रुग्न sentence in Hindi
pronunciation: [ rugna ]
Examples
- यदि इसे न रोका गया तो हमारा देश रुग्न, अशक्त और निर्वीर्य युवाओं का गढ़ बन जायेगा अभिभावकों के साथ युवा खुद ही इस चुनौती को स्वीकार करे ओर अपनी दुर्बलता को तिलांजलि देकर साहस के साथ सत्पथ पर आगे आयें.
- इसके विपरीत यदि हमारे ऊर्जा केंद्र ठीक तरह से काम नहीं करेंगे या इनमें किसी तरह का अवरोध उत्पन्न हो जाता है, तो हम नकारात्मकता विचारों और कार्यों में पद सकते है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से रुग्न बना सकता है।
- हम अपने आम जीवन में भी यह महसूस करते हैं कि जब भी हम किसी स्वस्थ मानसिकता वाले मनुष्य के सानिध्य में होते हैं तो अच्छा महसूस होता है, वहीं जब किसी रुग्न या तनावग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने पर हमें उस व्यक्ति से नकारात्मक तरंगों का अनुभव होता है।
- उत्तर प्रदेश के पिछड़े होने और रुग्न होने में इस स्वास्थय कुव्यवस्था का बहुत बड़ा हाथ है, अब इससे सब कुछ तो ठीक नहीं होगा पर उस दिशा में ऐसे संसथान का आ जाना एक शुभ शुरुआत होगा I और इसलिए अब इस और ध्यान देना आवश्यक हो गया है!
- आपने दैनिक जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण समस्याओं पर विचार करने के लिए एक विषय दिया है, ऐसे आन्दोलन सरकार द्वारा सदा कमजोर किये जाते हैं,समस्या हमारी है कि बिना हासिल किये हम जश्न मनाने के लिए क्यों उत्कंठित थे,जब आन्दोलन चरम पर था तो उसको एकदम समाप्त करना और रुग्न शरीर के साथ पुनः प्रारम्भ कर एकदम समाप्त करदेना जनता के जोश को ठंडा करता है.
- प्रिय बहन एक उद्हरण (कुल्हाड़ी और उसके बेंट की कुल्हाड़ी अगर लोहे की और तीछन नही होगी तो लकड़ी नही काट पायेगी, और बेंट अगर कोमल नही होगा तो काटने वाले के हाथों को दर्द का एहसास होगा,, इसी तरह महिला पुरुष दोनों ही एक दूसरे के संपूरक होते हैं, इसमे कोइ शोषक शोषित नही होता,, बशर्ते की कोइ रुग्न विचार अथवा अस्वस्थ मस्तिस्क का न हो …….. जय भारत
- मैंने माना था कि चाँद उजला है और इसी दम पर लगा दी थी बोली कि चाँद मेरा हुआ जब खोला ढक्कन, हटाया पर्दा तो आज तलक मुँह छिपाते फिर रहा हूँ पुराने मुहावरों और जड हो चुकी कहावतों से निर्देशित मैं पहले भी हो चुका हूँ शर्मसार कई कई बार पर, हर बार घर के दरवाजे तक पहुँचा सच रुग्न निकला या काला-मुँह राक्षस और परंपरा की बलवती धारा उसे देवत्व से सुरक्षित करती रही हर बार, बार बार
- विश्व में अग्रणी देश भारत आर्थिक सम्पन्नता में सोने की चिड़िया था, ज्ञान-विज्ञानं में शीर्ष पर था, चिकित्सा, गणित, विज्ञानं आदि सभी क्षेत्रों में अग्रणी था, परन्तु उत्थान के बाद पतन तो शाश्वत सत्य है, अपनी मूर्खताओं, आंतरिक विद्वेषों, कलह, रुग्न प्रतिद्वंदिता, ईर्ष्या-द्वेष, क्षुद्र मानसिकता के कारण हम धीरे-धीरे सब कुछ गंवाते रहे, विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारी को तो अतुल धन सम्पदा सम्पन्न भारत के रूप में मानो कुबेर का खजाना मिला, फिर अंग्रेजों की लार टपकने लगी हमारी धन संपदा पर.