विभंजन sentence in Hindi
pronunciation: [ vibhamjan ]
Examples
- कुओं ड्रिल के लिए इस्तेमाल अन्य प्रक्रियाओं के साथ जलीय विभंजन, खुली हवा में गड्ढे में फेंक दिया जाता है कि खतरनाक कचरे की बत के उत्सर्जन और लाखों उत्पन्न करता है.
- अवशिष्ट विभंजन तरल पदार्थ अच्छी तरह से संपत्ति से लिया अच्छी तरह से पानी के नमूनों की वेस्ट पर्यावरणीय स्वास्थ्य सेवा प्रयोगशाला द्वारा एक विश्लेषण के अनुसार श्री पादरी के पानी में चले गए.
- प्रतिबंध लगाने के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर 1 उत्तर सभी को नमस्कार, अब हर कोई छुट्टी से वापस है कि, पर प्रतिबंध जलीय विभंजन याचिका पर हस्ताक्षर किए नहीं है आप में से जो
- यह समुद्रांतर श्रेणी संभवत: अरावली पर्वत का ही दक्षिणी क्रम है जो तृतीयक (टर्शियरी) युग में, गोंडवाना प्रदेश के खंडन और भारत के पश्चिमी तट के विभंजन के साथ ही मुख्य पर्वत से विच्छिन्न हो गया।
- आहार का यही प्रयोजन है और आहार के भिन्न अवयवों का उनके अत्यंत सूक्ष्म तत्वों में विभंजन कर देना, जिससे उनका अवशोषण हो जाय और शरीर की कोशिकाएँ उनसे अपनी आवश्यक वस्तुएँ तैयार कर लें, यही पाचन का प्रयोजन है।
- भेदकर तुम चक्र मूलाधार में जो स्थित धरा है वारि जो मणिपूर, स्वाधिष्ठान में जो ज्वलित पावक उर अनाहत चक्र का पवमान ऊपर गगनमण्डल भेदती सब मन भृकुटि के मध्य आज्ञाचक्र में रख सकल कुल कुण्डलिनि-पथ अवरोध का करती विभंजन तुम परमशिव स्वपति के संग सहस्रार सरोज में करती रमण हो ॥ 9 ॥
- मुझे लगता है कि बुद्धिमत्तापूर्ण प्रथम कारण की मौजूदगी की तुलना में दुखों की मौजूदगी का यह प्राचीन तर्क बहुत ही मजबूत है, जबकि जैसा कि अभी बताया गया है, बहुत ज्यादा दुखों की मौजूदगी का साम्य इस दृष्टिकोण से अधिक है कि सभी जीवों का विकास विभंजन और प्राकृतिक चयन के माध्यम से हुआ है।
- साधनहीन, अभावग्रस्त, दीन-हीन जाति का उद्धार असुर संहारक धर्मधुरिन कलि कलुष विभंजन राम का मर्यादित दिव्य लोकानुप्रेरक चरित्र ही कर सकता था इसीलिए उन्होंने तंद्राग्रस्त समाज के उद्बोधन के लिए लोकग्राह्य पद्धति को आधार बनाकर मर्यादा पुरूषोत्तम राम के लोकोपकारी व कल्याणकारी चरित्र का आदर्श प्रस्तुत कर अयात्म और धर्म को जीवन में उतारने का वन्दनीय कार्य किया।
- इस सुअवसर पर पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज व एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ उपाध्याय प्रज्ञ सागर जी, आर्यिका श्री विद्याश्री व विधाश्री माताजी, ऐलक श्री विज्ञान सागर जी, विमुक्त सागरजी, क्षुल्लक श्री विशंक सागरजी, विभंजन सागरजी, सुखानंद जी आदि साधू संतो के दर्शन प्राप्त हो सकते हैं. Ankit Jain [email protected] >