सर्वहारा की तानाशाही sentence in Hindi
pronunciation: [ servhaaraa ki taanaashaahi ]
Examples
- चूंकि संसदीय राजनीति सर्वहारा की तानाशाही को लोकतंत्र के खिलाफ मानती है, लेकिन राजनेताओ की तानाशाही को संसदीय व्यवस्था में प्रजातंत्र करार देती है तो आर्थिक संकट में मुनाफा कमाने की थ्योरी भी राजनेताओ के ही पास है ।
- वह व्यवहार में तो संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चल रही है और लोकतांत्रिक तरीके से ही समाजवाद लाने का दावा करती है लेकिन उसने अभीतक सर्वहारा की तानाशाही जैसी घोर लोकतंत्र विरोधी वैचारिक संकल्पना को भी छोड़ा नहीं है।
- सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का कमोबेश तेजी के साथ समाजवादी रूपांतरण करने के क्रम में हरेक देश लोकतंत्र के किसी रूप से लेकर सर्वहारा की तानाशाही के किसी प्रकार तक के जरिए इस राह में कुछ न कुछ योगदान करेगा ।
- अंततः हमारी परिस्थिति क्लासिकल बीसवीं शताब्दी की परिस्थिति से एकदम विपरीत है जिसमें वामपंथ को पता था कि उसे क्या करना है (सर्वहारा की तानाशाही स्थापित करनी थी) उसे सिर्फ लागू करने के लिए सही समय की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करनी थी.
- ऐसे माओ और स्तालिन को अपना महानायक माननेवाली माकपा के बारे में यह कैसे मान लिया जाए कि उसने सचमुच मानव आधिकारों की रक्षक है और उसने तहे दिल से सर्वहारा की तानाशाही का लोकतंत्र विरोधी रास्ता छोड़कर लोकतंत्र का रास्ता अपना लिया है।
- इसी प्रकार ख्रोतश्चोव और गोर्बाचोव ने बदले हुए विश्व हालात के बहाने से सर्वहारा की तानाशाही की जगह पफासीवादी तानाशाही को लागू करना शुरू कर दिया था और शान्तिपूर्ण संक्रमण, शान्तिपूर्ण सह अस्तित्व और शान्तिपूर्ण स्पर् (ा की घोषणा की थी ।
- माओवादी सर्वहारा की तानाशाही में विश्वास करते हैं, जबकि आदिवासियों के बीच स्वशासन की अपनी एक लंबी परंपरा है, जो निरंतर कमजोर तो पड़ती जा रही है, लेकिन उसका मूलाधार ग्रामसभा होती है जिसमें गांव के लोग अहम फैसले लेते हैं।
- क्या किसी भी वामपंथी या कम्युनिस्ट पार्टी या संगठन का इससे इतर कोई उद्देश्य हो सकता है या होना चाहिए? लाल ने एक दिन पहले ही सर्वहारा की तानाशाही लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी, क्या इसे सिर्फ सामान्य समध माना जाना चाहिए?
- इस दौरान के अर्थतंत्र को लेकर अगर मार्क्स ने महज कुछ सूत्र ही दिए तो राजनीतिक ढाँचे को लेकर और भी कम कहा लेकिन एक पद ‘ सर्वहारा की तानाशाही ' को लेकर बहुत विवाद हुए इसलिए उसके बारे में कुछ बातें रणधीर सिंह ने कीं ।
- रूस की अगुवाई में सर्वहारा की तानाशाही की तथाकथित मशीन के तहत कम से कम हथियारों और विनाश का सामर्थ््य एक नयी विचारधारा के पास भी थी जो पश्चिम की घोषित मुक्त बाजार की व्यवस्था से सीधे-सीधे विपरीत ध्रुव पर ही नहीं खड़ी थी बल्कि चुनौती दे रही थी.