राजन्य meaning in Hindi
[ raajeny ] sound:
राजन्य sentence in Hindi
Meaning
- जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप:"आग में उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई"
synonyms:आग, अग्नि, पावक, हुतासन, अनल, अगन, अगिया, अगिन, अगनी, अगिर, दाहक, आतश, आतिश, अनिलसखा, विंगेश, दाढ़ा, वह्नि, ध्वांतशत्रु, ध्वान्तशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्ताराति, पशुपति, वैश्वानर, अमिताशन, धरुण, विश्वप्स, पवन-वाहन, जगन्नु, सोमगोपा, शिखि, शिखी, वृष्णि, शुक्र, शुचि, तनूनपात्, तनूनपाद्, अय, तपुर्जम्भ, तपुर्जंभ, तपु, तमोहपह, तमोनुद, अर्क, बाहुल, जल्ह, चित्रभानु, कालकवि, अर्दनि, बहनी, नीलपृष्ठ, मलिनमुख, द्यु, अशिर, आगी, आगि, परिजन्मा, अगिआ, आज्यमुक, आशर, वर्हा, वसुनीथ, वसु, हेमकेली, आशुशुक्षणि, पर्परीक, लघुलय, आश्रयास, यविष्ठ, हृषु, बरही, भारत - किसी देश का प्रधान शासक और स्वामी:"त्रेतायुग में श्रीराम अयोध्या के राजा थे"
synonyms:राजा, अवनीश, नराधिप, नरेश, नृप, नृपति, भूप, भूपति, महीप, महीपाल, महिपति, अधिपति, अधिप, अधिभू, अधीश, मानवेंद्र, मानवेन्द्र, मानवेश, नरनाह, नृपाल, नरपति, जनेश, नरपाल, प्रजापति, रावल, नरकंत, रसपति, पृथिवीपति, पृथिवीपाल, पृथिवीश, पृथिवीश्वर, भुआल, नरिंद, अर्थपति, अवनिपाल, अवनीश्वर, अवनिनाथ, स्कंध, स्कन्ध, राष्ट्रभृत्, मलिक, अविष, नृदेव, नृदेवता, भूमिदेव, भट्टारक, भूमिपति, भूमिपाल, भूमिभुज, भूमिभृत, इंद्र, इन्द्र, ईश, ईश्वर, वरेंद्र, वरेन्द्र, यलधीस, यलनाथ, लोकपाल, दंडधार, दण्डधार - हिंदुओं के चार वर्णों में दूसरा जिस वर्ण के लोगों का काम देश पर शासन करना और शत्रुओं से उसकी रक्षा करना था:"राम क्षत्रिय थे"
synonyms:क्षत्रिय, क्षात्र, युयुधान, खत्रिय, खत्री, विराट्, युधान - एक प्रकार का ऊँचा और छतनार सदाबहार वृक्ष:"खिरनी के फल निमकौड़ी के आकार के होते हैं"
synonyms:खिरनी, हिमजा, नृपतरु, वानरप्रिय, शुक्लक, प्रियदर्शन, राजादन, राजादनी
Examples
More: Next- समस्त राजन्य परिवार की एकमात्र देवी विन्ध्यवासिनी थी।
- अर्थात् “मूध्र्दाभिषिक्त , राजन्य, बाहुज, क्षत्रिय और विराट् ये
- अर्थात् “मूध्र्दाभिषिक्त , राजन्य, बाहुज, क्षत्रिय और विराट् ये
- समस्त राजन्य परिवार की एकमात्र देवी विन्ध्यवासिनी थी।
- २ . राज श्री दुल्लह राजन्य राज्ये दुसाध्य
- फिर बताते हैं , “ बाहू राजन्य हैं।
- ब्राह्मणो स्य मुखमासीद्बाहू राजन्य : कृत : ।
- रह्मणोऽस्य मुखमासीद् बाहू राजन्य कृ त : ।
- ब्राहृणोऽस्य मुखमासीद् बाहू राजन्य : कृत : ।
- मेरे आचरण से जनमेजय के भाई राजन्य ,