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चित्र-परिचय sentence in Hindi

pronunciation: [ citra-paricaya ]
चित्र-परिचय meaning in English

Examples

  1. चित्र-परिचय चन्द्रमा रात के अंधकार में ही चमकता है, और उसे राहु तथा बादल ग्रस्त कर लेते हैं, किन्तु भगवान का मुख रूपी चन्द्र-कमल सदा असीम प्रकाश देता है।
  2. चित्र-परिचय जिस प्रकार पूर्णिमा के चन्द्रमा की कलाएँ पर्वत, नदी-नाले, आदि सभी को पार कर सर्वत्र विस्तार पाती हैं, उसी प्रकार प्रभु के अनन्त ज्ञान-दर्शन आदि दिव्य गुणों की
  3. इसके नीचे छपे चित्र-परिचय के अक्षर तक मुझे आज भी याद हैं और इनका स्मरण-आलाप अब भी वैसे ही आनंद-सपंदन से भर रहा है-‘ नाट्य-सम्राट और साहित्य-सम्राट ' ।
  4. चित्र-परिचय (युद्ध-भय-मुक्ति) युद्धभूमि में भालों से छिन्न-भिन्न हाथियों के शरीर से रक्त की नदी जैसी बह रही है, जिसे पार करना वीर योद्धाओं के लिए भी कठिन हो रहा है।
  5. चित्र-परिचय (गज-भय-मुक्ति) आक्रमण की मुद्रा में अत्यन्त ऐसा मदोन्मत्त हाथी जिसके कपोलों पर झरता मद पीने भौंरे मँडरा रहे हैं भक्त के पास आते ही शान्त होकर बैठ जाता है।
  6. चित्र-परिचय जैसे आम की मंजरी खाकर कोकिल मीठे स्वर आलापने लगती है, वैसे ही अल्पज्ञ भक्त, विद्वानों के समक्ष भी प्रभु की भक्ति का बल पाकर अपना स्तुति काव्य रचता है।
  7. चित्र-परिचय संसार में प्रायः सभी देव देवियों के साथ रागयुक्त स्थिति में पाये जाते हैं, किन्तु वीतरागदेव सदा ही वीतरागभावयुक्त ध्यानस्थ स्थिति में मिलते हैं, जिन्हें देखकर मन सन्तुष्ट व परितृप्त हो जाता है।
  8. चित्र-परिचय भगवान के समवसरण का दृश्य अष्ट महाप्रातिहार्य से सम्पन्न, देव-मानव-पशु-पक्षी आदि सभी प्राणियों को धर्म-बोध देने में समर्थ दिव्य-ध्वनि, छोटे-बड़े सब जन भगवान के दर्शनों के लिए आकर प्रेमपूर्वक एक साथ बैठते हैं।
  9. चित्र-परिचय (सिंह-भय-मुक्ति) क्रुद्ध सिंह ने हाथी के कुंभस्थल को चीरकर भूमि पर रक्त-लिप्त गज मोतियों का ढेर लगा दिया है, ऐसा भयानक सिंह भी भगवद् ध्यानलीन भक्त के सामने शान्त होकर बैठ जाता है।
  10. चित्र-परिचय दुःखी मानव प्रभु को कष्ट-निवारक के रूप में, देवगण प्रभु को जगत् के मण्डन-अलंकार के रूप में, साधक जन-परमेश्वर के रूप में, और नागकुमार आदि भव-समुद्र के शोषक के रूप में देखकर वन्दना
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