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हिसाब लेना sentence in Hindi

pronunciation: [ hisab lena ]
हिसाब लेना meaning in English

Examples

  1. उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने मनरेगा के तहत यूपी सरकार को 20 हजार करोड़ रुपए दिए और जनता को यह हिसाब लेना चाहिए कि कितना उनके पास तक पहुंचा और कितना बीच में ही लूट लिया गया.
  2. पंचायतों के जिन पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों से पंचायतों का हिसाब लेना है अथवा इनमें से जिन पर ग्राम पंचायतों की राशि बकाया है, उनके नाम भी ग्राम सभाओं में पढ़ कर सुनाए जाएंगे।
  3. बस इतना ध्यान रखियेगा कि जब तक आप जगत में हैं तब तक उसके प्रेम की सीमाओं में हैं, जगत से बाहर निकलते ही आप उसके न्याय के अन्तर्गत आ जाते हैं जहां क्षमा नहीं, हिसाब लेना ही है।
  4. उल्टा उसे हमेशा चिढाते, खिझाते ही रहें, और चिढाने की बात से सब पिछला याद आ गया, रोष उमड़ आया.... आज उसे सारा हिसाब लेना ही होगा. एकदम से बोल पड़ी... “ तुम मुझे इतना चिढाते, रुलाते क्यूँ थे? ”
  5. बाद में और भी रेडिकल कदम उठाए जाएंगे, जैसे सिगरेट-बीड़ी आदि के कारखानों को बंद कराना, विभिन्न उत्पादकों से हिसाब लेना कि उनकी लागत क्या पड़ती है और वे ग्राहक से कितना वसूल कर रहे हैं, मजदूरों को उचित मजदूरी और आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं।
  6. ... “ जनता बेवकूफ नहीं है! ” कांग्रेस को ये बात अभी तक समज में नहीं आई है की झूठ की बुनियाद पर लोगो के दिल जीते नहीं जाते और जनता को अब हिसाब करना और हिसाब लेना भी आ गया है सिर्फ वक़्त का इंतज़ार कर रही...
  7. अभी तो तुम्हें मेरी और अपने पिता की अपूर्ण इच्छाएँ पूरी करनी हैं, अभी अपनी शक्ति के बल पर तुम्हें औरंगजेब को यह दिखाना है कि बुंदेलखंड की भूमि इतनी आसानी से गुलामी की जंजीरें नहीं पहनती है, अभी तो तुम्हें अपनी मातृभूमि पर हुए नृशंस अत्याचारों का हिसाब लेना है।
  8. अभी तो तुम्हें मेरी और अपने पिता की अपूर्ण इच्छाएँ पूरी करनी हैं, अभी अपनी शक्ति के बल पर तुम्हें औरंगजेब को यह दिखाना है कि बुंदेलखंड की भूमि इतनी आसानी से गुलामी की जंजीरें नहीं पहनती है, अभी तो तुम्हें अपनी मातृभूमि पर हुए नृशंस अत्याचारों का हिसाब लेना है।
  9. बाद में और भी रेडिकल कदम उठाए जाएंगे, जैसे सिगरेट-बीड़ी आदि के कारखानों को बंद कराना, विभिन्न उत्पादकों से हिसाब लेना कि उनकी लागत क्या पड़ती है और वे ग्राहक से कितना वसूल कर रहे हैं, मजदूरों को उचित मजदूरी और आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं ।
  10. ” कांग्रेस को ये बात अभी तक समज में नहीं आई है की झूठ की बुनियाद पर लोगो के दिल जीते नहीं जाते और जनता को अब हिसाब करना और हिसाब लेना भी आ गया है सिर्फ वक़्त का इंतज़ार कर रही है जनता अभी भी कांग्रेस के पास वक़्त है की वो झूठ की बुनियाद को छोड़कर सच्चाई की नीव रखे क्यों की जनता का दिल अगर जीतना है तो सिर्फ सच्चाई की बुनियाद पर ही...
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