Noun • black sheep |
कुलद्रोही in English
[ kuladrohi ] sound:
कुलद्रोही sentence in Hindi
Examples
More: Next- कृपाचार्य: उस म्लेच्छ कुलद्रोही को तो मैं कभी क्षमा नहीं कर सकता।
- उसे इतना साहस कि मुझे धूर्त, मक्कार, ईमान बेचनेवाला, कुलद्रोही कहे।
- देखा नहीं, कैसे वह कुलद्रोही क्रूर, दक्षिणपंथी, माफिया साधु के हाथों पुरस्कार ले आया और तमाम भर्त्सना के बावजूद अपने इस कृत्य पर इतराता रहा।
- देखा नहीं, कैसे वह कुलद्रोही क्रूर, दक्षिणपंथी, माफिया साधु के हाथों पुरस्कार ले आया और तमाम भर्त् सना के बावजूद अपने इस कृत्य पर इतराता रहा।
- उस समय की सर्वाधिक सम्मानित साहित्यिक पत्रिका ‘ सरस्वती ' ने कथा-प्रतियोगिता में रायपुर के श्री मावली प्रसाद श्रीवास्तव की कहानी ‘ कुलद्रोही ' को तृतीय पुरस्कार दिया था।
- उन्होंने त्रेतायुग में रामावतार के समय शिवजी का धनुष भंग होने पर आकाश-मार्ग द्वारा मिथिलापुरी पहुंच कर प्रथम तो स्वयं को विश्व-विदित क्षत्रिय कुलद्रोही बताते हुए बहुत भाँति तिन्हआँख दिखाए और क्रोधान्ध हो ' सुनहु राम जेहिशिवधनुतोरा।
- हिरण्य कश्यप ने वह स्तम्भ दिखा कर प्रह्लाद से पूछा-‘‘ अरे कुलद्रोही! वह मेरा विजयस्तम्भ है! मेरे छोटे भाई का वध करनेवाले विष्णु के साथ युद्ध करके तुम्हारी आँखों के सामने उसका संहार करूँगा ।
- वैसे तो मुलायम सिंह स्वयं यादवों के बुद्धि कौशल और पराक्रम का ऐवरेस्ट हैं लेकिन इस समय यूपीपीसीएस में बैकवर्ड के आरक्षण को लेकर लागू की गई राष्ट्र उपकारी नई व्यवस्था के मामले में कुलद्रोही की भूमिका अदा कर रहे है वर्ना यूपीपीसीएस के चेयर मैन को अपना काम करते रहने देना चाहिए था.
- उन्होंने त्रेतायुग में रामावतार के समय शिवजी का धनुष भंग होने पर आकाश-मार्ग द्वारा मिथिलापुरी पहुंच कर प्रथम तो स्वयं को विश्व-विदित क्षत्रिय कुलद्रोही बताते हुए बहुत क्रोधित हुए और फिर वैष्णवी शक्ति का हरण होने पर संशय मिटते ही वैष्णव धनुष श्रीराम को सौंप दिया और क्षमा-याचना कर तपस्या के निमित्त वन-गमन कर गए वाल्मीकी रामायण में दशरथनंदन श्रीराम ने जमदग्नि कुमार परशुराम का पूजन किया, और परशुराम ने श्रीरामचंद्रजी की परिक्रमा कर आश्रम की ओर प्रस्थान किया।
- अन्यथा हमारे विशाल पिछड़े कुल के कुलद्रोही वशिष्ठ सिंह यादव (बाईप्लास्ट), अशोक सिंह / प्रदीप सिंह (सगुन केमिकल्स), अपरवल सिंह (शैवाल केमिकल्स), डॉ 0 एम 0 डी 0 सिंह (एम 0 डी 0 होमियों लैब) एवं बाहरी लोगों एम 0 के पिलानिया (नन्दगंज डिस्टलरी), सुखबीर सिंह (सुखबीर एग्रो प्रा 0 लि 0) सरीखे जनपद के पिछड़ेपन के द्रोही कुपुत्र हमारे पिछड़ेपन की धज्जी बिखेर कर हमें अगड़ों की पंक्ति में खड़ा कर देते।