकिशोर, नन्दकिशोर, मुरलीवाला, मोहन, मुरली मोहन, योगीश, योगीश्वर, योगेश, योगेश्वर, राधारमण, वंशीधर, विपिन विहारी, वंशीधारी, बलबीर, शकटारि, बकवैरी, शतानंद, शतानन्द, मंजुकेशी, मधुसूदन, खरारि, खरारी, नंदकुमार, नन्दकुमार, नंदकुँवर, नन्दकुँवर, नंदनंदन, नन्दनन्दन, द्वारकेश, नटराज, मुरलीधर, विश्वपति, पूतनारि, पूतनासूदन, विट्ठलदेव, सोमेश्वर, वृषदर्भ, वृषनाशन, वृष्णि, वृष्णिक-गर्भ, वेदबाहु, तुंगीश, अरिकेशी, रासबिहारी, गिरधर, गिरधारी, मुकुंद, मुकुन्द, शकटहा, नवलकिशोर, कामपाल, वेदाध्यक्ष, शवकृत, गुपाल, सोमेश, यादवेंद्र, यवनारि, यादवेन्द्र, हृषीकेश, शिखंडी, शिखण्डी, अनंतजित्, अनन्तजित्, अनंत-जित्, अनन्त-जित् - वृक्षों पर रहने वाला एक चंचल स्तनपायी चौपाया:"भारत में बंदरों की कई जातियाँ पाई जाती हैं"
synonyms:बंदर, बन्दर, बानर, वानर, कीश, कपि, मर्कट, शाखामृग, तरुमृग, विटपीमृग, माठू, लांगुली, मर्कटक, पारावत, शालावृक, शाला-वृक, दिव्यचक्षु, दिव्य-चक्षु, दिव्य चक्षु - एक छोटा बरसाती उभयचर प्राणी जो प्रायः वर्षा ऋतु में तालाबों, कुओं आदि में दिखाई देता है:"बरसात के दिनों में मेंढक जगह-जगह कूदते नजर आते हैं"
synonyms:मेंढक, मेढक, मेंडक, मेडक, दादुर, दर्दुर, मंडूक, मण्डूक, अजिर, वृष्टिभू, वर्षाभू, तरंत, तरन्त, शल्ल, तोय-सर्पिका, जिह्वमेहन - सिंह जाति का नर:"सिंह की गरदन पर लंबे-लंबे बाल होते हैं"
synonyms:सिंह, शेर, केशी, केशरी, केसरी, बबर शेर, मयंद, हैदर, पशुनाथ, मृगारि, मृगाश, मृगाशन, मृगाधिप, मृगाधिराज, श्वेतपिंगल, द्विरदांतक, द्विरदान्तक, द्विरदाशन, नभाकांति, नभाकान्ति, लंकाल, पारिंद्र, पारिन्द्र - कश्यप की क्रोधवशा नामक पत्नी से उत्पन्न दस कन्याओं में से एक:"हरि से ही सिंह, बंदरों आदि की उत्पत्ति मानी गई है"
- एक वर्णवृत्त जिसमें चौदह वर्ण होते हैं:"हरि के प्रत्येक चरण में जगण,रगण जगण,रगण और अंत में लघु गुरु होते है"
Examples
More: Next- हरि जोति अइलय कुदारि मारी अइलय हो ना .
- हरि माया बल बरनत पुनि पुनि परम सुजान।।
- “ छोड़ मन हरि विमुखन को संग ,
- मीरा की कविता हैसिसुण्यारी म्हारे हरि आवाँगा आज।
- तण मण वार्यां हरि चरणमां दरसण प्यास्यां री।
- सो तनु धरि हरि भजहिं न जे नर।
- जिमि हरि सरन न एक हू बाधा ।
- हरि हरसे हरि देखकर , हरि बैठे हरि पास।
- हरि हरसे हरि देखकर , हरि बैठे हरि पास।
- हरि हरसे हरि देखकर , हरि बैठे हरि पास।