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शरीरक्रियाविज्ञान sentence in Hindi

pronunciation: [ sharirakriyavijnyan ]
शरीरक्रियाविज्ञान meaning in English

Examples

  1. 1949 का शरीरक्रियाविज्ञान या आयुर्विज्ञान का नोबेल पुरस्कार एंतोनियो इगास मोनिज को “उनकी निश्चित मनोविक्षिप्तियों में मस्तिष्कखंडछेदन के चिकित्साशास्त्रीय महत्त्व की खोज के लिए” दिया गया था.
  2. फ्रैंक एम. बर्नेट और पीटर बी. मेदावार को उनके इस कार्य और अर्जित प्रतिरक्षक सहिष्णुता की खोज के लिये 1960 का शरीरक्रियाविज्ञान या चिकित्साशास्त्र में नोबल पुरस्कार दिया गया.
  3. फ्रैंक एम. बर्नेट और पीटर बी. मेदावार को उनके इस कार्य और अर्जित प्रतिरक्षक सहिष्णुता की खोज के लिये 1960 का शरीरक्रियाविज्ञान या चिकित्साशास्त्र में नोबल पुरस्कार दिया गया.
  4. जीवित प्राणियों से संबंधित प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन और उनका वर्गीकरण; घटनाओं का अनुक्रम और सापेक्ष महत्व; प्रत्येक कार्य के उपयुक्त अंगनिर्धारण और उन अवस्थाओं का अध्ययन, जिनसे प्रत्येक क्रिया निर्धारित होती है; फ़िज़ियॉलोजी या शरीरक्रियाविज्ञान के अंतर्गत आते हैं।
  5. यह विचार कि योग्यता जैसी संजटिल मानसिक विशेषता मस्तिष्क के निश्चित भागों में अवस्थित हो सकती है, शरीरक्रियाविज्ञान तथा मनोविज्ञान के बारे में ज्ञान की आरंभिक मंज़िल को प्रतिबिंबित करता था और आगे चलकर उसे पूर्णतः ठुकरा दिया गया।
  6. जीवित प्राणियों से संबंधित प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन और उनका वर्गीकरण; घटनाओं का अनुक्रम और सापेक्ष महत्व; प्रत्येक कार्य के उपयुक्त अंगनिर्धारण और उन अवस्थाओं का अध्ययन, जिनसे प्रत्येक क्रिया निर्धारित होती है; फ़िज़ियॉलोजी या शरीरक्रियाविज्ञान के अंतर्गत आते हैं।
  7. खास तौर पर वक्ष पंजी और शीर्ष पंजी पदों का प्रयोग विवादास्पद हो गया है क्योंकि स्वर पंजी को आजकल स्वर तंत्र की क्रिया के उत्पाद के रूप में देखा जाता है जो कि वक्ष, फेफडों और सिर के शरीरक्रियाविज्ञान से असंबंधित है.
  8. [10] खास तौर पर वक्ष पंजी और शीर्ष पंजी पदों का प्रयोग विवादास्पद हो गया है क्योंकि स्वर पंजी को आजकल स्वर तंत्र की क्रिया के उत्पाद के रूप में देखा जाता है जो कि वक्ष, फेफडों और सिर के शरीरक्रियाविज्ञान से असंबंधित है.
  9. जीवसांख्यिकी का उपयोग आज विशुद्ध विज्ञान जैसे वनस्पतिविज्ञान, प्राणिविज्ञान, जीवाणुविज्ञान, शरीरक्रियाविज्ञान इत्यादि से लेकर व्यावहारिक विज्ञान जैसे कीटविज्ञान, जैविकी, मत्स्यविज्ञान, उद्यानविज्ञान, शस्यविज्ञान, औषधप्रभावविज्ञान, लाक्षणिक औषधि विज्ञान, कवक से फैली बीमारियों के अध्ययन, जीवन बीमा कंपनियों के अध्ययन इत्यादि में समान रूप से हो रहा है।
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