वेदबाहु meaning in Hindi
[ vedebaahu ] sound:
वेदबाहु sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- यदुवंशी वसुदेव के पुत्र जो विष्णु के मुख्य अवतारों में से एक हैं:"सूरदास कृष्ण के परम भक्त थे"
synonyms:कृष्ण, श्याम, कन्हैया, कान्हा, किशन, श्रीकृष्ण, नंदलाल, नन्दलाल, केशव, गिरिधर, गोपाल, द्वारिकाधीश, बनवारी, ब्रजबिहारी, माधव, मुरारी, कालियमर्दन, वनमाली, अच्युत, मनमोहन, दामोदर, हरि, गरुड़गामी, वासुदेव, नरनारायण, पीतवास, अहिजित, कंसारि, कमलनयन, कुंजबिहारी, कृष्णचंद्र, गिरिधारी, गोपीश, गोपेश, गोविन्द, गोविंद, गोविन्दा, गोविंदा, घनश्याम, द्वारिकानाथ, द्वारकाधीश, द्वारकानाथ, नंदकिशोर, नन्दकिशोर, मुरलीवाला, मोहन, मुरली मोहन, योगीश, योगीश्वर, योगेश, योगेश्वर, राधारमण, वंशीधर, विपिन विहारी, वंशीधारी, बलबीर, शकटारि, बकवैरी, शतानंद, शतानन्द, मंजुकेशी, मधुसूदन, खरारि, खरारी, नंदकुमार, नन्दकुमार, नंदकुँवर, नन्दकुँवर, नंदनंदन, नन्दनन्दन, द्वारकेश, नटराज, मुरलीधर, विश्वपति, पूतनारि, पूतनासूदन, विट्ठलदेव, सोमेश्वर, वृषदर्भ, वृषनाशन, वृष्णि, वृष्णिक-गर्भ, तुंगीश, अरिकेशी, रासबिहारी, गिरधर, गिरधारी, मुकुंद, मुकुन्द, शकटहा, नवलकिशोर, कामपाल, वेदाध्यक्ष, शवकृत, गुपाल, सोमेश, यादवेंद्र, यवनारि, यादवेन्द्र, हृषीकेश, शिखंडी, शिखण्डी, अनंतजित्, अनन्तजित्, अनंत-जित्, अनन्त-जित् - ब्रह्मा के मानस पुत्र:"पुलस्त्य सप्तऋषियों में से एक माने जाते हैं"
synonyms:पुलस्त्य, पुलस्त्यऋषि, पुलस्त्य ऋषि, पुलस्ति, पुलस्त, पुलस्य, दत्तोलि
Examples
- रैवत मनु के मन्वंतर में सुमेधा , भूपति , बैकुंठ और अमिताभ - ये चार देवगण थे | इनमें से प्रत्येक गण में चौदह-चौदह देवता थे | इन चारों देवगणों के स्वामी विभु नामक इंद्र थे | उन्होंने सौ यज्ञों का अनुष्ठान करके ही इस पद को प्राप्त किया था | हिरण्यरोमा , वेदश्री , उर्ध्वबाहु , वेदबाहु , सुधामा , पर्जन्य , महामुनि वसिष्ठ-ये सप्तर्षि थे | बलबंधु , महावीर्य सुयष्टव्य तथा सत्यक आदि रैवत मनु के पुत्र थे |
- रैवत मनु के मन्वंतर में सुमेधा , भूपति , बैकुंठ और अमिताभ - ये चार देवगण थे | इनमें से प्रत्येक गण में चौदह-चौदह देवता थे | इन चारों देवगणों के स्वामी विभु नामक इंद्र थे | उन्होंने सौ यज्ञों का अनुष्ठान करके ही इस पद को प्राप्त किया था | हिरण्यरोमा , वेदश्री , उर्ध्वबाहु , वेदबाहु , सुधामा , पर्जन्य , महामुनि वसिष्ठ-ये सप्तर्षि थे | बलबंधु , महावीर्य सुयष्टव्य तथा सत्यक आदि रैवत मनु के पुत्र थे |
- ३ ४ . ३३ ( कुनन्दन असुर कुमार द्वारा साम्ब पर १ ० , मधु पर ५ , बृहद्बाहु पर ३ , चित्रभानु पर ५ , वृक पर १ ० , अरुण पर ७ , सङ्ग्रामजित् पर ५ , सुमित्र पर ३ , दीप्तिमान् पर ३ , भानु पर ५ , वेदबाहु पर ५ , पुष्कर पर ७ , श्रुतदेव पर ८ , सुनन्दन पर २ ० , विरूप पर १ ० , चित्रभानु पर ९ , न्यग्रोध पर १ ० तथा कवि पर ९ बाणों द्वारा प्रहार ) , १ ० .
- ३ ४ . ३३ ( कुनन्दन असुर कुमार द्वारा साम्ब पर १ ० , मधु पर ५ , बृहद्बाहु पर ३ , चित्रभानु पर ५ , वृक पर १ ० , अरुण पर ७ , सङ्ग्रामजित् पर ५ , सुमित्र पर ३ , दीप्तिमान् पर ३ , भानु पर ५ , वेदबाहु पर ५ , पुष्कर पर ७ , श्रुतदेव पर ८ , सुनन्दन पर २ ० , विरूप पर १ ० , चित्रभानु पर ९ , न्यग्रोध पर १ ० तथा कवि पर ९ बाणों द्वारा प्रहार ) , १ ० .