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निष्छल sentence in Hindi

pronunciation: [ nischal ]
निष्छल meaning in English

Examples

  1. ये पंक्तियां हैं बच्चों जैसी निष्छल आंखों वाले उस अति संवेदनशील क्रातिकारी कवि गोरख पांडे की, जिन्होंने करीब दस साल पहले जेएनयू के एक हॉस्टल में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली थी।
  2. यहाँ कोई साक्षी नहीं होता, कोई वचन लिपिबद्ध नहीं होते, कोई बाध्यता नहीं होती फिर भी निष्छल प्रेम की ऊर्जा सामाजिक संबन्धों को घनिष्ठ एवं सुदृढ़तम बना देने के लिये पर्याप्त होती है।
  3. गेय परम्परा द्वारा जन जन को कृष्णमय कर देने वाली मीरा! पुरुष प्रधान सामंती दौर में भी निष्छल, नि: स्वार्थ प्रेम का अलख जगाती मीरा! जन की पीर से अपनी पीर को जोड़ती मीरा!..
  4. किसी भी लेख अथवा रचनाकार के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर, निष्छल मन से तारीफ़ करते यह युवा मन यह नहीं समझ पाते कि वे सामान्य तारीफ़ करने की वजाय, जोश में परम चाटुकारिता की सीमा लांघ चुके हैं!
  5. आदिम सभ्यता से परिचय कराता बस्तर! शांत, निष्छल, निष्कपट बस्तर! मनोरम वादियों, घने जंगलों से आच्छादित बस्तर! जिस बस्तर को बचपन में देखा था, जाना था, वो बस्तर आज कहीं खो गया हैं।
  6. लेकिन एक माॅ अपनी बडी होती बेटी के रक्षात्मक रवैया अपनाती है क्योंकि लेखिका सलुजा ने कहा हैकि चिडियो और लडकियो की प्रकृति बडी सौम्य, सरल और निष्छल प्राणी की होती है ये अपनी सरलता व भोलेपन के कारण ही प्रायः अन्याय और शोषण का षिकार हो जाती है।
  7. निष्छल, नैतिक और निष्पाप प्रेम अपनी मंजिल तक पहूंच ही जाती है और यही मेरा भरोसा भी है पता नहीं क्यों पर आज कल रेडियो पर यह गाना भी खूब बज रहा है-प्यार सच्चा हो तो राहें भी निकल आती है, बिजलियां अर्ष से खुद रास्ता दिखाती।
  8. मैं निष्छल जरूर था मगर बेवकूफ नहीं, और 1983 में मैं सोचा करता था कि जब हम बुद्धिजीवी मूर्ख माक्र्स और केयंस पर बहस किया करते थे तब महाराष्ट्र पर वे लोग राज कर रहे थे जिन्हें मेरे तत्कालीन मार्किस्ट दोस्त कुलाक (आज शरद पवार इसका अच्छा उदाहरण हो सकते हैं) कहते थे.
  9. महाविद्यालय का हर सदस्य जब भी उनसे मिलता है, अत्यंत भावविभोर हो जाता है, उनके मानस पटल पर आज भी कालेज के मनी कैंटीन की चाय-समोसा, मिश्रा पान ठेले की मीठी पत्ती, सहपाठियों के साथ की गई चुहलबाजी एवं व्हालीबाल, क्रिक्रेट तथा बैडमेंटन की शाॉट अंकित है, मुख्यमंत्री भी आपने सहपाठियों एवं आयुर्वेद स्नातकों के प्रति आत्मीयता एवं निष्छल प्रेम प्रदर्षित करते है।
  10. सभा को सम्बोधित करते हुए प्रदेष अध्यक्ष डा 0 तेज कुमार षुक्ल ने चन्द्रषेखर आजाद को याद करते हुए निष्छल देष प्रेम और जातीय एवं वर्ग से ऊपर सोच रखने वाले और सदा अग्रणी भूमिका निभाने वाले सवर्णो को जागृत करते हुए कहा कि सवर्ण अब जाग उठा है और अब लहर न्यायपालिका से लेकर सवर्ण जागृत मंचो तक दिखाई दे रही है।
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