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जल-चक्र sentence in Hindi

pronunciation: [ jal-cakra ]
जल-चक्र meaning in English

Examples

  1. इसके लिये रेसिप्रोकेटिंग इंजन, टर्बाइन, वाष्प इंजन, किसी टर्बाइन या जल-चक्र (वाटर्-ह्वील) पर गिरते हुए जल, किसी अन्तर्दहन इंजन, पवन टर्बाइन या आदमी या जानवर की शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
  2. हमेशा की तरह उलझे हुए-से, लेकिन इस लेख में वे एक चक्र का हिस्सा हैं (जल-चक्र की तरह) जहाँ उसे फिर से अपने मूल स्रोत में मिल जाना होता है. ख़ूबसूरत...
  3. और इसी जल-चक्र की स्थापना के कारण प्राचीन भारत को ' सोने की चिड़िया ' कहा गया इसकी विस्तृत गंगा-यमुनी घाटी में उपजी सुनहरी फसल, और हरे-भरे हिमालयी जंगल (शिव की जटा-जूट!) में व्याप्त मीठे फलों से लदे वृक्षों के कारण...
  4. और, संख्या में अनंत, किन्तु अस्थायी साकार रूपों को भी जल-चक्र समान अनंत काल-चक्रों में डाल ब्रह्माण्ड के अनंत अंतरिक्ष के शून्य में अरबों वर्षों में बनते और फिर बिगड़ते चक्र समान प्रतीत होती अनंत गैलेक्सियों के रूप में चलते रहने के लिए छोड़ दिया...
  5. जब तक सोत से पानी आता रहता है, हर नदी अपने विभिन्न मार्गों पर अग्रसर हो अंततोगत्वा सागर में मिल अपनी स्वतंत्रता गंवाती तो चली जाती है, किन्तु काल-चक्र समान जल-चक्र के अनंत होने से, बड़ी बड़ी नदियाँ आम तौर पर अपना अस्तित्व खोते प्रतीत नहीं होतीं...
  6. वैसे भी जीवन की प्रथम उत्पत्ति जल में ही हुई, और हमारे शरीर के प्रत्येक अंग में जल उपस्थित होता है, तथा भोजन के तरल रस से ही हम पोषण पाते हैं, शरीर के अन्दर द्रव्यों की तरल अवस्था में ही जैविक क्रियाएँ संचालित होती हैं, और शरीर का शोधन भी शरीर में जल-चक्र के कारण ही संपन्न होता है।
  7. जो उसे कभी ' मुंबई ' के नाम से जानते थे, उस अनंत मुम्बा देवी के निवास-स्थान को जहाँ से हर सागर-जल की बूँद की यात्रा, जल-चक्र, आरंभ होती है और पेयजल रूप में ' Seven Sisters ' अर्थात सप्तभगिनी राज्यों में समाप्त, ' सप्त-द्वीप ' अर्थात ' seven islands ' के नाम से जानते थे, और कभी भी जान भी सकते हैं जैसे इन्द्रधनुष के सात रंगों को कभी-कभी बरसात में हर कोई देख सकता है...
  8. पुनश्च: ' भारत ' को मूलरूप से ' सोने की चिड़िया ' बनाने में हाथ ' पंचभूतों ' अथवा ' पंचतत्वों ' (मिटटी यानि पृथ्वी, अग्नि यानि सूर्य, वायु, जल और आकाश) का समझा जा सकता है,,, जिनके सहयोग के कारण ही जल-चक्र स्थापित हुआ, भारत के वर्षिक दक्षिण-पश्चिमी मौनसून के और हिमालय की उपस्थिति के कारण जो जम्बुद्वीप के गर्भ से पैदा हुआ ' काली ' अथवा ' कृष्ण ' की कृपा से!
  9. में चला जाता है इसी प्रकार यह जल-चक्र जारी रहता है सातवीं सदी ईसा पूर्व में थैल्ज thelchz नामक एक यूनानी दार्शनिक को विश्वास था कि सामुद्रिक धरातल पर एक बारीक जल-बूंदों की फुहार spray उत्पन्न होती है जिसे हवा उठा लेती है और ख़ुश्की के दूर दराज़ क्षेत्रों तक ले जाकर वर्षा के रूप में छोड़ देती है, जिसे बारिश कहते हैं इसके अलावा पुराने समये में लोग यह भी नहीं जानते थे कि ज़मीन के नीचे पानी का स्रोत क्या है?
  10. कहानी से शिक्षा मिलती है कि मानव प्रकृति पानी के समान है-वो ऊपर से नीचे की ओर ही बहता है, और “ लातों के भूत बातों से नहीं मानते ”, अर्थात जैसे शक्तिशाली राजा समान सूर्य की अग्नि ही सागर जल को आकाश तक उठाने में सक्षम है, और वैसे ही जल-चक्र समान काल-चक्र भी अनंत है, जिसमें शैतान आत्माएं आ-जा रही हैं, जन्म-कर्म-मृत्यु और फिर से जन्म-कर्म-मृत्यू, अनंत चक्र, विभिन्न भेष बदल बदल के...:)
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