×

व्यक्तिनिष्ठता sentence in Hindi

pronunciation: [ vyaktinisthata ]
व्यक्तिनिष्ठता meaning in English

Examples

  1. हिन्दी की सबसे बड़ी त्रासदी है कि जिस दौर में सारी दुनिया ' व्यक्तिनिष्ठता ' का महाख्यान रच रही थी, हिन्दी में उसका घनघोर विरोध हो रहा था।
  2. हिन्दी की सबसे बड़ी त्रासदी है कि जिस दौर में सारी दुनिया ' व्यक्तिनिष्ठता ' का महाख्यान रच रही थी, हिन्दी में उसका घनघोर विरोध हो रहा था।
  3. इस सबके होते हुए कवि डा. महेंद्रभटनागर व्यक्तिनिष्ठता से बचकर कविता की संवेदना को सार्वजनीन बनाकर उसे सार्वकालिक भी बना सके हैं तो इसे उनका चमत्कार ही मानना चाहिए।
  4. सोद्देश्य लिखी गई यह कविता वैसे तो वैयक्तिक है परंतु यह व्यक्तिनिष्ठता की परिधि से बाहर भी व्यापक अर्थ रखती है और यहाँ इसके प्रभाव को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
  5. मगर उसकी एक बड़ी जिम्मेदारी भी है-उसे व्यक्तिनिष्ठता के बजाय वस्तुनिष्ठता का आग्रही होना चाहिए और समस्याओं के प्रस्तुतीकरण और विवेचन में का यथा संभव सभी पहलुओं का समावेश कर उसे संतुलित रूप देना चाहिए..
  6. अतएव, समीक्षा, समालोचना या आलोचना साहित्य को समग्र रूप से परखने की विधि है, जिसमें काव्य के सभी तत्वों को रचना के परिप्रेक्ष्य में देश और काल का आकलन, रचनाकार की परिस्थितियाँ, रचना में उसकी व्यक्तिनिष्ठता आदि सभी का समावेश होना चाहिए।
  7. शायद इसी वजह से गडकरी सरीखे लोगो ने संघ के आसरे अपने निजी और व्यवसायिक हित ही इस दौर में साधे हैं और अब संघ की कोशिश इसी व्यक्तिनिष्ठता को खत्म करने की होनी चाहिए और यही चुनौती से असल में राजनाथसिंह को भी अब झेलनी है ।
  8. माक्र्स ने प्राचीन काल में अलगाव का उत्पत्तिापरक रूप में विश्लेषित करते हुए ' पृथक्कृत व्यक्तिनिष्ठता ' और '' अमूर्त व्यक्तिनिष्ठता '' की चर्चा की थी, यह चर्चा नकारात्मक रूप में की थी, माक्र्स के अनुसार आधुनिक राष्ट्र के उदय के साथ यह धारणा नकारात्मक नहीं रह जाती बल्कि सकारात्मक हो जाती है।
  9. माक्र्स ने प्राचीन काल में अलगाव का उत्पत्तिापरक रूप में विश्लेषित करते हुए ' पृथक्कृत व्यक्तिनिष्ठता ' और '' अमूर्त व्यक्तिनिष्ठता '' की चर्चा की थी, यह चर्चा नकारात्मक रूप में की थी, माक्र्स के अनुसार आधुनिक राष्ट्र के उदय के साथ यह धारणा नकारात्मक नहीं रह जाती बल्कि सकारात्मक हो जाती है।
  10. अलगाव के बारे में कार्ल माक्र्स को विस्तार के साथ पेश करने का प्रधान मकसद इस तथ्य की ओर ध्यान खींचना है कि अज्ञेय ने जिस अलगाव और व्यक्तिनिष्ठता को अपने उपन्यासों में अभिव्यक्ति दी है वह आधुनिक बुर्जुआ समाज का सकारात्मक तत्व है, दुर्भाग्य की बात यह है कि इसे नकारात्मक तत्व मानकर अज्ञेय के उपन्यासों की गलत और अनैतिहासिक व्याख्याएं की गई हैं।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.