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जिह्वा-मूल in English
[ jihva-mul ] sound:
जिह्वा-मूल sentence in Hindi
Examples
More: Next- पांच भीतरी-जिह्वा-मूल, दन्त, नासिका, ओष्ठ तथा तालु।
- जिह्वा-मूल, मध्य भाग, उपाग्रभाग, अग्रभाग और अधरोष्ठ।
- जिह्वा-मूल, मध्य भाग, उपाग्रभाग, अग्रभाग और अधरोष्ठ।
- पांच भीतरी-जिह्वा-मूल, दन्त, नासिका, ओष्ठ तथा तालु।
- अमृत-पान-प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में जिह्वा-मूल के ऊपर एक कण्ठ-कूप होता है।
- गर्भस्थ शिशु की जिह्वा, जिह्वा-मूल से ही ऊपर उठकर उसी कण्ठ-कूप में पड़ी रहती है और शिशु अमृत-पान करता रहता है।
- अमृत के स्थान पर मधु चटाकर शिशु को फँसाना और पेट हेतु गुलाम बनाना-अमृत-पान करते हुए शिशु की जिह्वा को जिह्वा-मूल से पकड़कर कण्ठ-कूप से बाहर खींचकर मुख के अन्दर सामान्य रूप में रख देते हैं।
- बाहय व्यवहार से सिमटकर इंद्रियाँ अन्तरमुखी होकर ध्यान के अन्दर रहते हुये जिह्वा को खींचकर जिह्वा-मूल से ऊपर कण्ठ-कूप में स्थिर करने वाली पद्धति ही खेंचरी मुद्रा या अमृत-पान कहलाता है, जो गर्भस्थ शिशु का स्वतः ही होता रहता है।