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सूचिका sentence in Hindi

pronunciation: [ sucika ]
सूचिका meaning in English

Examples

  1. ================================== दृष्टि जीवन के कठिन संघर्ष में हारो हुओ! हर क़दम दुर्भाग्य के मारो हुओ! असहाय बन रोओ नहीं, गहरा अँधेरा है, चेतना खोओ नहीं! पराजय को विजय की सूचिका समझो, अँधेरे को सूरज के उदय की भूमिका समझो!
  2. दोनों ने मिलकर पृथ्वीराज को गोरी के आक्रमण की सूचिका पत्रिका भेजी और संदेशवाहिका दासी से कहला भेजा: 'गोरी रत्ततुअधरा तू गोरी अनुरत्त।' राजा की विलासनिद्रा भंग हुई और वह संयोगिता से विदा होकर युद्ध के लिये निकल पड़ा।
  3. दोनों ने मिलकर पृथ्वीराज को गोरी के आक्रमण की सूचिका पत्रिका भेजी और संदेशवाहिका दासी से कहला भेजा: 'गोरी रत्ततुअधरा तू गोरी अनुरत्त।' राजा की विलासनिद्रा भंग हुई और वह संयोगिता से विदा होकर युद्ध के लिये निकल पड़ा।
  4. गोपालगंज धोखाधड़ी कर एक आपराधिक मामले में कथित रूप से सूचिका कुचायकोट थाना के चकहसना गांव की नूरजहां खातून का फर्दबयान बदल देने के आरोप में दरोगा मुनीलाल सहित तीन लोगों के विरुद्ध मंगलवार को कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया।
  5. सौभाग्य की सूचिका भी है मंगली कन्या? कन्या की जन्मकुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादशभाव में मंगल होने के बाद भी प्रथम (लग्न, त्रिकोण), चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम तथा दशमभाव में बलवान गुरु की स्थिति कन्या को मंगली होते हुए भी सौभाग्यशालिनी व सुयोग्यभार्या तथा गुणवान व संतानवान बनाती है।
  6. जैसे रात्रि में चन्द्रमा शोभित होता है अर्थात् रात्रि का असाधारण चिह्न चन्द्रमा शोभित होता है, वैसे ही अधिकारी ब्राह्मण आदि कुल में जन्म लिए हुए पुरुष की सर्वश्रेष्ठ पुरुषार्थरूप (मोक्षरूप) राजत्वप्राप्ति की सूचिका होने के कारण पताकाभूत शुद्ध बुद्धि का विचार चँवर-सा (असाधारण राजचिह्न सा) शोभित होता है।
  7. सौभाग्य की सूचिका भी है मंगली कन्या: कन्या की जन्मकुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव में मंगल होने के बाद भी प्रथम (लग्न, त्रिकोण), चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम तथा दशम भाव में बलवान गुरु की स्थिति कन्या को मंगली होते हुए भी सौभाग्यशालिनी व सुयोग्य पत्नी तथा गुणवान व संतानवान बनाती है।
  8. इस संसार में जिस प्रकार बीज परम्परा ; ओल आदिद्ध वृक्ष को प्राप्त करती है, लौह-सूचिका अयस्कान्त मणि को प्राप्त करती है, सती-सावी स्त्राी अपने पति को प्राप्त करती है, नदी सागर को प्राप्त करती है, उसी प्रकार यदि मेरी चित्तवृत्ति भी, भगवान् शर के चरणारविन्द को हमेशा प्राप्त करती रहे, तो इसी का नाम भत्तिफ है।
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