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दिन दहाड़े लूट sentence in Hindi

pronunciation: [ din dahade lut ]
दिन दहाड़े लूट meaning in English

Examples

  1. आढ़ती के घर दिन दहाड़े लूट गांव बड़ा नंगल में सोमवार को दिन दहाड़े दो लुटेरे एक आढ़ती के घर में घुस कर घर की मालकिन को रसोई में बंद करके 10 तो
  2. अभी अभी समाचार लिखे जाने से दो घंटे पूर्व मुरैना शहर के सबसे व् यवस् ततम एवं भीड़ भाड़ वाले सर्राफा बाजार क्षेत्र में आज एक सर्राफा व् यवसायी को दिन दहाड़े लूट लिया गया ।
  3. दिन दहाड़े लूट की सूचना मिलते ही घटना स्थल से मात्र 100 कदम की दूरी पर स्थित पुलिस चौकी में हड़कंप मच गया तथा आधा पौन घण्टे बाद पुलिस ने मौंके पर पहुंच घटना की तफतीस शुरू की घटना की जानकारी पाकर सीओ सिटी वैभव कृष्णा ने भी मौंके पर पहुंच घटना स्थल का जायजा लिया।
  4. मुरैना में बीच शहर में हुई दिन दहाड़े लूट सर्राफा बाजार में भारी भीड़ के रहते और पुलिस चौकी के निकट हुई घटना बिजली गुल रहते हुई एक और वारदात, व् यापारी दहशत में शहर में खौफ का सन् नाटा संजय गुप् ता (मांडिल) ब् यूरो चीफ मुरैना मुरैना 18 अगस् त 2007 ।
  5. वृद्ध महिला से दिन दहाड़े लूट रिपोर्ट-मयंक शुक्ला छायाकार-अशोक गौतम सुलतानपुर: जिले मे अब बूढ़े-बुजर्ग भी सुरक्षित नहीं है एक घटना के मुताबिक नगर में बस-स्टेशन के करीब इलाहाबाद बैंक से जब वृद्ध महिला पैसा निकाल कर अपने घर के तरफ जा रही थी तभी अचानक पीछे से दो बाइक सवार उचक्कों ने उन्हे रोक कर उनके...
  6. गरीब बच्चे मिड डे के नाम से सरकारी भोजन करके मर रहे हैं, फिर भी चल रहे हैं, महिलाओं का शील भंग होरहा है, गुंडे बेफीक्री से दिन दहाड़े लूट खसोट मार पीट कर रहे हैं, पुलिस वाले जेब भरने में लगे हैं लेकिन इतना होने पर भी सब चल रहे हैं कोई मजबूरी में तो कोइ खुश होकर चल रहा है!
  7. भट्ट साहब आप अपने घर को सम्हलो गुजरात को मोदी के भरो से रहे ने दो लेगे उधर महाराष्ट्रा मे दिन मे बिजली गायाब रहेटी हे ज़रा विलास साब से इसके बारेमए कुछ करो बार बालाओ का कुछ करो कोई काम ना हो तो पूना जाओ उधर दिन दहाड़े लूट मार होरही हे लोनवला ए क साथ कई ख़ून हुए तले गाओं मे लूट के साथ ख़ून हे
  8. बहुत ही रुचिकर और सुन्दर शब्द प्रवाह के साथ बहता चला गया क्या खूब नजरिया पेश किया है, आज तो ऐसा है की गाँधी जी के सिद्धांत कहें या उनके बन्दर दुनिया से नजरें मिलाने लायक नहीं रह गए क्योंकि अगर उन बंदरो की सुने तो खड़े चौराहे दिन दहाड़े लूट जायेंगे आप! हर इंसान के साथ बहुत सारे गुणों के साथ अवगुणों का उसके अन्दर समावेश भी हो जाता है पर फर्क तब काफी पड़ता है जब देश प्रभावित हो! बहुत खूब, शुभकामनाएं!
  9. बेचारे प्रधानमंत्री! जब पूरे देश में शीर्ष सत्ता और नौकरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कोहराम मचादो है, गली-कूचों में आम आदमी भी आक्रोश व्यक्त कर रहा है, भारतीय संसद ठप की जा रही हो, मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हों, केंद्रीय मंत्रियों से इस्तीफे लिए जा रहे हों, विदेशी बैंको में भारतीयों द्वारा अकूत धनराशी जमा कराई जा रही हो, स्पेक्ट्रम जैसे घोटाले से एक झटके में पौने दो लाख करोड़ के वारे-न्यारे हो जाएं, राष्ट्रमंडल खेलों में दिन दहाड़े लूट की खबरें गुंजायमान हो, तब देश की छवि साबुत कैसे रह सकती है?
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