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खिल्ली उड़ाना sentence in Hindi

pronunciation: [ khili udana ]
खिल्ली उड़ाना meaning in English

Examples

  1. कांग्रेस-सेकुलरों तथा वामपंथी सरकारों द्वारा जिस तरह से पिछले 10-15 सालों में लगातार हिन्दू आस्थाओं की खिल्ली उड़ाना, हिन्दू मन्दिरों की धन-सम्पत्ति हड़पने की कोशिशें करना, हिन्दू सन्तों एवं धर्माचार्यों को अपमानित एवं तिरस्कारित करने का जो अभियान चलाया जा रहा है, वह “किसके इशारे” पर हो रहा है यह न तो बताने की जरुरत है और न ही हिन्दू इतने बेवकूफ़ हैं जो यह समझ न सकें।
  2. मेरे आलोचकों के लिए, “ डेढ़ साल में सिर्फ़ 86,000 रुपये …!!! ” कहकर इसकी खिल्ली उड़ाना आसान है, परन्तु वे यह ध्यान में रखें कि यह राशि किसी पार्टी, समूह अथवा संस्था ने नहीं दी है, बल्कि व्यक्तियों ने “ अपनी खून-पसीने की कमाई ” में से एक पवित्र उद्देश्य के लिए दी है, और मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है।
  3. उनके राजनैतिक विरोधियों विशेषकर कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके विरुद्ध किए जा रहे उपवास विरोधी प्रचार को भी इतना अधिक महत्व दिए जाने की आवश्यकता इसलिए नहीं है क्योंकि जिस प्रकार कांग्रेस द्वारा उठाया गया कोई भी कदम अथवा कांग्रेस का कोई भी फैसला भाजपा या उनके नेताओं को नाटक प्रतीत होता है उसी प्रकार कांग्रेस का भी नरेंद्र मोदी के सद्भावना उपवास से सहमत न होना या उसकी खिल्ली उड़ाना कोई चैंकाने वाली बात हरगिज नहीं है।
  4. वो दौड़ लगाना, छुक-छुक करती रेल की तरह भागते जाना, तालाबों, खेतों-खलिहानों के बीच दौड़ते जाना, जाड़े के दिनों में हांडी में आलू रख औंधा लगाना, हवाओं से भी तेज भागते हुए, उसकी खिल्ली उड़ाना, अपने बाल दोस्तों के बीच सभा करना, मस्ती के आलम में डूबे रहना, बिजली कटने के बाद, बिजली आने पर हंगामा मचाते हुए, घर की ओर लौटना....
  5. किसी की भी खिल्ली उड़ाना और किसी भी विषय पर विचार किये वगैर अपनी बात थोप देना आदि आदि यहाँ.... बखूबी देखने को मिल रही है...अब तो इस मंच से साहित्यकार कवि लेखक भी जुड़ने से डरने लगे है..को लेकर...मैंने यह पोस्ट “ क्या यही स्वतंत्र अभिव्यक्ति का मंच है की किसी पर भी कुछ भी थोपो....क्या ब्लागिंग जीनियस करते है आदि आदि....क्यों न अब ब्लागिंग को राम राम कर ली जा ये ”.
  6. (त्रावणकोर राजवंश ने सन 1750 में ही पूरे घराने को “ पद्मनाभ दास ” यानी भगवान पद्मनाभ के दास घोषित कर दिया था, इस घराने की रानियाँ “ पद्मनाभ सेविनी ” कहलाती हैं) कांग्रेस-सेकुलरों तथा वामपंथी सरकारों द्वारा जिस तरह से पिछले 10-15 सालों में लगातार हिन्दू आस्थाओं की खिल्ली उड़ाना, हिन्दू मन्दिरों की धन-सम्पत्ति हड़पने की कोशिशें करना, हिन्दू सन्तों एवं धर्माचार्यों को अपमानित एवं तिरस्कारित करने का जो अभियान चलाया जा रहा है, वह “
  7. खिल्ली उड़ाना कोई पतंग उड़ाना नहीं है जब चाहे उड़ा ली किसी और की उड़ाना आसान है अपनी खुद की उड़ान सरल नहीं है ये वो पतंग नहीं है दूसरे की जब चाहे काट दी न दूसरे की पतंग लूटना आसान है इतना यातायात रहता है सब तरफ अपने को पहचानना कठिन यही हैं लोग मानते तो हैं आपको सभी पर जानना सभी को आसान नहीं है ब्लॉगिंग नहीं है जॉगिंग विचारों की न रैगिंग कुछ खिलंदड़बाजों की प्रत्येक के लिए आसान नहीं है अनेक रहते हुए नेक रहना सफलता का यही है गहना।
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