कोई मात्रा sentence in Hindi
pronunciation: [ koi matra ]
Examples
- व्यंजन यदि स्वर से जुड़ा है तो उसकी अलग कोई मात्रा नहीं गिनी जाती परन्तु दो स्वरों के बीच में यदि दो व्यंजन आते हैं तो व्यंजन की भी एक मात्रा गिनी जाती है ।
- व्यंजन यदि स्वर से जुड़ा है तो उसकी अलग कोई मात्रा नहीं गिनी जाती परन्तु दो स्वरों के बीच में यदि दो व्यंजन आते हैं तो व्यंजन की भी एक मात्रा गिनी जाती है ।
- (१०) पहले लाइसेंसों के आधार पर आबंटित की गई कोई मात्रा जो उपर्युक्त कारणोंसे व्ययगत हो गई हो, वह ऊपर निर्धारित तरीके से पुनः आबंटन के लिये सम्बद्धलाइसेंस देने वाले कार्यालय को फिर से उपलब्ध होगी.
- किसी अनुच्छेद में सभी पंक्तियों में समान रूप से रिक्तियों के लिए, निश्चित रिक्ति का उपयोग करें और रिक्ति की कोई मात्रा निर्दिष्ट करें जो पंक्ति में बड़े वर्ण या ग्राफ़िक को फ़िट करने के लिए पर्याप्त हो.
- एफसीआई द्वारा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए नोडल एजेंसी बनाई गई केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोदामें में रखे अनाज में होने वाले नुकसान की कोई मात्रा तय नहीं की गई है।
- ज्ञान की कोई मात्रा ऐसी रेखा बनने में सफल नहीं हो सकी जो टकराव होने से बचाए; पहले से ही, “पंजाब और बंगाल के सांप्रदायिक दंगों ने ब्रिटिश की त्वरित और सम्मानजनक वापसी की उम्मीद को फीका कर दिया था”.
- यदि पहले दिन केप्राप्त आवेदनपत्रों को निपटाने के बाद उच्चतम सीमा की कोई मात्रा बच जाती है, तो बाकी बची हुई मात्रा अगले दिन के नए आवेदनपत्रों के लिए रखी जाएगी; उच्चतमसीमा जब तक समाप्त नहीं हो जाती, इस प्रक्रिया की पुनरावृति की जाती रहेगी.
- आदर्श पुनर्योजी में बहुत ही उच्च तापीय क्षमता होती है, बहुत कम तापीय चालकता तरल प्रवाह के समानांतर होती है, तरल प्रवाह के लम्बवत बहुत उच्च तापीय चालकता होती है, लगभग कोई मात्रा नहीं होती और यह कार्यरत द्रव से कोई घर्षण नहीं शुरू करता.
- किंतु जरा गहरे पैठने पर यह भ्रम छिन्न-भिन्न हो जाता है, क्योंकि आरंभ में किसी भी अभिप्राय का प्रयोग किसी विशेष उद्देश्य को लेकर किया जाता है और ऐसा करते समय उक्त अभिप्राय के मूल में वास्तविकता की कोई न कोई मात्रा अवश्य रहती है।
- किंतु जरा गहरे पैठने पर यह भ्रम छिन्न-भिन्न हो जाता है, क्योंकि आरंभ में किसी भी अभिप्राय का प्रयोग किसी विशेष उद्देश्य को लेकर किया जाता है और ऐसा करते समय उक्त अभिप्राय के मूल में वास्तविकता की कोई न कोई मात्रा अवश्य रहती है।