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कस्साब sentence in Hindi

pronunciation: [ kasab ]
कस्साब meaning in English

Examples

  1. इस सरकारी आतंकवाद के सरगना तो आप ही है न? क्यां वाकई गडकरी जी ठीक कहे रहे है की कांग्रेस्सियो ने अपनी बेटी देदी जो अफजल और कस्साब को इतना सम्मान मिल रह है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक उनको फंसी नहीं दी गई.
  2. समझौता एक्सप्रेस, मालेगाँव, अजमेर दरगाह, मक्का मस्जिद में ब्लास्ट करने वालों के खिलाफ सारे सबूत तिल जाने के बावजूद इन आतंकियों के मामलों को जानबूझकर लम्बा खींचा जा रहा है जबकि कस्साब, अफजल मामले में पूरे दो साल भी नहीं नहीं गुजरने दिये अदालतों ने सजाये दे डालीं।
  3. अंत में साम्प्रदायिकता और जातिवाद की ऐसी विजय हुई कि मुसलमानों में भी शेख, सैयद, मुगल, पठान नामक चार वर्ण एवं धुना, जुलाहे, हज्जाम, कुंजड़े कस्साब, कसगर, मोमिन, मीरासी, मनिहार, रंगरेज, दर्जी, गद्दी, डफाली, नक्काल इत्यादि नाना जातियां बन गयीं।
  4. एक कस्साब को मारने से कोई ये नहीं कह सकता कि दूसरा कस्साब अभी उसी फैक्ट्री में बनना बंद हो गया हो जहाँ खुद उसका निर्माण हुआ था? एक सबसे महत्वपूर्ण तथ्य जिसे बेहूदा छद्म देशभक्ति की नुमाइश के चलते सामने ही नहीं लाया जा रहा और न उस पर तवज्जो दी जा रही है ;
  5. एक कस्साब को मारने से कोई ये नहीं कह सकता कि दूसरा कस्साब अभी उसी फैक्ट्री में बनना बंद हो गया हो जहाँ खुद उसका निर्माण हुआ था? एक सबसे महत्वपूर्ण तथ्य जिसे बेहूदा छद्म देशभक्ति की नुमाइश के चलते सामने ही नहीं लाया जा रहा और न उस पर तवज्जो दी जा रही है ;
  6. अगर पाकिस्तान भारत के अपराधी अज़मल आमिर कस्साब और फहीम अरशद अन्सारी को मांगता है तो उसकी ये हठधर्मिता डेविड कोलमैन हेडली के लिए अमेरिका के प्रति क्यों नहीं दिखाई देती? इसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान अमेरिका के सामने घुटने टेक कर रहता है और उसी की शह पर वो भारत के सामने सीना तानकर हठधर्मी करता है।
  7. वहीँ मुस्लिमों की बिरादरी जो खेती और बाकी काम में हाथ बटाती हैं उनमें अंसारी, मंसूरी, सलमानी, नट, आतिशबाज़, भिश्ती, फकीर, गद्दी, हज्जाम, इराकी / कलाल, खरदी, मिरासी, मोमिन जुलाहा, मंसूरी / धुनिया, मेव, नानबाई, निकारी, पटुआ, कलंदर, कस्साब, राइन / कुंजड़ा, शेख मेहतर, आदि हैं.
  8. अब किसी दैरो-हरम की बात मत कर किसी से रहमो-करम की बात मत कर प्यार कर उससे जो दिल का मोम हो संगमरमर के सनम की बात मत कर उलझने ही उलझने हैं ज़िन्दगी में जुल्फ के अब पेंचो-ख़म की बात मत कर रक्स करती है जहाँ आय्याशियाँ उस सियासत के हरम की बात मत कर जिबाह तो पेशा है उसका यूँ कस्साब से रहमो करम की बात मत कर
  9. याद दिलाते चलें कि देश में बीसों साल से जगह-जगह धमाके कराकर बेकसूर मुस्लिमों को फँसाया जाता रहा, कत्ल किया जाता रहा, कभी मुठभेढ़ के बहाने तो कभी फाँसी के नाम पर, मगर किसी भी साजिश कर्ताओं या जाँच अधिकारी का कत्ल नहीं हुआ, और जब शहीद हेमन्त करकरे ने देश के असल आतंकियों को बेनकाब किया तो उनका ही कत्ल कर दिया गया, और उसका इल्ज़ाम भी कस्साब के सिर मढ़ दिया।
  10. और सब तो माना कि, अपनी अपनी रोटियों को खीरे दे रहे है, पर मनमोहनसिंह को क्या हो गया है जो दिल को हिंद महासागर बना रहे है, क्या अटलजी की गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा? फिर से वही दिल लाया हूँ सनम तेरे लिए, क्या जरुरत है, गिलानी को यहाँ पर बुलाने की? कही ऐसा ना हो जाये कि गिलानीजी मैच देख रहे हो और पीछे से कोई कस्साब फिर से किसी स्टेशन पर हमला कर दे. बच के रहना चाहिए इस देश को.
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