हसन कमाल sentence in Hindi
pronunciation: [ hesn kemaal ]
Examples
- वटवृक्ष अजय घोष नोएडा हसन कमाल महंत विनय दास सी. आई.ए कवर युनिनोर व्यापार सत्य नारायण पटेल सुनील असरारुल हक़-मजाज़ सोवियत संघ आभूषण मोहित मित्र प्रबुद्ध मिस्त्र बाजार ग़दर डॉ. असगर अली इंजीनियर युद्ध केदारनाथ “कादर” पेरिन दाजी संदीप दास वर्मा सांप्रदायिकता खुदरा व्यापार आई बी बनारस कानून संघर्ष
- उनमें अमिताभ बच्चन भी हैं जो कि अभिनय करते हैं...और शत्रुघन सिन्हा भी उनमें हसन कमाल भी हैं...जो कि लिखते हैं...और निरहू यादव भी जो कि सब कुछ करते हैं......... उनमें राम जतन पाल भी हैं जो किताब बेंचते हैं और सुंदर लाल भी जो कि कारपेंटर हैं...
- हसन कमाल की यह एक बेहद मक़बूल फ़िल्मी ग़ज़ल है, और उनके लिखे फ़िल्म ' निकाह ' के ग़ज़लों के भी तो क्या कहने! नौशाद साहब की दूसरी आख़िरी फ़िल्म ' तेरी पायल मेरे गीत ' में हसन कमाल ने गीत लिखे थे जिन्हे लता जी ने गाया था।
- हसन कमाल की यह एक बेहद मक़बूल फ़िल्मी ग़ज़ल है, और उनके लिखे फ़िल्म ' निकाह ' के ग़ज़लों के भी तो क्या कहने! नौशाद साहब की दूसरी आख़िरी फ़िल्म ' तेरी पायल मेरे गीत ' में हसन कमाल ने गीत लिखे थे जिन्हे लता जी ने गाया था।
- हसन कमाल भी बताते हैं, ' जब मोहम्मद साहब से उनके एक शिष्य ने पूछा कि अगर किसी बात को लेकर शंका हो तो क्या किया जाए? हुजूर बोले कुरान देखो. शिष्य ने पूछा फिर? हुजूर बोले-मेरी जिंदगी में इसका हल ढूंढ़ने की कोशिश करो.
- उर्दू शिक्षक के लिए सोहेल नसीम कोरवा को गैर भाषी के लिए शंभूदयाल सुखन, प्रादेशिक सम्मान साज जबलपुरी को उर्दू पत्रकारिता के लिए हकीम कमरुल हसन, अखिल भारतीय सम्मान हसन कमाल, हास्य-व्यंग्य में तूफान आफंदी को तथा नए रचनाकार के लिए डा. परवीन कैफ भोपाल को दिया जाएगा।
- इसके साथ डॉ. गोपी चंद नारंग का संस्मरण ' इंकलाबों की घड़ी ' है, जावेद अख़्तर के साथ बातचीत के अंश, नैनिताल और भोपाल से जाँनिसार अख़्तर की बेगम सजिया अख़्तर के लिखे दो ख़त, हसन कमाल की बेबाक टिप्पणी, ख़य्याम का भाव से भरा लेख, सपन (जगमोहन) की भावभीनी श्रद्धांजलि आदि इस पुस्तक में दी गई हैं।
- कृष्ण बिहारी नूर की रचना से आगाज हुआ, गुलोकारा रही छाया गांगुली-पलको के ओट में वो छुपा ले गया मुझेयानि नजर नजर से बचा ले गया मुझेफिर जफ़र कलीम का मशहूर कलाम सुना, गुलोकार रहे हरिहरन-कोई पत्ता हिले हवा तो चलेआखिर में आशा भोंसले की आवाज में हसन कमाल को सुना-इन्तेजार का हुनर चला गयाचाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गयाइस तरह, इस सप्ताह गुलदस्ता अच्छा रहा।
- वो तशरीफ़ लाए, हम लोग उन्हे वहाँ से रिसीव करके लाए, और उन्हे एक होटल में ठहराया गया, और मेरा उनसे तारुफ़ यह कह कर करवाया गया कि ' साहिर साहब, ये हसन कमाल हैं, हमारे बहुत ही तेज़ और तर्रार क़िस्म के तालीबिल्मों में, स्टुडेण्ट्स में, और इनकी सब से बड़ी ख़ुसूसीयत यह है कि इन्हे आप की नज़्म ' परछाइयाँ ', जो १ ९ पेजेस लम्बी नज़्म है, ज़बानी याद है ' ।