सत्यप्रकाश मिश्र sentence in Hindi
pronunciation: [ setyeprekaash misher ]
Examples
- अपने मित्र डा. सत्यप्रकाश मिश्र की मृत्यु के बाद आत्मीय अग्रज मार्कण्डेय जी के निधन से दुखी कई दशकों के साथी सतीश जमाली ने रुंधे कंठ से कहा, ‘ गुरु जिस ठसक से इलाहाबाद में रहे थे उसी ठसक से विदा हुए।
- (कहने को तो माध्यम में कभी सत्यप्रकाश मिश्र ने पांच कविताएं छापी थी, और सिर्फ अब पंकज चतुर्वेदी और पटना के कुछ मित्रों को याद है कि अपने संपादन में ' कथादेश ' के युवा पीढ़ी विशेषांक में अरुण कमल ने दो छापी थी.
- मैं कविता पर भी सीधे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा और थोड़ा विषयान्तर करते हुए बताना चाहूंगा कि मैंने डी0फिल0 के लिए कथाकार शानी पर शोधकार्य 1997 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रो0 सत्यप्रकाश मिश्र के निर्देशन में शुरू किया और अपनी काहिली के चलते 2006 में उसे नैनीताल में निबटाया।
- मैं कविता पर भी सीधे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा और थोड़ा विषयान्तर करते हुए बताना चाहूंगा कि मैंने डी 0 फिल 0 के लिए कथाकार शानी पर शोधकार्य 1997 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रो 0 सत्यप्रकाश मिश्र के निर्देशन में शुरू किया और अपनी काहिली के चलते 2006 में उसे नैनीताल में निबटाया।
- राजधानी रांची में पूर्व मंत्री और सदान संघर्ष मोर्चा के नेता लालचंद महतो, राजेंद्र प्रसाद, आजम अहमद, लीलावती गुप्ता, कर्नल ज्योतिदेव और सत्यप्रकाश मिश्र अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग समूह के साथ बंद के समर्थन में सड क पर उतरे और व्यवसायियों एवं दुकानदारों से समर्थन देने की अपील की।
- सत्यप्रकाश मिश्र छायावाद से संबंधित उनकी शास्त्र मीमांसा के विषय में कहते हैं-“महादेवी ने वैदुष्य युक्त तार्किकता और उदाहरणों के द्वारा छायावाद और रहस्यवाद के वस्तु शिल्प की पूर्ववर्ती काव्य से भिन्नता तथा विशिष्टता ही नहीं बतायी, यह भी बताया कि वह किन अर्थों में मानवीय संवेदन के बदलाव और अभिव्यक्ति के नयेपन का काव्य है।
- बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संत प्रसाद पाण्डेय, उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह, जगदीश यादव, रामधारी यादव, ओमप्रकाश आर्य, सत्यप्रकाश मिश्र का कहना है कि आय जाति प्रमाण पत्रों के लिए शासन द्वारा समय सीमा निर्धारित है परन्तु जलालपुर तहसील में आवेदक महीनों से प्रमाण पत्र के लिए तहसील का चक्कर लगा रहे है।
- सत्यप्रकाश मिश्र छायावाद से संबंधित उनकी शास्त्र मीमांसा के विषय में कहते हैं-“ महादेवी ने वैदुष्य युक्त तार्किकता और उदाहरणों के द्वारा छायावाद और रहस्यवाद के वस्तु शिल्प की पूर्ववर्ती काव्य से भिन्नता तथा विशिष्टता ही नहीं बतायी, यह भी बताया कि वह किन अर्थों में मानवीय संवेदन के बदलाव और अभिव्यक्ति के नयेपन का काव्य है।
- सात आठ साल हमने भी वहाँ के फेरे खूब लगाए हैं.....मैं वड़ा खाया करता था.....लोक भारती वाले दिनेश जी वहाँ केवल पानी पीने आते हैं......हमने वहाँ जो बैठके की हैं उनमे लक्ष्मीकान्त वर्मा, राम स्वरूप चतुर्वेदी...भैरव प्रसाद गुप्त, राम कमल राय, सत्यप्रकाश मिश्र जैसे स्वर्गीय दिग्गजों के साथ ही मार्कण्डेय जी, दूधनाथ सिंह, शेखर जोशी, सतीश जमाली, रवींद्र कालिया, नीलाभ जैसे लोग या लेखक होते थे.....तब तक वहाँ साहित्यकार फेरे लगाते थे...अब का मैं कह नहीं सकता... सूरदास का एक दोहा याद आता है....अब वै बात उलटि गईं....