शकुन्तला देवी sentence in Hindi
pronunciation: [ shekunetlaa devi ]
Examples
- शकुन्तला देवी घर के भीतर के सभी इंतजाम में ब्यस्त! आँगन पूरी तरह से भर गया था! आखिर इतनी भाग दौड़ क्यों?, चुकी निर्मला की शादी जो थी, जानी मानी टी. वि. चैनल की एंकर, वह भी..
- याचीगण की ओर से ए0पी0ड0-1 श्रीमती शकुन्तला देवी साक्ष्य में पेष हुई है और उसने याचिका के तथ्यों को दोहराते हुए कहा है कि मृतक उसे 3000रू0 प्रतिमाह खर्चे के लिए देता था, उसने अपने पति का वेतन प्रमाण पत्र अनुलग्नक-3 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया है।
- इस सम्बन्ध में सन्तलाल पुत्र रामसंजीवन जोकि मृतका का पिता है उसने स्वंय अपनी जिरह के पेज-3 पर यह कहा है कि अभियुक्तगण दिलीप उर्फ डिगील और श्रीमती शकुन्तला देवी ने मृतका को मरने के लिए मजबूर नहीं किया तथा उसे मारते-पीटते नहीं थे, ससुराल में उसको कोई तकलीफ नहीं थी।
- उसने गांव वालों से कोई पूछताछ नहीं की थी और न उसे किसी ने बताया था कि पति मोहन पुरी, सास शकुन्तला देवी व जेठ सोनी पुरी द्वारा दहेज में पचास हजार रूपये की मांग पूरी न होने के कारण रात में इन लोगों द्वारा बबीता की हत्या कर दी गयी है।
- हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की प्रचलित एवं पारम्परिक लोक कलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सूचना, जनसम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित सांझी अथवा झांझी प्रतियोगिता में गांव दौलताबाद निवासी शकुन्तला देवी ने प्रथम पुरस्कार, प्रेमलता पत्नी ने द्वितीय पुरस्कार तथा बढख़ल निवासी रजनी ने तीसरा पुरस्कार हासिल किया।
- फौजदारी निगरानी संख्या-11 / 2009 दयाकृष्ण पुत्र राम प्रसाद वनाम शकुन्तला देवी पत्नी दयाकृष्ण निर्णय 1-प्रस्तुत निगरानी, दयाकृष्ण पुत्र राम प्रसाद की ओर से विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्टेट पिथौरागढ द्वारा विविध फौजदारी वाद संख्या-49/09 शकुन्तला देवी बनाम दया कृष्ण अन्तर्गत धारा-125 दण्ड प्रक्रिया संहिता में पारित आदेश दिनांक 12-5-2009 के विरूद्व प्रस्तुत की गयी है।
- फौजदारी निगरानी संख्या-11 / 2009 दयाकृष्ण पुत्र राम प्रसाद वनाम शकुन्तला देवी पत्नी दयाकृष्ण निर्णय 1-प्रस्तुत निगरानी, दयाकृष्ण पुत्र राम प्रसाद की ओर से विद्वान मुख्य न्यायिक मजिस्टेट पिथौरागढ द्वारा विविध फौजदारी वाद संख्या-49/09 शकुन्तला देवी बनाम दया कृष्ण अन्तर्गत धारा-125 दण्ड प्रक्रिया संहिता में पारित आदेश दिनांक 12-5-2009 के विरूद्व प्रस्तुत की गयी है।
- निगरानीकर्ता की ओर से 2008 प्र0नि0प0 167 (क्रिमिनल) श्रीमती शकुन्तला देवी बनाम स्टेट ऑफ यू0पी0 की नजीर प्रस्तुत की गयी है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा धारा-156 (3) दं0प्र0संहिता के संबंध में यह स्पष्ट किया कि यदि किसी घटना के संबंध में रिपोर्ट पहले ही दर्ज की जा चुकी हो तो उस वाद में अभियुक्त है अथवा उसकी ओर से कोई व्यक्ति कथित घटना के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करा सकता है।
- संक्षेप में अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि अभियोगिनी बबीता नैथानी द्वारा दिनांक 28-03-2006 को एक तहरीरी रिपोर्ट प्रदर्ष क-1 पट्टी पटवारी गगवाड़स्यूं को इस आषय से दी गई कि दिनांक 28-03-2006 को वह अपने मायके कोटनाल गांव पट्टी-इडवालस्यूं जा रखी थी तो लगभग 8ः00 बजे सुबह ग्राम बुडोली पट्टी गगवाड़स्यूं का कुलदीप चन्द्र उनके घर पर आया और उसने वादिनी एवं उसकी माता शकुन्तला देवी से कहा है कि उसकी लड़की सुनीता पत्नी अनिल की तबियत खराब है और वह तुरन्त बुडोली आ जाए।
- 1-फूलकली पत्नी शिवलाल-दायें हाथ में चोट 2-विमला देवी (अंधी लड़की)-चेहरे पर चोटे एवं खरोज के निशान 3-रूकमणि (70 वर्ष की वृद्धा विधवा)-पांव में सूजन चेहरे पर खरोंच 4-तारा देवी-बुरी तरह घायल 5-शकुन्तला देवी-चेहरे पर चोट के निशान 6-भँवरी देवी-शरीर पर चोट के निशान सत्तर साल की रूकमणि ने रोते हुये बताया कि पुलिस ने उसके पैरो पर लाठियों से मारा है।