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बाँध लेना sentence in Hindi

pronunciation: [ bamdha lena ]
बाँध लेना meaning in English

Examples

  1. कहीं खिड़कियों की आँखों से झांकती रोशनी का धुंधला सा सिरा हमारे हाथ लगता है और अचानक डूब जाता है, यह सब जैसे एक मायालोक हिस्सा है, जहाँ रंगों की रहस्यवादिता के डैने, नगर-आकारों को अपने आगोश में बाँध लेना चाहते हैं।
  2. बुझे हुए बन्द चेहरे, मानो घर की खिड़कियाँ ही बन्द न कर ली गयी हों बल्कि परदे भी खींच दिए गये हों ; दबी हुई भावनाहीन पर निर्मम आवाजें, मानो जो माँगती हों, उसे जंजीर से बाँध लेना चाहती हों।
  3. समकालीन लघुकथा को आधुनिक मनोविज्ञान से जोड़कर देखते हुए आशा पुष्प कहती हैं-‘ यायावर मन के बीच घटने वाली क्षणिक घटनाओं में जीवन की विराट व्याख्या छिपी रहती है और इस विराट सत्य को बिम्बों में बाँध लेना ही आज लघुकथा सर्जक का उपक्रम है।
  4. सूत कातते थे गाँधी जी कपड़ा बुनते थे, और कपास जुलाहों के जैसा ही धुनते थे चुनते थे अनाज के कंकर चक्की पीसते थे आश्रम के अनाज याने आश्रम में पिसते थे जिल्द बाँध लेना पुस्तक की उनको आता था भंगी-काम सफाई से नित करना भाता था ।
  5. सूत कातते थे गाँधी जी कपड़ा बुनते थे, और कपास जुलाहों के जैसा ही धुनते थे चुनते थे अनाज के कंकर चक्की पीसते थे आश्रम के अनाज याने आश्रम में पिसते थे जिल्द बाँध लेना पुस्तक की उनको आता था भंगी-काम सफाई से नित करना भाता था ।
  6. आग की पीठ से पीठ रगड़ना कभी, कभी पैरों में बाँध लेना जल की लताएँ रात की चादर की कोई सूत खींच लेना फेंट देना उसे सुबह के कपास में कमल के पत्ते से छुपाना चेहरा, फोटो खिंचवाना गुलाब से गाल सटाकर ट्रेन से कूदना देखने मोर का नाच और बुखार में हाथ हिलाना जुलूसियों को
  7. आग की पीठ से पीठ रगड़ना कभी, कभी पैरों में बाँध लेना जल की लताएँ रात की चादर की कोई सूत खींच लेना फेंट देना उसे सुबह के कपास में कमल के पत्ते से छुपाना चेहरा, फोटो खिंचवाना गुलाब से गाल सटाकर ट्रेन से कूदना देखने मोर का नाच और बुखार में हाथ हिलाना जुलुसियों को
  8. ' चलती रही जुगलबंदी/समय भी था भौंचक रुका हुआ एक जगह/कि आखिर कौन कर रहा है किसकी संगत!!/यह एक कापिफर और एक म्लेच्छ की जुगलबंदी थी.../जो दुनिया को एक लय में बाँध लेना चाहती थी/यह जुगलबंदी एक विस्तार था उन जुगलबंदियों का.../जो खेतों कारखानों में पसीना बहाते/पत्थर तोड़ते-मकान बनाते/क्रिकेट और हॉकी खेलते/या विवाह के मंत्राोच्चार के बीच शहनाई बजाते/उस्ताद बिस्मिल्लाह खान द्वारा की जाती है।” ;'
  9. मैंने अब से ठीक १ ५ घंटे पहले अपने ब्लॉग (अनुभूतियों का आकाश) पर एक पोस्ट लिखी थी ' फस गए बाबा ' शायद मेरा मन कपिल सिब्बल जी की प्रेस कन्फ्रेंश के बाद ही शशंकित था, कुछ अनहोनी का आभाष हो रहा था, इस कृत्य के बाद और उसकी सरकार द्वारा स्वीकारोक्ति के बाद मुह पर चारो तरफ काला कपडा बाँध लेना चाहिए हमें शायद..
  10. कहने को बहुत कुछ था तब भी अब भी दरअसल एक पूरा भाषा विज्ञान था ओर कहने के खतरे भी नहीं थे, उँगलियों में गंध का टुकडा लिए, लेकिन हम सोचते रहे संबंधों की बड़ी डोर से धरती ओर आकाश को बाँध लेना एक ही संवाद को दुहराते जाना ओर यह सोचते जाना की डूबने से पहले पानी के बीच किसी स्निग्ध फूल की तरह खिला था वो वक् त..
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