अरोग meaning in Hindi
[ aroga ] sound:
अरोग sentence in Hindi
Meaning
विशेषण- / इस दवा से दो दिन में ही मेरी तबीयत बहाल हो गई"
synonyms:स्वस्थ, निरोग, निरोगी, तंदुरुस्त, अच्छा, सेहतमंद, भला-चंगा, व्याधिहीन, रोगहीन, रोगमुक्त, चंगा, बहाल, ठीक, नीरोग, तन्दुरुस्त, रोगरहित, निर्व्याधि, आरोग्य, रोगशून्य, अरुग्ण, निरामय, फिट, अरोगी, अरोग्य, अरुग्ण, अरुगण, अरुज, अनामय, आरोग, अगद, अभुग्न, अयक्ष्म, अविपन्न, संसिद्ध, खासा, ख़ासा, विरुज, निराधि
Examples
More: Next- खग मृग बसत अरोग बन , हरि अनाथ के नाथ ॥
- गिरि पर्वत पर 21 हजार किलो व्यजंनों का प्रसाद अरोग रहे प्रभु और प्रभु का स्वरूप ऐसा भव्य , दिव्य और अलौकिक कि एक- एक [ ... ]
- प्रिंसीपाल श्रीमती मोनिका 2ान्ना ने इस मौके पर बताया कि जहाँ बच्चों का मन स्कूल से जुडता है , वहाँ उनकी मानसिक और शरीरिक कसरत 5ाी होती है और शरीर अरोग रहता है।
- जिसको योग और भोग दोनों नहीं हैं , जो वृत्तियों से परे हो चुका है , जिसने अपने स्वरूप को जान लिया है वह अरोग है , बाकी के सब रोगी हैं।
- धीरे-धीरे उसका शरीर अरोग हो गया | आत्मा में परिवर्तन आ गया | वह परमात्मा को याद करने लगा , ज्यों-ज्यों सतिनाम कहता गया , त्यों-त्यों उसके शरीर के सारे रोग दूर होते गए |
- खिजाने वाले बच्चों को क्या हममेसे कई बडों को भी नहीं मालूम -आल्बिनिज्म एक आनुवंशिक , नॉन -पेथोलोजिकल ( गैर -या अरोग -विज्ञानिक ) एक रंजक मेलेनिन की हमारे बालों ( केश राशि ) , चमडी औ आंखों में कमीबेशी का नतीजा है ।
- श्रीजी सग नवनित प्रियाजी व युगल स्वरूप विठठ्रल नाथ जी ने अन्नकूट अरोग लुट के दर्शन हुए एवं ठिक बारह बजे कर्इ गा्रमिण क्षेत्रों से आए भील आदिवासीयो ने धी धी के हुंकारों से अन्नकुट लुटा जिसे देखने अपार जन समुह उमडा व कर्इ उत्सव व आयोजन हुए एवं तिलकायत राकेश महाराज व युवराज विशाल बावा ने प्रभु कि आरती उतारी।
- गुरु जी पहले उनकी बात ध्यान पूर्वक सुनते रहें | जब उन्होंने अपनी सारी बात गुरु जी के आगे रख दी तो गुरु जी ने कहना शुरू किया भाई ! अरोग शरीर , सुशील स्त्री , आज्ञाकारी पुत्र और धन-धान्य के सुख पिछले जन्म में किए दान पुण्य के फल स्वरूप ही मिलते हैं | भाव मनुष्य को पिछले जन्म के अनुसार ही फल प्राप्त होता है |
- गुरु जी पहले उनकी बात ध्यान पूर्वक सुनते रहें | जब उन्होंने अपनी सारी बात गुरु जी के आगे रख दी तो गुरु जी ने कहना शुरू किया भाई ! अरोग शरीर , सुशील स्त्री , आज्ञाकारी पुत्र और धन-धान्य के सुख पिछले जन्म में किए दान पुण्य के फल स्वरूप ही मिलते हैं | भाव मनुष्य को पिछले जन्म के अनुसार ही फल प्राप्त होता है |
- उधर इनके वचनों से जुलाही पागलों की तरह बुख्लाने लगी | गुरु अंगद देव जी ने दोनों को अपने पास बुलाया और पूछा प्रातःकाल क्या बात हुई थी , सच सच बताना | जुलाहे ने सारी बात सच सच गुरु जी के आगे रख दी कि अमरदास जी के वचन से ही मेरी पत्नी पागल हुई है | आप किरपा करके हमें क्षमा करें और इसे अरोग कर दे नही तो मेरा घर बर्बाद हो जायेगा |