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उपासना के योग्य sentence in Hindi

pronunciation: [ upasana ke yogya ]
उपासना के योग्य meaning in English

Examples

  1. मनुष्य के मन में मूर्ति की आस्था पहले ही घर कर चुकी थी, इसलिए उसने मूर्ति के आगे सिर झुकाना और उसे पूजना आरंभ कर दिया और वह मनुष्य जिसकी उपासना के योग्य केवल एक अल्लाह था, मूर्तियों को पूजने लगा और शिर्क (बहुदेववाद) में फंस गया।
  2. आपके मन में यह प्रश्न पैदा हो रहा होगा कि अज़ान के शब्दों का क्या अनुवाद होता है तो आइए सर्वप्रथम हम अज़ान के शब्दों का अर्थ जानते हैं” ईश्वर सब से महान है (चार बार) मैं वचन देता हूं कि ईश्वर के अतिरिक्त कोई दूसरा उपासना के योग्य नहीं (दो बार) मैं वचन...
  3. आपके मन में यह प्रश्न पैदा हो रहा होगा कि अज़ान के शब्दों का क्या अनुवाद होता है तो आइए सर्वप्रथम हम अज़ान के शब्दों का अर्थ जानते हैं” ईश्वर सब से महान है (चार बार) मैं वचन देता हूं कि ईश्वर के अतिरिक्त कोई दूसरा उपासना के योग्य नहीं (दो बार) मैं वचन
  4. प्रेरक भड़कावा परेशानी रोष व्यक्त करना सनक बहुत जोर देना वकालत करना गतिबल उपासना के योग्य दाल गति उपासना के योग्य निवेश तेज़ी से फैलना उपासना पद्धति संभोग की पूर्व क्रीड़ा अवेग / प्रेरणा नाडी आगे बड़ाना पल्स क्रोध करना कम्प्यूटर में भरी सामग्री पंथ जोर पकड़ना प्रेरना ज़ोर से चलना बल विवश करना उपासना पद्धति
  5. प्रेरक भड़कावा परेशानी रोष व्यक्त करना सनक बहुत जोर देना वकालत करना गतिबल उपासना के योग्य दाल गति उपासना के योग्य निवेश तेज़ी से फैलना उपासना पद्धति संभोग की पूर्व क्रीड़ा अवेग / प्रेरणा नाडी आगे बड़ाना पल्स क्रोध करना कम्प्यूटर में भरी सामग्री पंथ जोर पकड़ना प्रेरना ज़ोर से चलना बल विवश करना उपासना पद्धति
  6. वह यह कि सबको पैदा करने वाला, जीवन और मृत्यु देने वाला स्वामी, पालनहार और उपासना के योग्य केवल अकेला अल्लाह है, तो फिर उसी की उपासना की जाए, उसी को स्वामी, लाभ हानि, सम्मान व अपमान देने वाला समझा जाए और उसके दिए हुए जीवन को उसकी इच्छा व आज्ञा अनुसार बसर किया जाए।
  7. पैग़म्बरे इस्लाम का कथन है कि उस ईश्वर की सौगंध कि जिसके अलावा कोई और उपासना के योग्य नहीं है किसी भी निष्ठावान व्यक्ति को लोक एवं परलोक की भलाई नहीं दी गई परन्तु सकारात्मक सोच, ईश्वर पर भरोसा, शिष्टाचार तथा धर्म में आस्था रखने वालों की पीठ पीछे बुराईयां न करने के कारण।
  8. वह यह कि सबको पैदा करने वाला, जीवन और मृत्यु देने वाला स्वामी, पालनहार और उपासना के योग्य केवल अकेला अल्लाह है, तो फिर उसी की उपासना की जाए, उसी को स्वामी, लाभ हानि, सम्मान व अपमान देने वाला समझा जाए और उसके दिए हुए जीवन को उसकी इच्छा व आज्ञा अनुसार बसर किया जाए।
  9. मुझे लोगों से तब तक युद्ध करते रहने का (अल्लाह से) आदेश मिला है जबतक कि वे ये न मानने लगें कि अल्लाह के अतिरिक्त दूसरा कोई उपासना के योग्य नहीं है और अल्लाह का रसूल (पैगम्बर) होने के कारण मुझ पर और जो मेरे द्वारा लाया गया (कहा गया) है, उसपर विश्वास न करने लग जाएँ.*-”मुहम्मद साहिब, हदीस सं.३१: सही मुस्लिम”
  10. उसने हर वस्तु को एकेले ही उत्पन किया हो, पूरे संसार को चलाने वाला वही हो, धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आज्ञा का पालन करती हो, अपनी सम्पूर्ण विशेष्ताओं और गूनों में पूर्ण हो, जिसे खाने पिने की आवशक्ता न हो, विवाह और वंश तथा संतान की ज़रूरत न हो, तो केवल वही ज़ात उपासना के योग्य होगी और केवल वही इबादत की हक्दार होगी।
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