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घिस्सा sentence in Hindi

pronunciation: [ ghisa ]
घिस्सा meaning in English

Examples

  1. मुहावरे यहाँ तक कि कपोल कल्पित कल्पनाएँ तक मुखर हो जाती हैं और अक्सर आप जैसा वैज्ञानिक कवियों को पंचम या सप्तम में फंसा कर घिस्सा दे सकने में पूर्ण समर्थ होते हैं!
  2. कार मेकेनिकोँ ने अपने शब्द बनाए हैँ, पहलवानोँ ने कुश्ती की जो शब्दावली बनाई है (कुछ उदाहरण: मरोड़ी कुंदा, मलाई घिस्सा, भीतरली टाँग, बैठी जनेऊ) वह कोई भी भाषा आयोग नहीँ बना सकता था.
  3. इशे बाँद्धो, उशे काट्टो, हियाँ ठोक्को, वहाँ पीट्टो घिस्सा दो, अइशा चमकाओ, जूत्ते को ऐना बनाओ … ओफ्फ़! बड़ी गर्मी है ' रुमाल से हवा करता है, मौसम के नाम पर बिसूरता है सड़क पर ‘
  4. जानते नहीं रेल हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है कोई राष्ट्रीय चोर हमें घिस्सा दे गया है संपत्ति में से अपना हिस्सा ले गया है आपको लेना हो आप भी ले जाओ मगर जेब में जो बल्ब रख लिए हैं उनमें से एकाध तो हमको दे जाओ!
  5. दसवीं मे पढ़ाई कर करके, ये मोटा सा चश्मा गर लगाया ना होता, तो गर्ल फ्रेंड से यूँ पराया ना होता, काश! की मैं भूमिहार ना होता, कॉलेज अड्मिशन मे धके खा ख़ाके, ये जूता गर मेरा घिस्सा ना होता, तो माँ [...] मेरी कविताएँ काश! की मैं भूमिहार ना होता,
  6. और अंत में तथ्य यह कैसे जायें भूल आया हिंदू कोड बिल, इनको ही अनुकूल इनको ही अनुकूल, मार कानूनी घिस्सा छीन पिता की संपत्ति से, पुत्री का हिस्सा ‘ काका ‘ एक समान लगें, जम और जमाई फिर भी इनसे बचने की कुछ युक्ति न पाई
  7. ' ना अंटी में जब पिस्सा हो! फिर चतरा हो, चाहे घिस्सा हो!, ' न्यूं सोचे बैठ बनवारी हो ', ' जब भरतू संग न भीक्का हो ' चतरा, बनवारी, भरतु और भीक्का आदि आमजन के प्रतिनिधि चरित्र कविता में से निकल कर हमारे सामने बिल्कुल जिन्दा रूप में आ खड़े होते हैं।
  8. एक जूता और है जिससे पैर को ‘नाँघकर ' एक आदमी निकलता है सैर को न वह अक्लमन्द है न वक्त का पाबन्द है उसकी आँखों में लालच है हाथों में घड़ी है उसे जाना कहीं नहीं है मगर चेहरे पर बड़ी हड़बड़ी है वह कोई बनिया है या बिसाती है मगर रोब ऐसा कि हिटलर का नाती है ‘इशे बाँद्धो,उशे काट्टो,हियाँ ठोक्को,वहाँ पीट्टो घिस्सा दो,अइशा चमकाओ,जूत्ते को ऐना बनाओ …ओफ्फ़! बड़ी गर्मी है'
  9. एक जूता और है जिससे पैर को ‘नाँघकर ' एक आदमी निकलता है सैर को न वह अक्लमन्द है न वक्त का पाबन्द है उसकी आँखों में लालच है हाथों में घड़ी है उसे जाना कहीं नहीं है मगर चेहरे पर बड़ी हड़बड़ी है वह कोई बनिया है या बिसाती है मगर रोब ऐसा कि हिटलर का नाती है ‘इशे बाँद्धो,उशे काट्टो,हियाँ ठोक्को,वहाँ पीट्टो घिस्सा दो,अइशा चमकाओ,जूत्ते को ऐना बनाओ …ओफ्फ़! बड़ी गर्मी है'
  10. एक जूता और है जिससे पैर को ‘नाँघकर ' एक आदमी निकलता है सैर को न वह अक्लमन्द है न वक्त का पाबन्द है उसकी आँखों में लालच है हाथों में घड़ी है उसे जाना कहीं नहीं है मगर चेहरे पर बड़ी हड़बड़ी है वह कोई बनिया है या बिसाती है मगर रोब ऐसा कि हिटलर का नाती है ‘इशे बाँद्धो,उशे काट्टो,हियाँ ठोक्को,वहाँ पीट्टो घिस्सा दो,अइशा चमकाओ,जूत्ते को ऐना बनाओ …ओफ्फ़! बड़ी गर्मी है'
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