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पकड़ाना sentence in Hindi

pronunciation: [ pakadana ]
पकड़ाना meaning in English

Examples

  1. आयकरदाताओं को किसी भी तरह की आधारभूत राहत न देकर दो हजार रुपये की छूट देना एक तरह का लॉलीपॉप ही पकड़ाना है जिससे किसी भी तरह की बचत को प्रोत्साहन नहीं मिलता है।
  2. अतएव स्पष्ट है कि जिस प्रकार वैश्यावृत्ति, जुआ, सट्टा, जोरी, डकैती, लूट, छूरेबाजी, खून या हिंसा करना वैधानिक जुर्म नहीं, पकड़ाना और साबित होना वैधानिक जुर्म है, ठीक उसी प्रकार आत्महत्या स्वयं कोई अपराध नहीं।
  3. राजा भैया से खौफ खाई सूबे की सरकार शायद यह बात अच्छी तरह समझती थी कि अगर इस विषय को दबाना है तो कुछ ना कुछ ऐसा जरूर पकड़ाना होगा जो इस मसले से ज्यादा मजबूत हो.
  4. सो बच्चे को अच्छी तरह से कपडे में लपेटा गया और मैं ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकली और बधाई कहते हुवे जैसे ही बच्चा, बच्चे की दादी के हाथ पकड़ाना चाहा वह छिटक कर दूर जा खड़ी हुई |
  5. सो बच्चे को अच्छी तरह से कपडे में लपेटा गया और मैं ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकली और बधाई कहते हुवे जैसे ही बच्चा, बच्चे की दादी के हाथ पकड़ाना चाहा वह छिटक कर दूर जा खड़ी हुई |
  6. अतएव स्पष्ट है कि जिस प्रकार वैश्यावृत्ति, जुआ, सट्टा, जोरी, डकैती, लूट, छूरेबाजी, खून या हिंसा करना वैधानिक जुर्म नहीं, पकड़ाना और साबित होना वैधानिक जुर्म है, ठीक उसी प्रकार आत्महत्या स्वयं कोई अपराध नहीं।
  7. नक्सलियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों को मुखबीर होने के शक के आधार पर हत्या करना, आदिवासी बच्चों के आश्रम/स्कूल को तोड़फोड़ करना, आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बनाई जाने वाली रोड एवं सड़कों को क्षतिग्रस्त करना, आदिवासी बालक/बालिकाओं को जबरन अपने साथ ले जाकर उन्हें हथियार पकड़ाना इत्यादि जन विरोधी हरकतों से तंग आकर बस्तर क्षेत्र के आदिवासी धीरे-धीरे नक्सलियों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे है।
  8. नक्सलियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों को मुखबीर होने के शक के आधार पर हत्या करना, आदिवासी बच्चों के आश्रम / स्कूल को तोड़फोड़ करना, आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बनाई जाने वाली रोड एवं सड़कों को क्षतिग्रस्त करना, आदिवासी बालक / बालिकाओं को जबरन अपने साथ ले जाकर उन्हें हथियार पकड़ाना इत्यादि जन विरोधी हरकतों से तंग आकर बस्तर क्षेत्र के आदिवासी धीरे-धीरे नक्सलियों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे है।
  9. जिस तरह रिले रेस चलती है उसी तरह हमारी या किसी भी प्राणी की जीवन रेस चलती है...हमें अपनी दौड़ पूरी करने के बाद बैटन अपनी संतान या उत्तराधिकारी को पकड़ाना होता है...किसी भी प्रजाति या स्पीसिज़ के सर्ववाइवल के लिए ज़रूरी है कि प्रजनन के ज़रिए उसे आगे बढ़ाए...ये सृष्टि का विधान है...जैव विकास इसी तरह आगे बढ़ता है...अब इसके लिए ज़रूरी है पुरुष और महिला का मिलन...जब ये एक ज़रूरी नियम हैं तो फिर इस पर बात करने से हम कतराते क्यों हैं...
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