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रक्त पिपासा sentence in Hindi

pronunciation: [ rakta pipasa ]
रक्त पिपासा meaning in English

Examples

  1. यदि हाँ, तो क्षतिपूर्ति हो चुकी है और अब क्या इंडियन मुजाहिद्दीन वाहन पर रामलला के मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा? संगठन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पर ध्यान दीजिए | ऐसा कभी नहीं होगा | एक नहीं हजारों स्वस्तिकाएं भी जिबह कर दी जाएँ तो भी कुरान की रक्त पिपासा शांत नहीं होगी | यहाँ तक की फितना भी बाकी न रह जाए सिर्फ अल्लाह के |
  2. ये सब बातें अभी तुंरत समझ नही आएगी क्योंकि अभी तो आँखों में एक दुसरे के लिए खून उतर आया है, अभी तो मरने मारने का टाइम है, अभी तो कत्ल-ऐ-आम चाहिए, फिर जब रक्त पिपासा शांत होगी तब याद आएगा कि अरे यार हम सब तो आदमखोर हो गए,एक दुसरे को ही खा गए तब अपने अपने ईश्वर को थोडी सी और रिश्वत दे देना वो स्वर्ग के दरवाजे खोल देगा।
  3. ये सब बातें अभी तुंरत समझ नही आएगी क्योंकि अभी तो आँखों में एक दुसरे के लिए खून उतर आया है, अभी तो मरने मारने का टाइम है, अभी तो कत्ल-ऐ-आम चाहिए, फिर जब रक्त पिपासा शांत होगी तब याद आएगा कि अरे यार हम सब तो आदमखोर हो गए,एक दुसरे को ही खा गए तब अपने अपने ईश्वर को थोडी सी और रिश्वत दे देना वो स्वर्ग के दरवाजे खोल देगा।
  4. १ ९९ २ में ' अयोध्या में बाबरी विध्वंस जैसे राष्ट्रदोह ' और २ ०० २ में ' RSS का गुजरात प्रयोग ' जैसे यज्ञों का आयोजन किया, इन नरभक्षियों ने अपनी रक्त-पिपासा शांत करने हेतु.... पर नरभक्षी की रक्त पिपासा कभी शांत नहीं होती, अपितु नरभक्षी को ही शांत कर दिया जाता है, दुर्भाग्यवश इतनी सी बात न तो भारतीय जनमानस समझ पा रहा है.... और न यहाँ का मूढ़ मीडिया....
  5. रक्त पिपासा मैं कौआ हूँ आदिवासी, गरीब और अनपढ़ काला और कुरुप मेरी आवाज कर्कश है फिर भी मुझे पानी पीने का हक है मुझ पर ही क्यूँ गढ़ी तुमने घड़े और कंकड़ की कहानी? बिसलेरी मैं खरीद नहीं सकता पेशाब मैं पी नहीं सकता मुझे नहीं बोलना मीठा मैं चोंच से लड़ूँगा कांव-कांव के नारे लगाऊँगा सवाल पूछूंगा चिल्ला-चिल्ला कर घड़े में पानी कम क्यूँ था? तालाब कहां चले गए? पब्लिक-प्लेस में प्याऊ क्यूँ नहीं है?
  6. वर्तमान दौर के आर्थिक उदारीकरण का प्रशश्ति गान करने वाले मीडिया को, कलयुगी भगवानो के विराट आर्थिक साम्राज्य के बरक्स देखना-दिखाना चाहिए, मुख्य धारा के मीडिया से तो उम्मीद की ही जा सकती है कि देश कि युवा पीढी के सरोकारों को भी अपने कवरेज में थोड़ी सी जगह दे आर्थिक उदारीकरण प्रगट ओद्द्योगिकीकरण ने चंद नए मुठ्ठी भर शिक्षित वर्ग को भारी पैकेज पर हायर करके अधिकांस अर्ध शिक्षित और अशिक्षित नौजवानों को ठेकेदारों की रक्त पिपासा का साध बना डाला है.
  7. गुरुदेव! आज जब राष्ट्र पुनः छुआछूत, राष्ट्रद्रोह, धर्मांधता, असहिष्णुता, घृणा, विषवमन, देश की सम्पदा के प्रथम अधिकारी के प्रति विद्वेष, रक्त पिपासा, अश्लीलता, जातीयता, दयाहीनता, सम्वेदनहीनता, सरोकारहीनता, कर्तव्यविमुखता, गौरव से च्यूत होकर अंधकार की एक अनंत कंदरा में निर्जन यात्रा पर अग्रेशित है, तो ऐसे में दीवाली के दियों का आलोक क्या सचमुच उनके हृदय के कलुष को समाप्त कर पाएगा! एक उचित एवम सामयिक प्रश्न ऋंखला के लिए मेरा आभार!
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