रद्दी कागज़ sentence in Hindi
pronunciation: [ radi kagaja ]
Examples
- इस घोषणा पत्र पर एक नज़र डालने से ही यह पता चल जाता है कि यह कोई रद्दी कागज़ का टुकडा नहीं है, वरन बहुत सोच विचार के बाद बनाया गया है।
- कभी बड़े अफसर दौरे पर आते तो हमारी मेजों पर यह देखते कि कहीं हमने कागज़ खराब तो नहीं किये? रफ कार्य करने के लिए रद्दी कागज़ प्रयोग करने की सलाह दी जाती।
- यदि आपकी इस किताब को कोई रद्दी कागज़ पर अपने नाम से छाप के 30 रूपए में निकाले तो तब भी आपके विचार यही होंगे कि भई काम तो धर्मार्थ है, लोगों का भला होगा इसलिए जाने दो!!
- आज किसी स्कूल में जाते है, तो वहां पर काफी मात्रा में रद्दी पड़ी मिलती है, इसके लिए अध्यापकों को ही पहले बच्चों को कागज़ के उत्पादन के बारे में बताना होगा तथा रद्दी कागज़ को पुनःचक्रित करने की विधि भी सिखानी होगी!
- !! बस उसी वक़्त मेरी अर्धांगिनी ने, मेरे पास आकर पुराने कुछ रद्दी कागज़ात का ढेर लगा दिया और आदेश किया, ” लीजिए, अख़बार बाद में पढ़ना, पहले ये रद्दी कागज़ देख लो, अगर काम के न हों, तो उसे फाड़कर कचरेवाले को दे देना, घर साफ हो जाएगा..
- कब मूंगफली खा रेल के डिब्बे में छिलके ड़ालना बंद करेंगे? कब बसों-कारों से खाली पानी की बोतलें या रद्दी कागज़ बाहर उछालना छोड़ेंगे? कब अपना घर साफ कर अपने घर का कूडा दूसरे के दरवाजे के सामने सरकाना बंद करेंगे? कब अपने टामी-टमियाइन की गंदगी से सडकों-गलियों को निजात दिलवाएंगे? कब? कब?
- कागज के पर्चे उछालते है. यदि हम पराये देश में प्रशंसनीय नागरिक हो सकते है तो भारत में क्यों नहीं.जो गन्दगी के लिए जिम्मेदार है,वही लोग प्रशासन को दोष देते है.हम वोट डालते है और अपनी सारी जिम्मेदारी वही उलट आते है.हम सोचते है कि हमारा हर काम सरकार करेगी.हम फर्श पर पड़ा हुआ रद्दी कागज़ उठाकर कूड़ेदान में डालने की जहमत तक नहीं उठाते.
- 1. घर के लम्बे समय से पड़ा पुराना तथा अनुपयोगी सामान, रद्दी कागज़, पुराने कपड़े, टूटी फूटी मशीनरी जैसे घडी बंद घडी, टुटा फुट आइना, टूटी फोटो फ्रेम वगैरह की वजह से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है जीससे घर में अशांति एवं कलह का माहौल बनता है अतः ऐसे सामान का समय समय पर निकास करते रहें.
- अपने अनुभवों से वह गहरे से जुड़ी हुई हॆ मसलन मां (आई) का वर्णन इसमे भी हॆ, लेकिन वह वात्सल्य, प्रेम, लाड़-प्यार लुटाने वाली मां नहीं हॆ ; क्योंकि ऎसी असंख्य माताएं आज भी हॆं, जो रद्दी कागज़, लकड़ी, बोतले या लोहे के टुकड़े बीन-बीन कर अपना ऒर बच्चों का पेट पाल रही हॆं ।..... अम्बेडकरवादी कविता मार्क्सवाद के विरोध में कतई नहीं हॆ ।