संसिद्ध meaning in Hindi
[ sensidedh ] sound:
संसिद्ध sentence in Hindi
Meaning
विशेषण- जो किसी कार्य को करने में विशेष योग्यता रखता हो:"धनुर्विद्या में प्रवीण अर्जुन ने तेल में मछली की परछाईं देखकर उसकी आँख पर निशाना लगाया"
synonyms:प्रवीण, निपुण, पारंगत, दक्ष, कर्मदक्ष, माहिर, अभ्यस्त, क़ाबिल, कुशल, होशियार, पक्का, सिद्धहस्त, शातिर, पटु, पका, निष्णात, परिपक्व, कार्यकुशल, मँजा, मँजा हुआ, मंजा, मंजा हुआ, मँझा, मँझा हुआ, मंझा, मंझा हुआ, करतबी, करतबिया, विचक्षण, अभिज्ञ, अभ्यासी, आप्त, धौंताल, अवसित, आकर, आगर, प्रवण, आढ़ - / इस दवा से दो दिन में ही मेरी तबीयत बहाल हो गई"
synonyms:स्वस्थ, निरोग, निरोगी, तंदुरुस्त, अच्छा, सेहतमंद, भला-चंगा, व्याधिहीन, रोगहीन, रोगमुक्त, चंगा, बहाल, ठीक, नीरोग, तन्दुरुस्त, रोगरहित, निर्व्याधि, आरोग्य, रोगशून्य, अरुग्ण, निरामय, फिट, अरोग, अरोगी, अरोग्य, अरुग्ण, अरुगण, अरुज, अनामय, आरोग, अगद, अभुग्न, अयक्ष्म, अविपन्न, खासा, ख़ासा, विरुज, निराधि - जो किसी प्रकार अपने अधिकार में आया या लाया गया हो:"उसने अपने पिता द्वारा प्राप्त धन को गरीबों में बाँट दिया"
synonyms:प्राप्त, उपार्जित, हासिल, हस्तगत, अधिगत, मुयस्सर, कलित, आप्त, मिला, मिला हुआ, मिलित, संप्राप्त, सम्प्राप्त, वहित, संवृत्त, असूल, वसूल - किसी कार्य को करने के लिए तैयार:"मंजुला किसी भी काम को करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है"
synonyms:तत्पर, उद्यत, मुस्तैद, तैयार, प्रस्तुत, उतारू, आमादा, कटिबद्ध, सन्नद्ध, सन्निहित, आरूढ़ - जो योग की विभूतियाँ प्राप्त कर चुका हो:"सिद्ध संमुखानंद जी पधार रहे हैं"
synonyms:सिद्ध - भली-भाँति किया हुआ:"छात्र के संसिद्ध शोध को देखकर प्राध्यापक अत्यधिक प्रसन्न हुए"
- अच्छी तरह से पका हुआ (भोजन):"सुपक्व भोजन सुपाच्य होता है"
synonyms:सुपक्व
Examples
More: Next- अनेक जन्मों की साधना से संसिद्ध पुरुष ही श्रीमन्तों ,
- जो पूर्व जन्मों में साधना कर चुके थे , पर लक्ष्य- प्राप्ति तक अपने मनोयोग- ध्यान प्रक्रिया में संसिद्ध न होने के कारण , नहीं पहुँच पाए थे।
- यहाँ पर जगत में संसिद्ध पदार्थ भी विनाश को प्राप्त हो जाते हैं , वहाँ पर विनाश करने वाले का प्रयत्न अधिक बलवान है , यह समझना चाहिए।
- 49 ) इन तीन श्लोकों में सिद्धि तथा संसिद्ध शब्द में एक विशेषण लगा है जो दो जगह ' परमां ' है और एक जगह ' परां ' ।
- भावार्थ : परन्तु प्रयत्नपूर्वक अभ्यास करने वाला योगी तो पिछले अनेक जन्मों के संस्कारबल से इसी जन्म में संसिद्ध होकर सम्पूर्ण पापों से रहित हो फिर तत्काल ही परमगति को प्राप्त हो जाता है॥45॥
- भावार्थः - ‘‘ ऐसा ध्यान- योगी जो निरन्तर प्रयत्नशील है , विगत अनेक जन्मों के संस्कारबल से इसी जन्म में संसिद्ध होकर सम्पूर्ण पापों से रहित तत्काल ही परमगति ( मोक्ष ) को प्राप्त हो जाता है।
- भावार्थ : परन्तु प्रयत्नपूर्वक अभ्यास करने वाला योगी तो पिछले अनेक जन्मों के संस्कारबल से इसी जन्म में संसिद्ध होकर सम्पूर्ण पापों से रहित हो फिर तत्काल ही परमगति को प्राप्त हो जाता है॥45॥ तपस्विभ्योऽधिको योगी ज्ञानिभ्योऽपि मतोऽधिकः ।
- योग शब्द जैसी तो नहीं , लेकिन सिद्धि और संसिद्धि शब्दों या इसी अर्थ में प्रयुक्त सिद्ध एवं संसिद्ध शब्दों को लेकर भी गीता के श्लोकों के अर्थों में और इसीलिए कभी-कभी सैद्धांतिक बातों तक में कुछ न कुछ गड़बड़ हो जाया करती है।
- अनेकजन्मसंसिद्धस्ततो यात परां गतिम् ॥ भावार्थ : परन्तु प्रयत्नपूर्वक अभ्यास करने वाला योगी तो पिछले अनेक जन्मों के संस्कारबल से इसी जन्म में संसिद्ध होकर सम्पूर्ण पापों से रहित हो फिर तत्काल ही परमगति को प्राप्त हो जाता है॥ 45 ॥ तपस्विभ्योऽधिको योगी ज्ञानिभ्योऽपि मतोऽधिकः ।