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वर्तिकाग्र sentence in Hindi

pronunciation: [ vartikagra ]
वर्तिकाग्र meaning in English

Examples

  1. एक खेतिहर मजदूर ने बांस की एक धारदार छिपटी द्वारा परागकोश तथा वर्तिकाग्र को अलग करने वाली झिल्ली को हटाया और इसके बाद अंगूठे के प्रयोग द्वारा मकरंद को परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित कर दिया.
  2. एक खेतिहर मजदूर ने बांस की एक धारदार छिपटी द्वारा परागकोश तथा वर्तिकाग्र को अलग करने वाली झिल्ली को हटाया और इसके बाद अंगूठे के प्रयोग द्वारा मकरंद को परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित कर दिया.
  3. दूसरे बींजांड को टटोलकर यह कीट अंडाशय की भित्ति में पुन: दूसरा छेद कर एक और अंडा दे देता है तथा फिर वह वर्तिकाग्र पर दौड़ जाता है और पहले की भाँति परागकण उसके भीतर दबा देता है।
  4. दूसरे बींजांड को टटोलकर यह कीट अंडाशय की भित्ति में पुन: दूसरा छेद कर एक और अंडा दे देता है तथा फिर वह वर्तिकाग्र पर दौड़ जाता है और पहले की भाँति परागकण उसके भीतर दबा देता है।
  5. परागण के बाद, एक नलिका बनती है जो वर्तिकाग्र से अंडाशय के बीजाण्ड तक जाती है जहाँ पराग से शुक्राणु बीजाण्ड में स्थानांतरित होते हैं, बीजाण्ड के अंदर शुक्राणु अंड के साथ जुड़कर एक डिपलॉइड ज़ाइगॉट की रचना करते हैं।
  6. परागण के बाद, एक नलिका बनती है जो वर्तिकाग्र से अंडाशय के बीजाण्ड तक जाती है जहाँ पराग से शुक्राणु बीजाण्ड में स्थानांतरित होते हैं, बीजाण्ड के अंदर शुक्राणु अंड के साथ जुड़कर एक डिपलॉइड ज़ाइगॉट की रचना करते हैं।
  7. रोस्टेलम को उठाने या फ्लैप को ऊपर की ओर हिलाने के लिये के एक छोटे टुकड़े या घास के तने का उपयोग किया जाता है, जिससे कि लटके हुये पराग-कोष को वर्तिकाग्र के विरुद्ध दबाया जा सके और यह का कर सके.
  8. रोस्टेलम को उठाने या फ्लैप को ऊपर की ओर हिलाने के लिये लकड़ी के एक छोटे टुकड़े या घास के तने का उपयोग किया जाता है, जिससे कि लटके हुये पराग-कोष को वर्तिकाग्र के विरुद्ध दबाया जा सके और यह लता का स्व-परागण कर सके.
  9. कुछ पुष्पों की रचना ऐसी होती है कि कीट बिना पराग एकत्र किए मकरंद प्राप्त कर ही नहीं सकता और जब वह दूसरे पुष्प पर जाता है तो पुष्प की रचना के कारण इसके वर्तिकाग्र पर पराग गिराए बिना मकरंदकोष तक पहुँच ही नहीं सकता।
  10. कुछ पुष्पों की रचना ऐसी होती है कि कीट बिना पराग एकत्र किए मकरंद प्राप्त कर ही नहीं सकता और जब वह दूसरे पुष्प पर जाता है तो पुष्प की रचना के कारण इसके वर्तिकाग्र पर पराग गिराए बिना मकरंदकोष तक पहुँच ही नहीं सकता।
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