अवरत meaning in Hindi
[ avert ] sound:
अवरत sentence in Hindi
Meaning
विशेषण- जिसने सांसारिक वस्तुओं तथा सुखों के प्रति राग अथवा आसक्ति बिलकुल छोड़ दी हो:"जरा, मृत्यु आदि को देखने के बाद ही भगवान बुद्ध संसार से विरक्त हुए"
synonyms:विरक्त, विरागी, बैरागी, वैरागी, संन्यासी, सन्यासी, विमुख, विरत, असंसारी, उदासीन, सन्नासी, अराग, रागहीन, कामनारहित, अपाश्रित, अमुग्ध, अरत, निरीह, तसव्वुफ, तसौवफ, तसव्वुफ़, तसौवफ़ - / सभी धर्मों के मार्ग पृथक हैं पर मंज़िल एक है"
synonyms:अलग, बेमेल, असदृश, अनमेल, असम, विषम, भिन्न, विसम, असमान, पृथक्, विभिन्न, जुदा, अतुल्य, अलहदा, अनमिल, अनमिलत, गैरबराबर, गैर बराबर, पृथक, अपृक्त, अबंधुर, अबन्धुर, अमिल, अमेल, अयुग, अरगट, असंबद्ध, असम्बद्ध, इकौंसा, इकौसा, मुख़्तलिफ़, मुखतलिफ़, मुख्तलिफ, मुखतलिफ - रुका हुआ:"ठहरा काम पुनः प्रारंभ कर दिया गया है"
synonyms:ठहरा, थमा, रुका, बंद, बन्द, ठप, ठप्प, स्थिर, गतिहीन, विश्रांत, विश्रान्त
- जल के बहाव में वह स्थान जहाँ पानी की लहर एक केंद्र पर चक्कर खाती हुई घूमती है:"वह नदी में नहाते समय भँवर में फँसकर डूब गया"
synonyms:भँवर, भंवर, आवर्त, घुमरी, चक्र, जलावर्त, भँवरी, भंवरी, विवर्त, जलरंड, जलरण्ड, आवर्त्त, अवर्त्त, अवर्त - एक प्रकार का खनिज पदार्थ:"सोनमक्खी का प्रयोग औषध के रूप में होता है"
synonyms:सोनमक्खी, सोनामक्खी, स्वर्णमाक्षिक, सोनामाखी, ताप्य, तापीज, स्वर्णोपधातु, माक्षिका धातु, चक्रनाम, आवर्त्त, आवर्त, अश्म, आपीत, धातुमाक्षिक, महारस - जंतुओं के शरीर के ऊपर का वह स्थान जहाँ के रोएँ या बाल एक केन्द्र पर विशेष प्रकार से घूमे हुए हों:"भौंरियाँ शुभ और अशुभ का परिचायक होती हैं"
synonyms:भौंरी, भँवरी, भ्रमरी, भंवरी, आवर्त्त, आवर्त - एक प्रकार का रत्न:"ज्योतिषी ने उसे आवर्त्त जड़ी अँगूठी पहनने कहा है"
synonyms:आवर्त्त, आवर्त, लाजबर्द - गाय, भैंस आदि के शरीर का स्पर्श होते ही उनके शरीर पर निर्माण होने वाला वृत्ताकार स्फुरण:"बैल के शरीर पर कंकड़ लगते ही भौंरी तैयार हो गई"
synonyms:भौंरी, भँवरी, भ्रमरी, भंवरी, आवर्त्त, आवर्त
Examples
- जो रात्रि लगभग नौ बजे तक अवरत चलता रहता है।
- यह हम ही जो समय पर उसकी पकड़ को ढीला करने का अवरत प्रयास करते रहते हैं .
- निष्कर्ष यही है कि , महर्षि दयानंद तथा उनके आर्य समाज ने अपने युगान्तर कारक क्रांतिकारी कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की सोयी हुयी तरुणाई को जगा कर माँ की बलिवेदी पर समर्पण हेतु कटिबद्ध किया जिसके आधार पर भारत की स्वाधीनता का महान संग्राम अवरत लड़ाया गया और अन्तोगत्वा भारत १ ५ अगस्त १ ९ ४ ७ को स्वतन्त्र हु आ.