विश्व गौरैया दिवस sentence in Hindi
pronunciation: [ vishev gaauraiyaa dives ]
Examples
- मेरी बेटी 5 साल की है, आज उसका बर्थड़े है,मै खुश हूँ की 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस है,हर साल मै गौरैया दिवस को 1 नए जोश से मनौयागा,और सब भी इसमे शामिल होंगे,मैंने आज फोटो किए,.........................
- विश्व गौरैया दिवस २० मार्च को प्रथम विश्व गौरैया दिवस मनाये जाने पर मन प्रफुलित हो उठा, चलो बिल्लियों और कौओ की इस भीड़ मे जनता जनार्दन मे अब भी इतनी चेतना है कि घर-आँगन मे रहने वाली गौरैया याद आ ही गयी ।
- विश्व गौरैया दिवस २० मार्च को प्रथम विश्व गौरैया दिवस मनाये जाने पर मन प्रफुलित हो उठा, चलो बिल्लियों और कौओ की इस भीड़ मे जनता जनार्दन मे अब भी इतनी चेतना है कि घर-आँगन मे रहने वाली गौरैया याद आ ही गयी ।
- मिश्र जी, नमस्कार... अच्छी चर्चा की आपने... विश्व गौरैया दिवस पर मैंने अपने दिल की व्यथा को एक कविता के माध्यं से अपने ब्लॉग पर पोस्ट किया था...मैं चाहूँगा आप देखें......विश्व गौरैया दिवस-गौरैया...तुम मत आना...(कविता)..लड्डू बोलता है....इंजीनियर के दिल से....
- ' विश्व गौरैया दिवस ' पर पर 20 मार्च, 2013 को ' शब्द-शिखर ' पर लिखी गई मेरी पोस्ट ' लौट आओ नन्ही गौरैया ' को 9 अप्रैल, 2013 को जनसत्ता के नियमित स्तम्भ ' समांतर ' में ' लौट आओ गौरैया ' शीर्षक से स्थान दिया है.
- गौरैया को बचाने के लिए भारत की ' नेचर्स फोरएवर सोसायटी ऑफ इंडिया ' और ' इको सिस एक्शन फाउंडेशन फ्रांस ' के साथ ही अन्य तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने मिलकर 20 मार्च को ' विश्व गौरैया दिवस ' मनाने की घोषणा की और वर्ष 2010 में पहली बार ' विश्व गौरैया दिवस ' मनाया गया।
- गौरैया को बचाने के लिए भारत की ' नेचर्स फोरएवर सोसायटी ऑफ इंडिया ' और ' इको सिस एक्शन फाउंडेशन फ्रांस ' के साथ ही अन्य तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने मिलकर 20 मार्च को ' विश्व गौरैया दिवस ' मनाने की घोषणा की और वर्ष 2010 में पहली बार ' विश्व गौरैया दिवस ' मनाया गया।
- मितौली नगर युवक कांग्रेस के अघ्यक्ष अमित गुप्ता के आवास पर हुई 18 मार्च को आपकी मुलाकात हमारे साथ-साथ हमारे अन्य साथियों को भी उर्जावान बना गयीं, क्योंकि विश्व गौरैया दिवस पर हम लोग जो कार्यक्रम करने वाले थे उसके लिये हमे एक प्रेरणा स्त्रोत की जरूरत थी जो आपके प्रयास से पूरी हो चूकी थी।
- जब 20 मार्च 2010 को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया गया तब निबन्ध प्रतियोगितायें, भाषण-बाजी, पोस्टर-लोगो और तस्वीरों का प्रदर्शन आदि कई आयोजन हु ए किन्तु अब शायद ये दिवस मात्र एक औपचारिकता नहीं रहेगा, क्योंकि खीरी जनपद के लोगों ने इसे एक आंदोलन का रूप देने की तैयारी कर ली है, ताकि सदियों से हमारे साथ रहती आई यह प्रजाति (गौरैया) का सरंक्षण व संवर्धन हो सके।