• labour time |
श्रम-काल in English
[ shram-kal ] sound:
श्रम-काल sentence in Hindi
Examples
More: Next- विस्तार करना चाहता है, कार्यस्थल पर भी अपने कथित श्रम-काल से कुछ समय चुराकर उसे
- श्रम-काल से पृथक फाजिल समय को अनुत्पादक समय मान लिया जाता है, जबकि मनुष्य का
- इसी के आधार पर उन्होंने मूल्य को ‘ सामाजिक रूप से अनिवार्य श्रम-काल ' के बतौर परिभाषित किया ।
- यह ठोस-श्रम यानी श्रम-काल तो हो नहीं सकता क्योंकि तब वही वस्तु अधिक कीमती होगी जिसके उत्पादन में ज्यादा समय लगेगा ।
- 1920 में 10 घण्टे का काम का दिन माँगा और 1922 में बने श्रम-कानून में 11 घण्टे का कार्य-दिवस और पूरे सप्ताह में 60 घण्टे का श्रम-काल रखा गया।
- अमूर्त, मूर्त, मूल्य, विनिमय-मूल्य, समतुल्य, सामाजिक दृष्टि से आवश्यक श्रम-काल मूल्य की अभिव्यंजना के दो ध्रुव: सापेक्ष रूप और समतुल्य-रूप मूल्य के रूप का सार रहस्य इस प्राथमिक रूप में छिपा हुआ है.
- विनिमय-मूल्य, समतुल्य, सामाजिक दृष्टि से आवश्यक श्रम-काल ख) सापेक्ष मूल्य का परिमाणात्मक निर्धारण हर वह पण्य, जिसका हमें मूल्य व्यक्त करना होता है, एक निश्चित मात्रा की उपयोगी वस्तु होता है, जैसे १५ बुशेल अनाज या १०० पाउंड कहवा.
- जिन्होंने रिकार्डो का लेखन देखा है वे समझेंगे कि मार्क्स ‘ सामाजिक रूप से अनिवार्य श्रम-काल ' की धारणा के अलावे ज्यादातर उन्हीं का अनुसरण कर रहे थे लेकिन यह छोटी सी बात बहुत बड़ा फ़र्क पैदा कर देती है क्योंकि तुरंत ही सवाल पैदा होता है कि समाजिक रूप से अनिवार्य क्या है और उसे तय कौन करता है ।
- साधारणतया इससे उल्टी कार्यविधि अपनाई जाती है, और मूल्य-संबंध को दो अलग-अलग ढंग के पण्यों [...] उपयोग-मूल्य मानव-श्रम विनिमय-मूल्य श्रम-शक्ति अमूर्त मूर्त मूल्य समतुल्य सामाजिक दृष्टि से आवश्यक श्रम-काल इसका पता लगाने के लिए कि किसी पण्य के मूल्य की प्राथमिक अभिव्यंजना दो पण्यों के मूल्य-संबंध में कैसे छिपी रहती है, हमें सबसे पहले इस मूल्य-संबंध को उसके परिमाणात्मक पहलू से बिलकुल अलग करके उस पर विचार करना चाहिए.
- कपड़ा नामक पण्य [...] द्रव्य-रूप पूंजीवादी उत्पादन प्रक्रिया मानव-श्रम विनिमय-मूल्य श्रम-विभाजन सामाजिक संबंध समतुल्य सामाजिक दृष्टि से आवश्यक श्रम-काल हम देख चुकें हैं कि जब पण्य क (कपड़ा) अपने से भिन्न प्रकार के पण्य (कोट) के उपयोग-मूल्य के रूप में अपना मूल्य प्रकट करता है, तब वह उसके साथ-साथ कुछ दूसरे पण्य पर भी मूल्य के एक विशिष्ट रूप की, अर्थात मूल्य के समतुल्य रूप की, छाप अंकित कर देता है.