वेदोदय meaning in Hindi
[ vedodey ] sound:
वेदोदय sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता:"वेदों में भी सूर्यदेव की पूजा का विधान है"
synonyms:सूर्यदेव, सूर्य, सूर्य देव, सूर्य देवता, भानु, भास्कर, आदित्य, मिहिर, अंशुमान, अंशुमाली, खगपति, अर्क, सहस्रकिरण, यमसू, मरीची, दिवसेश, दिवसेश्वर, दिवस्पति, दिवसकर, दिवसकृत, दिवसनाथ, दिवसभर्ता, दिवावसु, अविनीश, दिवामणि, दिवसमणि, दीप्तकिरण, सहस्रगु, भूताक्ष, गविष्ठ, जगत्साक्षी, वृषाकपि, वेदवादन, त्रयीतन, त्रयीमय, नभस्मय, नभश्चक्षु, चक्रबंधु, चक्रबन्धु, चक्रबांधव, चक्रबान्धव, तीक्ष्णांशु, तीक्ष्णरश्मि, पद्मगर्भ, त्विषामीश, तुंगीश, द्युपति, द्युम्न, तरणि, अरविन्दबन्धु, दिव्यांशु, अरविंदबंधु, अर्यमा, अर्य्यमा, अर्जमा, अर्णव, कालेश, मार्तंड, मार्तण्ड, चित्रभानु, गोकर, केश, वेध, वेधा, वेदात्मा, प्रजादार, प्रजाध्यक्ष, सावित्र, द्यु-पति, द्यु-मणि, अह, अहस्पति, आदिदेव, दिनकर, भट्टारक, दिनमणि, दनमणि, कुवम, दुड़ियंद, अधिरथी, पचत, हेममाली, हेमकर, वरेय, गभस्ति, गभस्तिपाणि, गभस्तिहस्त, ज्वालमाली
Examples
More: Next- पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं ' आर्यमित्र' साप्ताहिक, 'वेदोदय',
- आदिकाल , प्राग्वेद काल , वेदोदय काल , और रामायण काल के बाद महाजनपद काल में भी गड़हांचल का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
- आदिकाल , प्राग्वेद काल , वेदोदय काल , और रामायण काल के बाद महाजनपद काल में भी गड़हांचल का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
- वेदोदय काल से चली आ रही हास - परिहास , नृत्य - गान , रंग - गुलाल और प्रीत - प्यार के त्योहार होली की शुरुआत वसंत पंचमी के दिन होलिका की स्थापना से हो जाती है ।
- हम लोग बड़े आर्थिक कष्टों से गुज़र रहे थे फिर भी घर में नियमित पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं ' आर्यमित्र ' साप्ताहिक , ' वेदोदय ' , ' सरस्वती ' , ' गृहिणी ' और दो बाल पत्रिकाएँ ख़ास मेरे लिए- ' बालसखा ' और ' चमचम ' ।
- हम लोग बड़े आर्थिक कष्टों से गुज़र रहे थे फिर भी घर में नियमित पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं ' आर्यमित्र ' साप्ताहिक , ' वेदोदय ' , ' सरस्वती ' , ' गृहिणी ' और दो बाल पत्रिकाएँ ख़ास मेरे लिए- ' बालसखा ' और ' चमचम ' ।
- हम लोग बड़े आर्थिक कष्टों से गुज़र रहे थे फिर भी घर में नियमित पत्र-पत्रिकाएँ आती थीं ' आर्यमित्र ' साप्ताहिक , ' वेदोदय ' , ' सरस्वती ' , ' गृहिणी ' और दो बाल पत्रिकाएँ ख़ास मेरे लिए- ' बालसखा ' और ' चमचम ' ।
- पहली मान्यता यह है कि वेदोदय काल में दैत्यराज हिरण्यकश्यप के प्रपौत्र , भक्तराज प्रह्लाद के पौत्र , राजा विरोचन के पुत्र दानवीर राजा बलि ने इन्द्र पद की प्राप्ति के लिए अपने कुलगुरु , महर्षि भृगु के पुत्र शुक्राचार्य के पौरहित्य मे इस भू - भाग पर यज्ञ कराया था ।