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चर अचर sentence in Hindi

pronunciation: [ car acar ]
चर अचर meaning in English

Examples

  1. समुद्र से मेघ के मुख में प्राप्त होकर जल सदा मधुर हो जाता है और पृथ्वी पर चर अचर सब जीवॊं को जिला कर फिर वही जल कोटि गुण होकर उसी समुद्र में चला जाता है ॥ ४ ॥
  2. सदियों पुरानी भारतीय परिवार व्यवस्था, ब्रह्मचर्य पालन और नैतिक मूल्यों की बात करना अब मूर्खता हो गयी है, अपने गुरु, माता पिता, बड़े-बुजुर्गों को आदर देना, चर अचर जगत का सम्मान करना...
  3. उनकी हमलोग में प्रकाशित पुरस्कृत कविता “ सब कुछ साथ हो जाता है ” अनूठी प्रेम कविता है जिसमें चर अचर जगत के साकार और निराकार सम्बंधों की गहराई और व्यापकता को बहुत ही सफलता के साथ उकेरा गया है।
  4. उससे आगे भी कुछ लोग विश् व बंधुत् व की भावना से ओत प्रोत होते हैं, तो कुछ विश् व के समस् त चर अचर के कल् याण से भी आगे पूरे ब्रह्मांड के लिए अपने कार्यक्रम बनाया करते हैं।
  5. इस ब्रह्माण्ड मे जो कुछ भी गतिशील अर्थात चर अचर पदार्थ है, उन सब मे ईश् वर अपनी गतिशीलता के साथ व् याप् त है उस ईश् वर से सम् पन् न होते हुये तुम त् याग भावना पूर्वक भोग करो।
  6. विभिन् न कर्मकांडों के माध् यम से उनका पालन कर व् यक्ति अपने स् वार्थों को त् याग कर विश् व के समस् त चर अचर के कल् याण से भी आगे पूरे ब्रह्मांड की सुरक्षा करने में समर्थ हो पाता है।
  7. प्रह्लाद बोले: जिन से प्रधान (मूल प्राकृति) और पुरुष (आत्मा) आये हैं, जिन से यह चर अचर जगत उत्पन्न हुआ है, जो इस सकल सृष्टि के कारण हैं, वह विष्णु हम पर प्रसन्न हों ।
  8. देखें तो हमारा शरीर ही नहीं अपितु प्रकृति का हर पक्ष अपरिग्रह सिद्धांत पर ही कार्य करता है, ग्रह नक्षत्रों, हमारी पृथ्वी की गतिशीलता, सूर्य चंद्रमा एवं अन्य प्रकाश श्रोतों से हमें प्राप्त प्रकाश व ऊर्जा, पृथ्वी पर चर अचर सभी प्रकार का जीवन इसी अपरिग्रह नियम का पालन करते हैं।
  9. समाज मे समरसता लुप्तप्राय है दैवीय व देवत्व गुणो से युक्त प्रक्रति, जीव जन्तु, जलवायु व चर अचर प्राक्रतिक सँसाधनो का लोप होता जा रहा है, आमजन से लेकर र्शीर्ष सत्ता मे बैठे लोग निजी हितो को सवोंपरि समझते हुए सामाजिक मर्यादाओ को रौदते हुए देश को बर्बाद करने पर तुले है ।
  10. रात्रि के अवसान का काल, थोड़े हीं देर बाद नभ प्राची पे सूरज अपनी अरुणिमा बिखेरने वाला होगा और आप उस समय जगकर यह महान कार्य करने में लगे थे … संस्कृत का एक दोहा है-' या निशा सर्वभूतानाम तस्यां जागृती संयमी ' अर्थात रात्रि बेला में जब सब चर अचर सो जाते हैं, साधक jagkar अपने साधना में लीन रहते हैं …… तो यह है आपकी साधना..
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