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जम जाना sentence in Hindi

pronunciation: [ jam jana ]
जम जाना meaning in English

Examples

  1. क्या यही है ‘ अनुभूति का शिखर ' परम सुख या परम दुःख खौलना या हिम सा जम जाना कि एक छोर पर जाकर शक्तिहीन सा ठहर जाना उल्टे पाँव वापस हो जाना नीचे की ओर जहाँ कोई ठहराव नहीं है निराशा, दारुण्य, अन्धेरा या मासूम, निश्छ्ल, अबोध बचपन का भाव नहीं है
  2. सिर से सम्बंधित लक्षण-सिर में हल्का-हल्का सा दर्द होना जो अक्सर खूनी बवासीर रोग के दब जाने के कारण होता है, बहुत समय पुराना नजला, जीभ पर पीले रंग की परत सी जम जाना, मुंह का स्वाद बहुत ज्यादा खराब हो जाना आदि सिर के रोगों के लक्षणों में रोगी को कोलिन्सोनिया कैनाडेन्सिस औषधि देने से लाभ मिलता है।
  3. श्वास संस्थान से सम्बन्धित लक्षण:-रोगी के गले के अन्दर गुदगुदी महसूस होना, श्वासनलियों में कफ की मात्रा जम जाना, सांस लेने में अधिक परेशानी होना, श्वासनलियों में दबाव तथा सिकुड़न महसूस होना, सूखी तथा कठोर खांसी होना, बाएं फेफड़े के ऊपरी भाग में खून की अधिकता होना, ठण्ड के समय में होने वाली खांसी, सारे शरीर में दर्द होना।
  4. रात भर बर्फ का परत-दर-परत जमना अंदर ही अंदर कुछ जम जाना और जड़ हो जाना ही नहीं सुबह होते ही ताज़ा बर्फ पर बच्चों का नंगे पाँव उछल-कूद मचाना भी है बर्फ, तुम जमो किरण का कोमल स्पर्श और स्लेट की छत से बर्फ़ का टप-टप पिघल जाना सब कुछ खो जाना ही नहीं सूनी आँखों में आँसुओं का लौट आना भी है बर्फ, तुम पिघलो।
  5. कभी शांत बैठ कर अपने विचारों को देखो, फिर तुम्हे मेरी बात समझ में आएगी, इसको नियम बना रोज़ एक घंटा, एक समय तय कर लो और उसी समय पर एक आरामदायक आसन में बैठ जाया करो आंखे बंद कर के, एक बार बैठ गए फिर अगले एक घंटे तक चाहे कुछ भी हो जाये शरीर को हिलाना डुलना मत, पत्थर की तरह जम जाना..
  6. सांस से सम्बंधित लक्षण-सांस की नली में बलगम का जम जाना, रात को सोते समय बहुत ज्यादा खांसी होना, गले से आवाज साफ न निकल पाना, खांसते समय बलगम बहुत ज्यादा आना, सांस लेने में परेशानी होना आदि सांस के रोग के लक्षणों में कोकस कैक्टाइ एक ही बहुत ही अच्छी औषधि है इसको अगर नियमित रूप से सेवन किया जाए तो सांस के रोगी के सारे लक्षण समाप्त हो जाते हैं।
  7. रोगी की बालों की जड़ों में दाने निकल आना, फुंसियों के ऊपर पीली रंग की पपड़ी सी जम जाना, रोगी के सिर पर खुश्की, गर्मी, तेज खुजली जो रात को सोते समय तेज हो जाती है, जिनमें खुजली करने से दर्द बढ़ जाता है, गीला होने से जलन होने लगती है, त्वचा पर लाल रंग का एक्जिमा निकल आता है जैसे लक्षणों में इस औषधि का प्रयोग किया जा सकता है।
  8. नाक और गले के पीछे के भागों से रेशेदार बलगम का आना, गर्दन की पेशी का सख्त हो जाना, शरीर के जोड़ों का कमजोर हो जाना, भारी वजन को उठा पाना, गठिया का पुराना रोग, जीभ पर सफेद सी परत का जम जाना, पेशाब का रंग गाढ़ा लाल सा होना, कमर में दर्द, नितंबों के जोड़ों में दर्द और कलाइयों में दर्द आदि रोगों के लक्षणों में गेटि्सबर्ग वाटर औषधि बहुत ही अच्छा असर करती है।
  9. मुख (मुंह) से सम्बन्धित लक्षण:-मुख के अन्दर सूखापन और गुदगुदाहट होना, जीभ में सूजन तथा जीभ के अगले भाग में गुदगुदी होना, दांत अधिक ठण्डा हो जाना, निचला जबड़ा लगातार चलना जैसे कुछ चबा रहा हो, मसूढ़े अधिक गर्म तथा उसमें जलन के साथ दर्द होना, जीभ पर सफेद परत जम जाना, इस प्रकार के लक्षण यदि रोगी में हैं तो उसका उपचार करने के लिए ऐकोनाइटम नैपेल्लस औषधि का उपयोग करना चाहिए।
  10. बहुत सुंदर आलेख....!! हर स्तर पर चाहे भौगोलिक हो,सामाजिक हो या किसी भी और परिपेक्ष में ही ले लें...बंगलोरे जैसे शहर में पानी का जम जाना अब कोई आश्चर्य जनक बात नहीं लग रही है...पर आपको धन्यवाद इतने सुंदर आलेख को पढ़ कर अब लग रहा है कि हमारे कर्म हमें क्या क्या दिखाते हैं....कैसे ठहरा हुआ पानी बह जाने के बाद भी कीचड़ ही देता है.....!!!!! बहुत खूबसूरती से आपका लेख सकारात्मक सोच कि ओर बढ़ा रहा है...!!
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