सुभाष चन्द्र कुशवाहा sentence in Hindi
pronunciation: [ subhaas chender kushevaahaa ]
Examples
- उद्घाटन के अवसर पर अपने स्वागत-भाषण में लोकरंग आयोजन-समिति के अध्यक्ष कथाकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा ने लोकरंग कार्यक्रम को बाजारवाद की आंधी में खो रहे मूल्यों को सहेजने का एक विनम्र प्रयास बताया.
- उद्घाटन के अवसर पर अपने स्वागत-भाषण में लोकरंग आयोजन-समिति के अध्यक्ष कथाकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा ने लोकरंग कार्यक्रम को बाजारवाद की आंधी में खो रहे मूल्यों को सहेजने का एक विनम्र प्रयास बताया.
- समीक्षित अंक की प्रमुख कहानियों में से एक ‘ पेड़ लगाकर फल खाने का वक्त नहीं ' (सुभाष चन्द्र कुशवाहा) एक ऐसी कहानी है जेा वर्तमान राजनीतिक अवसरवाद की तह तक जाती है।
- चर्चा में मधु कांकरिया, सुभाष चन्द्र कुशवाहा, रतन कुमार सांभरिया, मंजू चतुर्वेदी, मनीषा कुलश्रेष्ठ, डॉ. रईस अहमद, जितेन्द्र भारती, हबीब कैफी, विजय कुमार, कैलाश बनवासी और प्रो. नवल किशोर ने भाग लिया।
- इस बार की महत्वपूर्ण उपलब्धि यह थी कि कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए कथाकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा की अगुवाई वाली आयोजक संस्था-‘ लोकरंग सांस्कृतिक समिति ' ने एक एकड़ जमीन में एक विशाल परिसर और उसमें एक विशाल मुक्ताकाशी मंच का निर्माण करा दिया था।
- सुभाष चन्द्र कुशवाहा प्रकाशन वर्ष 2010 मूल्य रु. 100.00 बहेलिये: विपिन कुमार शर्मा प्रकाशन वर्ष 2010 मूल्य रु.100.00 बाणमूठ: मुरारी शर्मा प्रकाशन वर्ष 2010 मूल्य रु.100.00 कविता-संग्रह स्याही ताल: वीरेन डंगवाल प्रकाशन वर्ष 2009 मूल्य रु.100.00 घर के बाहर घर: विष्णु नागर प्रकाशन वर्ष 2010 मूल्य रु.
- यह कहते हुए अबरार ने ए. आर. टी. ओ व महान साहित्यकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा को बताया की वह तो लुटेरा है और अंतर्गत धारा 147,148, 392, 323, 504, 506 आइ. पी. सी का मुकदमा कप्तान के आदेश से दर्ज हुआ था।
- और जिस समाज में बच्चों को भूख मिटाने के नाम पर स्कूल में आने का लालच दिया जा रहा हो, क्या उसकी पूरी सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक संरचना पर ही सवाल खड़े नहीं होते? वरिष्ठ लेखक सुभाष चन्द्र कुशवाहा का यह लेख कई सवालों की तरफ इशारा करता है.
- सांस्कृतिक भड़ैती व फूहड़पन के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में हिन्दी कथाकार सुभाष चन्द्र कुशवाहा के संयोजन में लोकरंग सांस्कृतिक समिति के इस अभियान से परिवर्तन की नई लहर को महसूस किया जा सकता है, खासतौर से इसने नौजवानों में नई संस्कृतिक चेतना पैदा की है और देश के संस्कृतिप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
- इस मौके पर हुई विरोध सभा को रामजी राय, अजय सिंह, शिवमूर्ति, ताहिरा हसन, गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव, रमेश दीक्षित, सुभाष चन्द्र कुशवाहा, राजेश कुमार, के 0 के 0 पाण्डेय, भगवान स्वरूप कटियार, चन्द्रेश्वर, वंदना मिश्र, के 0 के 0 वत्स, कल्पना पाण्डेय, बी 0