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निष्कवच sentence in Hindi

pronunciation: [ niskavac ]
निष्कवच meaning in English

Examples

  1. हमारी तिकड़ी में राजनीति, कविता और प्रेम के सबसे कठिनतम समयों में अनेक समयों पर अनेक परीक्षाओं में से गुजरते हुये अपनी अस्मिता पाई थी, चंदू जिसमें सबसे पवित्र लेकिन सबसे निष्कवच होकर निकले थे।
  2. जर्मन कवि रिल्के के १ ०० पत्रों का अनुवाद किया क्योंकि १ ० पत्रों की पहली पुस्तक ' लेटर्स टू ए यंग पोएट ' ने ' निष्कवच ' लिखते समय मुझे अधबीच पकड़ लिया.
  3. हमारी तिकड़ी में राजनीति, कविता और प्रेम के सबसे कठिनतम समयों में अनेक समयों पर अनेक परीक्षाओं में से गुजरते हुये अपनी अस्मिता पाई थी, चंदू जिसमें सबसे पवित्र लेकिन सबसे निष्कवच होकर निकले थे।
  4. इन सबका अपना-अपना महत्व है पर त्रिलोचन किसान-लोक के ज्यादा करीब हैं जिसमें भारत की आत्मा बसती है, इसलिये जीवन के प्रति निष्कवच खुलापन त्रिलोचन को आधुनिकता और लोकधर्मिता के वृहत्तर दायरे में लेकर चलती है।
  5. उसने नेह-स्वांग रच कर अपने सामीप्य का निमंत्रण दिया नेह सामीप्य के क्षणों में झूठा न रह सका अपने खोल से बाहर आकर नेह ने अपनी कलई खोली दिखा वही गुनगुना-सा निष्कवच, निःस्वांग विदेह नेह ।
  6. हमारी तिकड़ी में राजनीति, कविता और प्रेम के सबसे कठिनतम समयों में अनेक समयों पर अनेक परीक्षाओं में से गुजरते हुये अपनी अस्मिता पाई थी, चंदू जिसमें सबसे पवित्र लेकिन सबसे निष्कवच होकर निकले थे।
  7. ईश्वर की ज़रूरत किसे नहीं पड़ती? उस ईश्वर की जिसका संबन्ध पूजा पाठ से नहीं, चरम असहायता के क्षण में एक निश्शब्द प्रार्थना से है, अपने आपे के साथ एक निष्कवच रिश्ते से है.
  8. साकेत की सीता, उर्मिला और कैकयी ही नहीं अनघ में मघ की माँ, चन्द्रहास में सुरभि, तिलोत्तमा में तिलोत्तमा, निष्क्रिय प्रतिरोध में दयाराम की पत्नी और विसर्जन में पार्वती के अधिक निकट और निष्कवच नारियाँ हैं जो अन्याय का प्रतिरोध पुरुषों की तुलना में अधिक सशक्त ढंग से करती हैं।
  9. साकेत की सीता, उर्मिला और कैकयी ही नहीं अनघ में मघ की माँ, चन्द्रहास में सुरभि, तिलोत्तमा में तिलोत्तमा, निष्क्रिय प्रतिरोध में दयाराम की पत्नी और विसर्जन में पार्वती के अधिक निकट और निष्कवच नारियाँ हैं जो अन्याय का प्रतिरोध पुरुषों की तुलना में अधिक सशक्त ढंग से करती हैं।
  10. साकेत की सीता, उर्मिला और कैकयी ही नहीं अनघ में मघ की माँ, चन्द्रहास में सुरभि, तिलोत्तमा में तिलोत्तमा, निष्क्रिय प्रतिरोध में दयाराम की पत्नी और विसर्जन में पार्वती के अधिक निकट और निष्कवच नारियाँ हैं जो अन्याय का प्रतिरोध पुरुषों की तुलना में अधिक सशक्त ढंग से करती हैं।
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