अन्तर्ज्ञान sentence in Hindi
pronunciation: [ antarjnyan ]
Examples
- यह कार्ड अधीर, जीवंत, तर्क, आक्रामकता, आशावाद, अन्वेषण, आवेग, बेचैनी, साहस, आवेश, ऊर्जा, लचीला अन्तर्ज्ञान, अति उत्साह या गुस्सा को दर्शाता है।
- मैं, उन्होने ' ट्रान्सेडेन्टल रिवर्थिन्ग मेथड ' अर्थात ' अन्तर्ज्ञान से पुनर्जन्म प्रक्रिया ' की सृजन की, यह प्रक्रिया से सम्पुर्ण सत्ता की चेतना मैं परिवर्तन तथा प्रतिभामय पुनर्जन्म होती है.
- वह केवल तार्किक शैलियों के आधार पर दर्शनशास्त्र के शोध को परिणामहीन मानते हैं और कहते हैं कि तार्किक व बौद्धिक प्रशिक्षण के बिना प्राप्त होने वाला अन्तर्ज्ञान भी पथभ्रष्टता का कारण बनता है।
- निःसंदेह यह निम्न ज्योति वास्तविक अन्तर्ज्ञान के मिश्रम को अपने अन्दरअनायास ही ग्रहण कर सकती है और मिथ्या अन्तर्ज्ञानात्मक याअर्ध-अन्तर्ज्ञानात्मक मन उत्पन्न हो जाता है जो अपनी बहुधा होनेवालीप्रोज्ज्वल सफलताओं के कारण अत्यन्त भ्रामक होता है.
- जेनी रोज़ की “जोरास्टरियनिज़्म: एन इंट्रोडक्शन” में ‘दाएनम' का रिश्ता ऐसी धातु से सम्भावित बताया है जिसमें परख (अन्तर्चक्षुओं से) का भाव है और इस तरह ‘दाएना' शब्द में धार्मिक अन्तर्ज्ञान का भाव आता है ।
- यह ठीक है कि अन्तर्ज्ञान को पीछे तर्कबुद्धि या इन्द्रिबोध केद्वारा परखकर सत्य सिद्ध किया जा सकता है, परन्तु उसकी सत्यता इस प्रकारकी सिद्धि पर निर्भर नहीं करती, वह एक स्वतः स्फूर्त स्वयं-सिद्धि केद्वारा सुनिश्चित होती है.
- पंथ, मार्ग, विचार-सरणी, चिन्तन-धारा, अन्तर्चेतना, अन्तर्ज्ञान और अन्ततः धर्म के रूप में इस ‘ दाएनम ' से ‘ दाएना ', ‘ दैन ' और फिर ‘ दीन ' जैसा रूपान्तर हुआ ।
- अतएव अपनेसर्वोत्तम रूप से अन्तर्ज्ञान हमें एक सीमित प्रकाश ही प्रदान करता है, यद्यपि वह होता है प्रखर; निकृष्ठतम रूप में, हमारे द्वारा इसका दुरुपयोगया मिथ्या अनुकरण किये जाने पर, यह हमें कठिनाईयों, परेशानियों औरभ्रान्तियों में ले जा सकता है.
- परन्तु मनुष्य का उच्चतर मानसिक अन्तर्ज्ञान अन्तर्दर्शन केद्वारा लब्ध ज्ञान होता है न कि इन्द्रियलब्ध सहजज्ञान; क्योंकि वहबुद्धि को आलोकित करता है, ऐन्द्रिय मन को नहीं, वह आत्म-सचेतन औरप्रकाशपूर्ण होता है, कोई अर्द्ध-अवचेतन अंध-ज्योति नहीं होताः वहस्वतन्त्रतापूर्वक स्वयमेव क्रिया करता है.
- कितनी ही बार, अन्तर्ज्ञान के ठेठ सारतत्त्व में चुपकेसे ऐन्द्रिय और विचारसम्बन्धी भ्रम का तत्व डालकर अथवा इसपर मानसिककल्पनाओ और भ्रान्तियों की तह चढ़ाकर वह इसके सत्य को पथच्युत ही नहींविकृत भी कर देती है और इसे असत्य में परिणत कर डालती है.