गुण वाचक sentence in Hindi
pronunciation: [ gun vacak ]
Examples
- शिव परमात्मा का गुण वाचक नाम है, जो सदा ही चैतन्य है सुख करता है अजन्मा है, गुण ज्ञान शान्ति का सागर है वाही निराकार ज्योति स्वरूप शिव परमात्मा हम आत्माओं का आत्मिक पिता है.
- यानी किसको धार्मिक [अच्छा] व्यक्ति कहा जायेगा? धृति क्षमा दामो अस्तेयं शौचं इन्द्रिय निग्रह धी विद्या सत्यम अक्रोधो दशकम धर्म लक्षणं! इस वाक्य मे गुण वाचक विचार है जो संसार के सभी व्यक्ति यो मे बगैर समुदाय के भेदभाव के लागू होता है!
- संज्ञा की भांति कुमाउंनी में विशेषण दो वचनों व लिंगो से प्रयुक्त होते हैं कुमाउंनी में विशेषण निम्न प्रकार से पाए जाते हैं १-गुणवाचक विशेषण २-प्रणाली वाचक विशेषण ३-परिमाण वाचक विशेषण ४-संख्यावाचक विशेषण ५-सार्वनामिक विशेषण कुछ विशेषण रूपान्तरयुक्त होते हैं व शेष रूपांतर मुक्त होते हैं १-कुमाउंनी में गुणवाचक विशेषण १ अ-रूपांतरमुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरमुक्त गुण वाचक विशेषण मूल प्रतिवादक व व्युत्पुन प्रतिपादक दोनों होते
- संज्ञा की भांति कुमाउंनी में विशेषण दो वचनों व लिंगो से प्रयुक्त होते हैं कुमाउंनी में विशेषण निम्न प्रकार से पाए जाते हैं १-गुणवाचक विशेषण २-प्रणाली वाचक विशेषण ३-परिमाण वाचक विशेषण ४-संख्यावाचक विशेषण ५-सार्वनामिक विशेषण कुछ विशेषण रूपान्तरयुक्त होते हैं व शेष रूपांतर मुक्त होते हैं १-कुमाउंनी में गुणवाचक विशेषण १ अ-रूपांतरमुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरमुक्त गुण वाचक विशेषण मूल प्रतिवादक व व्युत्पुन प्रतिपादक दोनों होते
- अधिकतर व्यंजनान्त तथा लिंग-वचन से अप्रभावित होते हैं दक्ष (चतुर) च्ल्लाक (चालाक) शुन्दर (सुन्दर) व्युत्पन्न प्रतिपादक रुपंतारमुक्त गुण वाचक विशेषण गुलिया (मीठा) मरियल (दुर्बल) १ब-रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण लिंग व वचन अनुसार परिवर्तित होते हैं 1 रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण में पुल्लिंग एकवचन अविकारी कारक में ओ (उड़-निको, शारो), पुल्लिंग बहुवचन में आ (निका, शारो), तथा स्त्रीलिंग में इ (निकी, शारी) जुड़ता है १स-गुणवाचक विशेषण की तीन अवस्थाएं १-सामान्य-निको (अच्छा)
- अधिकतर व्यंजनान्त तथा लिंग-वचन से अप्रभावित होते हैं दक्ष (चतुर) च्ल्लाक (चालाक) शुन्दर (सुन्दर) व्युत्पन्न प्रतिपादक रुपंतारमुक्त गुण वाचक विशेषण गुलिया (मीठा) मरियल (दुर्बल) १ब-रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण लिंग व वचन अनुसार परिवर्तित होते हैं 1 रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण में पुल्लिंग एकवचन अविकारी कारक में ओ (उड़-निको, शारो), पुल्लिंग बहुवचन में आ (निका, शारो), तथा स्त्रीलिंग में इ (निकी, शारी) जुड़ता है १स-गुणवाचक विशेषण की तीन अवस्थाएं १-सामान्य-निको (अच्छा)
- अधिकतर व्यंजनान्त तथा लिंग-वचन से अप्रभावित होते हैं दक्ष (चतुर) च्ल्लाक (चालाक) शुन्दर (सुन्दर) व्युत्पन्न प्रतिपादक रुपंतारमुक्त गुण वाचक विशेषण गुलिया (मीठा) मरियल (दुर्बल) १ब-रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण लिंग व वचन अनुसार परिवर्तित होते हैं 1 रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण में पुल्लिंग एकवचन अविकारी कारक में ओ (उड़-निको, शारो), पुल्लिंग बहुवचन में आ (निका, शारो), तथा स्त्रीलिंग में इ (निकी, शारी) जुड़ता है १स-गुणवाचक विशेषण की तीन अवस्थाएं १-सामान्य-निको (अच्छा)
- अधिकतर व्यंजनान्त तथा लिंग-वचन से अप्रभावित होते हैं दक्ष (चतुर) च्ल्लाक (चालाक) शुन्दर (सुन्दर) व्युत्पन्न प्रतिपादक रुपंतारमुक्त गुण वाचक विशेषण गुलिया (मीठा) मरियल (दुर्बल) १ब-रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण लिंग व वचन अनुसार परिवर्तित होते हैं 1 रूपांतरयुक्त गुण वाचक विशेषण में पुल्लिंग एकवचन अविकारी कारक में ओ (उड़-निको, शारो), पुल्लिंग बहुवचन में आ (निका, शारो), तथा स्त्रीलिंग में इ (निकी, शारी) जुड़ता है १स-गुणवाचक विशेषण की तीन अवस्थाएं १-सामान्य-निको (अच्छा)