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एसिडम sentence in Hindi

pronunciation: [ esidam ]
एसिडम meaning in English

Examples

  1. इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
  2. इस प्रकार के रोग के लक्षणों को नष्ट करने के लिए ईनोथेरा विएनिस औषधि का उपयोग करते हैं लेकिन इसी प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करते है।
  3. इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
  4. इस प्रकार के मन से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
  5. इस प्रकार के सिर से सम्बन्धित लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना फायदेमन्द होता है।
  6. काम करने की इच्छा न करना तथा अधिक आलस्य आना, अधिक कमजोरी के साथ दस्त का बार-बार आना तथा जीभ का सूखकर कत्थई रंग की हो जाना आदि लक्षणों में टार्टैरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग किया जाता है।
  7. आक्जैलिकम एसिडम औषधि का उपयोग खासतौर से रीढ़ की हड्डी के रोगों में किया जाता है जैसे रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा हो जाना, पीठ, कमर और नितंबों का कमजोर पड़ जाना, रीढ़ की हड्डी में जलन होने के कारण पीठ मे दर्द होना आदि में।
  8. चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण-त्वचा के ऊपर अपने आप ही पसीना सा निकलना, शरीर की त्वचा के ऊपर संगमरमर जैसे चकते पड़ना, चेहरे पर बहुत तेजी से जलन होना जो दाढ़ी बनवाने से ज्यादा हो जाती है आदि लक्षणों में रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि देने से लाभ मिलता है।
  9. आमाशय से सम्बंधित लक्षण:-रोगी को अ धिक प्यास लगना, बार-बार उल्टी आना, गले व पाकाशय में जलन होना, भोजन का पाचन ठीक से न होना तथा अधिक मात्रा में श्लैष्मिक स्राव होना आदि लक्षणों से पीड़ित रोगी को ठीक करने के लिए टार्टैरिकम एसिडम औषधि का सेवन कराना चाहिए।
  10. पुरुष रोग से सम्बंधित लक्षण-रोगी के अण्डकोषों के भाग में स्नायु-शूल के जैसा दर्द होना, ऐसा लगना जैसे कि किसी ने अण्डकोषों को कुचल दिया हो, अण्डकोषों का बहुत ज्यादा भारी सा लगना, शुक्रधार-प्रदाह (सिमीनल वेसीक्युलिटिसद्ध जैसे पुरुष रोगों के लक्षणों के आधार पर रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि का सेवन कराना काफी लाभकारी साबित होता है।
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