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रंगीन काँच sentence in Hindi

pronunciation: [ ramgin kamca ]
रंगीन काँच meaning in English

Examples

  1. रंगीन काँच को गलाने के बाद उसे खींच कर तार के समान बनाया जाता है और एक बेलनाकार ढाँचे पर कुंडली के आकार में लपेटा जाता है.
  2. रंगीन काँच के उपकरण-पूर्वी, मध्य-पूर्व जैन और वैदिक संस्कृति के खगोलशास्त्रीय अध्ययन के जरिए सौभाग्यवर्धक और नकारात्मक प्रभावरोधक इन उपकरणों को तैयार किया गया है-(अ) ऑरिया हस्त, (ब) ऑरिया जेन, (स) ऑरिया त्रिशक्ति।
  3. गोथिक शैली की इमारतों, विशेषकर गिरजाघरों के दरवाजों और खिड़कियों में रंगीन काँच के टुकड़ों का उपयोग होने लगा जिनमें रंगों की विविधता विशेष आग्रह से प्रयुक्त हुई और गिरजाघरों का अंतरंग उनके योग से चमत्कृत हो उठा।
  4. राजस्थान में बसई के आस पास मिलनेवाले रेता में. 046 प्रतिशत लौह का समावेश होता है और बूँदी के रेतों में.6 तक का कम लौहवाला रेता सफेद कांच और अधिक लौहवाला रंगीन काँच बनाने के काम में आता है।
  5. राजस्थान में बसई के आस पास मिलनेवाले रेता में. 046 प्रतिशत लौह का समावेश होता है और बूँदी के रेतों में.6 तक का कम लौहवाला रेता सफेद कांच और अधिक लौहवाला रंगीन काँच बनाने के काम में आता है।
  6. रंगीन काँच के उपकरण-पूर्वी, मध्य-पूर्व जैन और वैदिक संस्कृति के खगोलशास्त्रीय अध्ययन के जरिए सौभाग्यवर्धक और नकारात्मक प्रभावरोधक इन उपकरणों को तैयार किया गया है-(अ) ऑरिया हस्त, (ब) ऑरिया जेन, (स) ऑरिया त्रिशक्ति।
  7. बेहतरीन ढंग से नक्काशी किए हुए टेक, गुम्बदाकार बुर्ज, मीनारें एवं रंगीन काँच वाले झरोखे यह विश्वास करना कठिन बनाते हैं कि यह आलीशान भवन मुम्बई के प्रमुख स्टेशनों में से एक है और हर-रोज लगभग पाँचलाख आवाजाही करने वाले लोगों को जगह देता है।
  8. तुम कभी नहीं समझ सकोगे क्योंकि तुमने प्यार को इस छल्ले से भी ज्यादा बदशक्ल बना फेंका था, जबकि मैंने बदशक्ल छल्ले में जिंदा रखा है आज भी खुशनुमा पहले-पहले खिले कच्चे-पक्के लम्हों को, जैसे कोई बच्चा सहेजता है छोटी-सी शीशी में रंगीन काँच के मनकों को।
  9. धरती की हरी चूनर पर बिखरे गुनगुनी धूप से चटख रंग, पुरवा की ठंडक लिए मन प्राणों को सहलाते रंग आज आकाश से धरती तक बिखरे हैं रंग ही रंग फागुन के सतरंगे मौसम को बंद खिड़की के रंगीन काँच से-इतनी दूरी पर खडे हो कर देखो गे तो-कैसे छू पाओगे-महकते-धड़कते रंग तुम! अबीर-गुलाल, चंदन-कसर की कोमल मदिर आंच से कच्चे रंगों वाले अपने प्राणों के बदरंग होते लिबास को आज-इन्द्रधनुषी रंगों में रंग लो तुम!
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