हवा सा sentence in Hindi
pronunciation: [ hevaa saa ]
"हवा सा" meaning in English
Examples
- अवनि अवनि हरा लिबास और सुंदर मुखड़ा जैसे हो धरती का टुकड़ा नीली नीली प्यारी आँखें झील सी गहराई उनमें मैं देखता ऐसा लगता जैसे झील किसी से करती बातें हँसी तेरी है झरने जैसी चाल तेरी है नदिया जैसी मंद हवा सा हिलता आँचल अवनि सा दिल तुझे दे गया मुझको अपने साथ
- ' बहती हवा सा था वो, उड़ती पतंग सा था वो, कहां गया उसे ढूंढो' फिल्म थ्री इडियट्स का यह गाना 18 नवंबर के बाद से शायद हर भारतीय के दिल में गूंजेगा, आखिर करोड़ों नजरों के सामने से वो नाम अलविदा कह देगा जिसकी हस्ती को ना कभी सरहदें रोक पाईं और ना कोई आलोचना।
- शान ने अपनी सुरीली आवाज़ से ' दिल चाहता है ' में कोई कहे कहता रहे फना में चांद सिफारिश सांवरिया में जब से तेरे नैना और थ्री इडियट्स में बहती हवा सा जैसे गीतों की सफलता में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन अब हिंदी फिल्मों में उनके गीतों की संख्या कम होती जा रही है।
- बर्फीला वो मौसम जब सब शून्य सा स्थिर हो जाता है हवा, पानी और ज़मीन क्या दिल भी पत्थर हो जाता है सख्त हुए हालातों को, उन जमे हुए जज्बातों को एक प्यार भरा स्पर्श मात्र,गर्मी से पिघला जाता है उस ख़ामोशी के शोर में गर्म हवा सा सहला जाता है, हाँ, जीवन ये चलता जाता है...
- एक सपना समय उड़ चला सर्द हवा सा मन के आसमान का सूरज देता मगर दिलासा सपनों पर से हटा कुहासा रेंग लिये धरती पर कितना अब अम्बर से जुड़ने दो पतंग सरीखी रंग बिरंगी आशाओं को उड़ने दो कागज से भी कोमल हैं पर उलझ ना जाएँ जरा सा नई उमंगो का मांझा अब अपने हाथ मे आने दो पर फैलाए आस का पंछी छत-मुंडेर पर गाने दो हर्ष भरे नयनों से देखो रीता घट भी लगे भरा सा-संध्या सिंह लखनऊ से १.
- (9) जो मेरा हुक्मरान हो वो मेरा कौन हुआ मैं किसी हिज्र की सी फिक्र में हुआ सा हूं वो लियाकत जो मेरे काम बहुत न आयी मुझको भी इल्म कहां मैं किसी दवा सा हूं जो मुझे दोस्त करे और मेरी मुश्किल हो मैं किसी ऐसे फलसफे पे क्यों फिदा सा हूं ये तेरा साथ मेरे साथ में क्या क्या करता मैं तेरे साथ में किस बात पे पहुंचा सा हूं मैं निजामुद्दीन रहूं और करूं जिक्रे खैर मैं भी क्यों होश में बेहोश या हवा सा हूं
- सत्तरवें जन्मदिवस पर--मन मदन, मस्तिष्क मोहन, मद नहीं और मोह भी ना और मै बहती हवा सा, सुगन्धित हूँ, मधुर, भीना कभी गर्मी की तपिश थी, कभी सर्दी थी भयंकर कभी बारिश की फुहारों का लिया आनंद जी भर कभी अमृत तो गरल भी, मिला जो पीता गया मै विधि ने जो भी लिखा उस विधि जीता रहा मै कभी सुख थे, कभी दुःख थे, कभी रोता, कभी हँसता कई जीवन रंग देखे, अब हुआ सत्तर बरस का