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समबाहु त्रिभुज sentence in Hindi

pronunciation: [ samabahu tribhuj ]
समबाहु त्रिभुज meaning in English

Examples

  1. पूर्वी भूभाग पर अपनी परिधि से क्रान्ति वृत्त के मध्य विन्दु पर समबाहु त्रिभुज के स्थान पर विषम बाहु त्रिभुज का निर्माण मंगल के द्वारा प्रति एक सौ अस्सी दिनों पर हो रहा है।
  2. केतु यदि कुंडली में किसी भी कोण भाव से समबाहु त्रिभुज बनाता है तो यह चाहे किसी भी राशि में हो, चाहे वह राशि अशुभ हो या शुभ, सदा अशुभ फल ही देगा.
  3. कहानी कई विषयों पर टिप्पणी करती हुई चलती है और निष्कर्ष पर पहुँचती है कि “ एक वृत्त और उसके अंदर एक समबाहु त्रिभुज, तीन बिंदु एक-दूसरे से समान दूरी पर ; परन्तु एक-दूसरे से किन्हीं रेखाओं से जुड़ी हुई ”
  4. स्वाभाविक बाध्यता कि दुहराव न हो ' और ' फिन्गर्ज़ क्रोस्स्ड ' का जोखिम ले अपने कहने को ' कम्पास से अक्षरों में एक समबाहु त्रिभुज बनाया जाए ' तक ले जाते है, हिंदी में मेरे ख्याल ये प्रयोग अलग किस्म से अपने आप में अनूठा है...
  5. अर्थात पृथ्वी के दूसरे गोलार्द्ध में धरती के एक ध्रुव तथा भूमध्य विन्दु के साथ समबाहु त्रिभुज बनाता है तों पृथ्वी के दूसरी तरफ जिस हिस्से से वृहत्कोण बना रहा होता है, वहां भयंकर हिमपात, महामारी, क्षयरोग एवं अतिसार (Diarrhea) का प्रकोप बढ़ जाता है.
  6. उदाहरणार्थ, एक ही परिमापवाले विभिन्न भुजाओं के त्रिभुज एक समान गत्ते से काटकर और उन्हें तौलकर छात्र यह तथ्य खोज सकता है कि दी हुई परिमापवाले त्रिभुजों में समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल सबसे अधिक होता है, इसी प्रकार वह यह भी खोज सकता है कि दिए हुए पृष्ठीय क्षेत्रफल वाले चतुष्फलकों में समचतुष्फलक सबसे बड़े आयतन का होता है।
  7. इस कविता के मध्य में बादलों की बात हो तुम्हारे आँचल की गंध और आवश्यकता से बड़े उस चाँद का बिम्ब हो खूब जोर से बहाई जाये ठंडी तेज हवा तुम्हारे सिहरने को शब्दों में दर्ज किया जाए मध्य में ही लाई जाए तीन तारों की कहानी कम्पास से मापकर अक्षरों में एक समबाहु त्रिभुज बनाया जाए अंगुली के पोर से
  8. कोच हिमलव बनाने के लिए, एक समबाहु त्रिभुज के साथ शुरूआत करते हैं और फिर प्रत्येक रेखा खंड के मध्य तीसरे को रेखा खंडों की जोड़ी से स्थानापन्न करते हैं जो एक समबाहु “उभार” बनाता है.बाद में अनंत तक, परिणामी प्रत्येक रेखा खंड पर वही स्थानापन्न निष्पादित किया जाता है.हर पुनरावृत्ति के साथ, इस आकार की परिधि पिछली लंबाई के एक तिहाई से बढ़ जाती है.
  9. तर्पण के कारण, आवश्यकता, शर्तें और प्रकार से सम्बंधित तथ्यों का तार्किक, प्रामाणिक एवं वैदिक आधार ढूंढा जाय तो यह निश्चित हो जाएगा क़ि ऐसा स्थान जहाँ पर सूर्य की किरण बहते जल धारा से तिर्यक प्रारूप अर्थात व्यक्ति से दोनों तरफ समबाहु त्रिभुज के आकार में परावर्तित होती हो आर्द्रता अर्धोन्मीलित हो, सप्त धान्य, पञ्च गव्य, त्रिपर्णी हव्य एवं तीक्ष्ण वितान उपलब्ध हो वहां पर तर्पण का कार्य करना चाहि ए.
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