वारणावत sentence in Hindi
pronunciation: [ vaarenaavet ]
Examples
- दुर्योधन ने वारणावत में पाण्डवों के निवास के लिये पुरोचन नामक शिल्पी से एक भवन का निर्माण करवाया था जो कि लाख, चर्बी, सूखी घास, मूंज जैसे अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थों से बना था।
- दुर्योधन ने वारणावत में पाण्डवों के निवास के लिये पुरोचन नामक शिल्पी से एक भवन का निर्माण करवाया था जो कि लाख, चर्बी, सूखी घास, मूंज जैसे अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थों से बना था।
- दुर्योधन ने वारणावत में पाण्डवों के निवास के लिये पुरोचन नामक शिल्पी से एक भवन का निर्माण करवाया था जो कि लाख, चर्बी, सूखी घास, मूंज जैसे अत्यन्त ज्वलनशील पदार्थों से बना था।
- अतः वे वारणावत जाते हुये पाण्डवों से मार्ग मे मिले तथा उनसे बोले, “ देखो, दुर्योधन ने तुम लोगों के रहने के लिये वारणावत नगर में एक ज्वलनशील पदार्थों एक भवन बनवाया है जो आग लगते ही भड़क उठेगा।
- अतः वे वारणावत जाते हुये पाण्डवों से मार्ग मे मिले तथा उनसे बोले, “ देखो, दुर्योधन ने तुम लोगों के रहने के लिये वारणावत नगर में एक ज्वलनशील पदार्थों एक भवन बनवाया है जो आग लगते ही भड़क उठेगा।
- आपने महाभारत में लाक्षागृह षडयंत्र के बारे में तो सुना होगा पांडवों को बचाने के लिए उसमे खोदी गयी वह सुरंग आज भी देख सकते हैं बरनावा या वारणावत मेरठ से ३ ५ किलोमीटर दूर और सरधना से १ ७ कि. मी बागपत जिला में।
- जब दुर्योधन ने वारणावत के लाक्षागृह में पाण्डवों को उनकी मां कुन्ती के सहित जला देने की योजना बनाई तो विदुर ने ही इस पूरे षडयन्त्र का पता युधिष्ठिर को भरी राजसभा में एक ऐसी भाषा के माध्यम से दे दिया, जो सिर्फ विदुर और युधिष्ठिर ही जानते थे।
- यह भूमि बालखिल्या पर्वत और वारणावत पर्वत की परिधि मॆं स्थित सिध्द्कूट, धर्मकूट,यक्छकूट और अप्सरागिरी पर्वत श्रॆणियॊं की गॊद मॆं भव्य बालगंगा और धर्मगंगा कॆ संगम पर स्थित है.प्राचीन समय मॆं यह स्थल पांच नदियॊं क्रमश:बालगंगा,धर्मगंगा,शिवगंगा,मॆनकागंगा व मट्टानगंगा कॆ संगम पर था.सिध्दकूट पर्वत पर सिध्दपीठ ज्वालामुखी का भव्य मन्दिर है.धर्मकूट पर
- पाँचों पाण्डवों को कुन्ती सहित जलाकर मार डालने के उद्देश्य से दुर्योधन ने वारणावत नामक स्थान में एक चपड़े का महल बनवाया और अन्धे राजा धृतराष्ट्र को समझा बुझाकर धृतराष्ट्र के द्वारा युधिष्ठिर को आज्ञा दिलवा दी कि ' तुम लोग वहाँ जाकर कुछ दिन रहो और भाँति-भाँति से दान-पुण्य करते रहो।
- पाँचों पाण्डवों को कुन्ती सहित जलाकर मार डालने के उद्देश्य से दुर्योधन ने वारणावत नामक स्थान में एक चपड़े का महल बनवाया और अन्धे राजा धृतराष्ट्र को समझा बुझाकर धृतराष्ट्र के द्वारा युधिष्ठिर को आज्ञा दिलवा दी कि ' तुम लोग वहाँ जाकर कुछ दिन रहो और भाँति-भाँति से दान-पुण्य करते रहो।