वटुक meaning in Hindi
[ vetuk ] sound:
वटुक sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- / पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती"
synonyms:पुत्र, बेटा, लड़का, लाल, सुत, बच्चा, सूत, नंदन, नन्दन, पूत, तनय, तनुज, आत्मज, आत्मजात, जाया, जात, तनूज, बालक, बाल, कुमार, चिरंजीव, चिरंजी, किशोर, कुँवर, कुंवर, वटु, अंगज, मोड़ा, तनूरुह, तनूद्भव, तनू, दायदवत्, तनुभव, तनौज, फरजंद, फरजन्द, फर्जंद, फर्जंन्द, फरज़ंद, फरज़न्द, फर्ज़ंद, फर्ज़न्द, फरजिंद, फरजिन्द, फर्जिंद, फर्जिन्द, फरज़िंद, फरज़िन्द, फर्ज़िंद, फर्ज़िन्द, आत्मनीन, आत्मप्रभव, आत्मभू, आत्म-संभव, आत्म-सम्भव, आत्मसंभव, आत्मसम्भव, आत्मसमुद्भव, तनुरुह, तनोज, आत्मोद्भव, इब्न - कम उम्र का पुरुष, विशेषकर अविवाहित:"मैदान में लड़के क्रिकेट खेल रहे हैं"
synonyms:लड़का, बालक, बाल, बच्चा, छोकड़ा, छोरा, छोकरा, लौंडा, वत्स, पृथुक, टिमिला, वटु, दहर - एक झाड़ की कली जिसे सुखाकर मसाले और दवा के काम में लाते हैं:"लौंग के तेल का उपयोग दाँत दर्द में किया जाता है"
synonyms:लौंग, लवंग, लोंग, श्रीसंज्ञ, रुचिर, मादन, अमरकुसुम, सुपुष्प, पद्मा, वराल, वरालक, तोयधिप्रिय, त्रिदशपुष्प, चंदकपुष्प, चन्दकपुष्प, पद्मगुणा, तीक्ष्णपुष्प, पद्मालया, रुचिरा, त्रिदशपुत्र, श्रीपुष्प, श्रीप्रसून, बटुक - एक झाड़ जिसकी कली को सुखाकर मसाले और दवा के काम में लाते हैं:"लौंग में पानी देना होगा"
synonyms:लौंग, लवंग, लोंग, रुचिर, मादन, सुपुष्प, पद्मा, वराल, वरालक, तोयधिप्रिय, त्रिदशपुष्प, पद्मगुणा, चंदकपुष्प, चन्दकपुष्प, तीक्ष्णपुष्प, पद्मालया, त्रिदशपुत्र, रुचिरा, श्रीपुष्प, श्रीप्रसून, बटुक - उपनयन संस्कार योग्य होने के बाद से समावर्तन-संस्कार की उम्र तक का लड़का:"बटु को भिक्षा में रेशमी वस्त्र मिला"
synonyms:बटु, वटु, बटुक
Examples
More: Next- वटुक से नहीं बल्कि वटक से आ रहा है . .
- ( वेदप्रकाश वटुक ) , अत्यंत पवित्र था ...
- इसमें कन्या पूजन व वटुक पूजन का विशेष महत्व है।
- संस्कृत मे इसी शब्द के तीन अन्य रूप - वटुक :
- प्रेमचंद रीडर या वेद वटुक और टेड रिकार्डी की समाज विज्ञान
- ये वटुक सिर मुडा कर एक लँगोटी , एक धोती,एक जनेऊ लेकर आते थे।
- जहा वटुक भैरवनाथ नगर पिता के रूप में जाने जातें है ।
- स्नान-दान हेतु उत्तम श्राद्ध की फाल्गुनी अमावस्या , शिव खप्पर पूजा, वटुक परमुजुन
- स्नान-दान-श्राद्ध की फाल्गुनी अमावस्या , सोमवती अमावस, सोमवारी व्रत (मिथिलांचल), वटुक परमोजुन (जम्मू -कश्मीर)
- सर्दियों के लिए काली कमली भी वटुक अपने घर से ही लाते थे।