आवर्त्त meaning in Hindi
[ aavertet ] sound:
आवर्त्त sentence in Hindi
Meaning
संज्ञा- जल के बहाव में वह स्थान जहाँ पानी की लहर एक केंद्र पर चक्कर खाती हुई घूमती है:"वह नदी में नहाते समय भँवर में फँसकर डूब गया"
synonyms:भँवर, भंवर, आवर्त, घुमरी, चक्र, जलावर्त, भँवरी, भंवरी, विवर्त, जलरंड, जलरण्ड, अवरत, अवर्त्त, अवर्त - एक प्रकार का खनिज पदार्थ:"सोनमक्खी का प्रयोग औषध के रूप में होता है"
synonyms:सोनमक्खी, सोनामक्खी, स्वर्णमाक्षिक, सोनामाखी, ताप्य, तापीज, स्वर्णोपधातु, माक्षिका धातु, चक्रनाम, आवर्त, अश्म, अवरत, आपीत, धातुमाक्षिक, महारस - जंतुओं के शरीर के ऊपर का वह स्थान जहाँ के रोएँ या बाल एक केन्द्र पर विशेष प्रकार से घूमे हुए हों:"भौंरियाँ शुभ और अशुभ का परिचायक होती हैं"
synonyms:भौंरी, भँवरी, भ्रमरी, भंवरी, आवर्त, अवरत - घूमने की क्रिया:"पृथ्वी की अपनी घुरी पर घूर्णन के कारण ही दिन-रात होते हैं"
synonyms:घूर्णन, घूमना, आवर्त, आवर्तन, आवर्त्तन - एक प्रकार का रत्न:"ज्योतिषी ने उसे आवर्त्त जड़ी अँगूठी पहनने कहा है"
synonyms:आवर्त, लाजबर्द, अवरत - ऐसा मेघ या बादल जिससे अधिक पानी बरसता है:"इस वर्ष आवर्त का अभाव है"
synonyms:आवर्त - मेघों के चार प्रकार के राजाओं में से एक:"आवर्त अत्यधिक वर्षा कराते हैं"
synonyms:आवर्त - गाय, भैंस आदि के शरीर का स्पर्श होते ही उनके शरीर पर निर्माण होने वाला वृत्ताकार स्फुरण:"बैल के शरीर पर कंकड़ लगते ही भौंरी तैयार हो गई"
synonyms:भौंरी, भँवरी, भ्रमरी, भंवरी, आवर्त, अवरत
Examples
More: Next- आवर्त्त से मुखरित होकर भावप्रकाश करने में समर्थ होता
- वह समय के आवर्त्त में हमें और अकेला करती है।
- ↑ “अख्तर ने तैयार की विश्व की पहली कोणीय आवर्त्त सारणी” . जागरण.
- उसमें आवर्त्त-दर-आवर्त्त बाहर की ओर फैलते और बाहर से भीतर की ओर सिमटते आवर्त्त होते हैं।
- गुड या वेरी गुड , कविता वही होती है जो जीवन के आवर्त्त को व्यक्त करने में समर्थ हो।
- असल में ‘नीका ' अथवा ‘गुड' काव्य वही होता है जो जीवन के आवर्त्त को व्यक्त करने में समर्थ हो।
- असल में ‘ नीका ' अथवा ‘ गुड ' काव्य वही होता है जो जीवन के आवर्त्त को व्यक्त करने में समर्थ हो।
- महर्षि शौनक आकाश मार्ग का पाँच प्रकार का विभाजन करते हैं तथा धुण्डीनाथ विभिन्न मार्गों की ऊँचाई विभिन्न मार्गों की ऊँचाई पर विभिन्न आवर्त्त या
- मस्तूल को पकड़कर पानी की उछाल के साथ मैं भी ऊपर उठा और उस ऊर्ध्व आवर्त्त के एक धक्के ने मुझे इसकी परिधि के बाहर फेंक दिया।
- स्वप्न-खंड के इस आवर्त्त में कभी हिना की सुगंधि , कभी सितार के शब्द, कभी सुरभि-जल-सीकर-मिश्रित वायु के झोंकों के बीच पल-पल में विद्युत-शिखा के समान एक नायिका श्रद्धा दिख जाती।